अजमेर वृत्त के संरक्षित स्मारकों पर सचित्रा प्रदर्शनी का आयोजन

अजमेर, 18 अप्रेल। राजकीय संग्रहालय में विश्व धरोहर दिवस के अवसर पर मंगलवार को अजमेर वृत के संरक्षित स्मारकों की विवरणात्मक सचित्रा प्रदर्शनी आयोजित का आयोजन किया गया। यह प्रदर्शनी 25 अप्रेल तक आमजन के लिए खुली रहेगी।
पुरातत्व एवं संग्रहालय विभाग के अधीक्षक श्री जफर उला खां ने बताया कि संग्रहालय की कला पुरासामग्री को विभिन्न दीर्घाओं में प्रदर्शित किया गया है। प्रथम दीर्घा में मोहन-जोदड़ों की उत्खन्नित पुरासामग्री, द्वितीय दीर्घा में प्राचीन प्रस्तर प्रतिमाओं के साथ प्राचीन शिलालेख, प्राचीन धातु प्रतिमाएँ, तृतीय दीर्घा में अस्त्रा-शस्त्रा, प्रस्तर प्रतिमाएँ, लघुचित्रा आदि प्रमुख रूप से प्रदर्शित एवं संग्रहित हैं। वर्तमान में इन संग्रहालय दीर्घाओं का विकास कार्य प्रगति पर है। प्रदर्शनी का आकर्षण राजस्थान व अजमेर क्षेत्रा की प्रस्तर प्रतिमाएँ, प्राचीन मुद्राएँ, शिलालेख, अस्त्रा-शस्त्रा, लघुचित्रा, ताम्र-पत्रा, धातु प्रतिमाएँ एवं स्थानीय कलापुरा सामग्री भी है।
उन्होंने बताया कि राजस्थान सरकार की प्रशासनिक व्यवस्था के अनुरूप पुरातत्त्व एवं संग्रहालय विभाग सात वृत्त में विभक्त है। वृत्त अजमेर के अधीन अजमेर, नागौर, भीलवाड़ा एवं टोंक जिले विद्यमान हैं। इन चार जिलों में विभाग के अधीन 47 पुरासम्पदा संरक्षित स्मारक घोषित हैं। इन संरक्षित स्मारकोें के सचित्रा विवरण के साथ प्रदर्शनी लगाई गई है। संरक्षित स्मारकों के आलेख में ऐतिहासिकता एवं स्थापत्यकला शैली का विशेष रूप से उल्लेख किया गया है।
उन्होंने बताया कि प्राचीन पुरासम्पदा के खण्ड़हर, इतिहास की जानकारी देने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करते हैं। इनकी जानकारी प्राप्त करना मानवीय जिज्ञासा रही है। समृद्धिशाली शासकों ने अधिक संख्या में किलों, महलों, धार्मिक आस्थानुसार मन्दिरों, मस्जिदों एवं जनहित में बावड़ियों आदि का निर्माण करवाया है। इनके अध्ययन से विभिन्न युगों की सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक एवं धार्मिक दशा के उतार-चढ़ाव का, अनेक विद्वानों एवं इतिहासकारों द्वारा विश्लेषण किया जाता रहा है। इतिहास लेखन और कला की दृष्टि से भारत में राजस्थान की पुरासम्पदा एवं कला पुरासामग्री का एक विशिष्ट स्थान रहा है। वृत्त अजमेर में प्रागैतिहासिक काल से कला पुरासामग्री एवं पुरासम्पदा हमारी सांस्कृतिक धरोहर के रूप में विश्व प्रसिद्ध है।
उन्होंने बताया कि वृत्त अजमेर के संरक्षित स्मारकों की सचित्रा प्रदर्शनी, इस क्षेत्रा की पुरासम्पदा को व्यापक परिचय देने में समर्थ रहेगी। यह प्रदर्शनी पर्यटकों, विद्यार्थियों, कला-प्रेमियों, शोधार्थियों तथा इतिहास के जिज्ञासुओं के लिए उपयोगी एवं ज्ञानवर्द्धक सिद्ध होगी। पुरातत्व एवं संग्रहालय विभाग द्वारा अजमेर वृत्त के इन 47 संरक्षित स्मारकों पर छाया चित्रों सहित पुस्तिका का प्रकाशन किया जा चुका है।

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