दुःख का कोई देश नहीं होता

रास बिहारी गौड
रास बिहारी गौड

दुःख का कोई देश नहीं होता
उसका नाम नहीं लिखा होता पत्थरो पर
माटी के स्पंदन को सहेजे
विचरता है पूरी कायनात में

आंसू की कोई सरहद नहीं होती
समुन्दर के नमक में घुला होता है
उसका स्वाद
बादलो के अंतस से,ऊष्मा ले
बरसता है
प्यासी धरती की देह पर

रिश्तो पर किसी का राज नहीं होता
जब जब पिघलती है बर्फ
फुट पड़ता है मीठे पानी का सोता
बहती नदियों पर बंधे बाँध
बेमानी हो जाते हैं
एक हो जाते है तब
हमारे दुःख ,आंसू और रिश्ते

रास बिहारी गौड़
09680073007
09414007399

error: Content is protected !!