क्रोध के विनाशकारी नतीजे

क्रोध आखिर है क्या?

डॉ. जुगल किशोर गर्ग
डॉ. जुगल किशोर गर्ग

मनोवैज्ञानिक चार्ल्स स्पिलबर्गर, (इन्होंने क्रोध पर विशेष अध्ययन किया है) के अनुसार क्रोध एक ऐसी भावनात्मक अवस्था है जिसकी तीव्रता मामूली चिडचिडेपन से अत्यंत चरम सीमा की उत्तेजना, आवेश एवं क्रोधान्धता होती है| अन्य भावनाओं की तरह क्रोध भी शारीरिक और जैविक बदलावों से जुडा होता है।जब आप नाराज होते हैं तब आपके दिल की धडक़नें बढ ज़ाती है और रक्तचाप भी बढ ज़ाता है और साथ ही साथ आपके एनर्जी हारमोन्स एड्रेनेलिन और नोराड्रेनेलिन का स्तर भी बदल जाता है।
गुस्सा आन्तरिक और बाह्य दोनों कारणों से आ सकता है।आप किसी व्यक्ति विशेष पर नाराज हो सकते हैं जैसे कि कोई सहपाठी या शिक्षक,और किसी घटना जैसे कि ट्रैफिक जैम या रद्द हो चुकी उडान पर।या फिर आपका गुस्सा अपनी ही व्यक्तिगत परेशानियों की वजह से भी उभर सकता है,किसी यंत्रणादायी घटना का स्मरण या क्रोधित कर देने वाली बात का स्मरण भी आप में क्रोध की भावना को हवा दे सकता है।
हमजानतेहैंकि“जैसीभावनावैसाहीमन“क्रोधकीभावनाकेजन्मकेसाथहीमनुष्यभीतरमनोवैज्ञानिकएवंजैविकपरिवर्तनहोनेलगतेहैं |
क्रोध का परिवार———
क्याआपक्रोध के विशालकायपरिवार यथा उसकी पत्नी, उसके पिता, बेटें-बेटियाँ,भाई-बहिन,पुत्रवधुएँ आदि से परिचित हैं , अगर नहीं तो जान लिजीये———-
पत्नी–हिंसाक्रोधकीपत्नीहै, वहकर्कशा भीहै|
बहिन– अडियलपन(जिद्दी)क्रोधकी बहनहै|
भाई— स्वअहमं(ईगो)क्रोधकाभाईहै|
पिता— क्रोधकेपिताजी का नाम अहंकारहैं|
पुत्र— क्रोध के पुत्र का नाम भय है, क्रोधी से सभी डरते हैं क्यों कि वह भय का बाप है |
पुत्रियाँ—क्रोध की दो पुत्रियाँ —निंदा और चुगली, निंदा का निवास मुंह है वहीं दूसरी बेटी चुगली कान में निवास करती है |
पुत्रवधुएँ—–क्रोध के बदतमीज पुत्रों में से जयेष्ट पुत्र का नाम वैर-विरोध-दुश्मनीहै, क्रोध की पुत्र वधुओं के नाम—इर्ष्या तथा घ्रणा है |
क्रोध के घर में अतिथीयों का स्वागत किस प्रकार से किया जाता है ?—–क्रोध के घर पर आने वाले अतिथीयों का स्वागत क्रोध की पुत्र वधुएँ ( इर्ष्या-घ्रणा ) नाक और मुँह सिकोड़ कर करती हैं |
क्या — क्या होते हैंक्रोध के विनाशकारी प्रभाव ?———
सच्चाई तो यही है कि क्रोध हमें ही नहींकिन्तुहमारेदिमागकोभीअस्थिरबनाकरहमेंमानसिकरोगीबनानेकीक्षमतारखताहै , एवंधीमें-धीमें क्रोध हमें मानसिक रोगीबनाताभीहै (Anger is certainly a slowpoison) |
क्रोध असलियत के अन्दरमाचिसकीतीलीहीहैजोदुसरोंकोजलानेकेपहलेखुदभीजलतीहै,क्रोधसेआपकारोम-रोमआगबबूलाहोकरभुनजाताहै | वास्तव मेक्रोध अंगारा है |
सभी धर्मों केधार्मिकग्रन्थोंकेमुताबिकक्रोध की वजहसेएकऔरहमारेभीतरशक,संजय,भ्रमउत्पन्नहोतावहींदूसरीतरफ क्रोधहमेंअव्यवारिकबनाकरहमारीतर्कसम्मतबुद्धीएवंविवेककोअपूर्णीयक्षतिभीपहुंचाताहै|जोभीस्त्री-पुरुषक्रोधकेनियन्त्रणमेंहोतेहैंवेअपनाआत्म-नियन्त्रणपुरीतरहसेखोदेतेहैं|
क्रोधआपकेजीवनमेसेप्यार-स्नेहकोजड़-मूलसेनष्टकरदेताहै|
क्रोधआपकीसामाजिकप्रतिष्ठाकोखत्मकरदेताहै,जिससेसमाजमेंआपअपनासम्मानखोदेतेहैं|
क्रोधआपकोमित्रविहीनबनाडालताहै|
हमारे भीतर उपजी नकारात्मकसोचकी जननी भीक्रोध ही है ||
क्रोध के विनाशकारी प्रभाव के बारे मेंमहान लोगों के विचार

जो व्यक्ति बदले की भावना रखता है वो दरअसल अपने ही घावों को हरा रखता है—–फ्रांसिस बैकन
एक क्रोधित व्यक्ति अपना मुंह खोल लेता है और आँख बंद कर लेता है—-केटो
क्रोध और असहिष्णुता विवेक या सही समझ के दुश्मन हैं—-महात्मा गाँधी
क्रोध मूर्खों के ह्रदय में ही बसता है—-अल्बर्ट आइन्स्टाइन
क्रोध को पाले रखना गर्म कोयले को किसी और पर फेकनें की नियत से पकड़े रहने के समान है—भगवान बुद्ध
क्रोध करने का मतलब है,दूसरों की गलतियों कि सजा स्वयं को देना|जब क्रोध आए तो उसके परिणाम पर विचार करो —कन्फ्यूशियस
क्रोध मूर्खता से प्रारम्भ और पश्चाताप पर खत्म होता है—-पाईथागोरस
क्रोध से मूढ़ता उत्पन्न होती है,मूढ़ता से स्मृति भ्रांत हो जाती है,स्मृति भ्रांत हो जाने से बुद्धि का नाश हो जाता है और भ्द्धि नष्ट होने पर प्राणी स्वयं नष्ट हो जाता है—- भगवानकृष्ण
क्रोध आदमी के लिये यमराज ही है—–चाणक्य
डा. जे. के. गर्ग

सन्दर्भ—–विकीपीडिया, हिन्दी नेस्ट.कॉम,मेरी डायरी के पन्ने, विभिन्न संतों एवं महापुरूषों के प्रव्रचन आदि

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