मित्रों, जबसे चीन ने न्यूक्लिअर सप्लायर्स ग्रुप (NSG) में भारत के प्रवेश का विरोध किया है, देशभर में चीनी उत्पादों के बहिष्कार की अपील की जाने लगी है। यह सच है के हम चीन से 8 से 10 लाख करोड़ सालाना का माल आयत कर रहे हें। अगर अन्य देशों से आयत भी इसमें जोड़ दिया जाये तो यह 25 से 30 लाख करोड़ रूपये सालाना हो जायेगा। अगर हम भारत द्वारा निर्यात किये जाने वाले 10 से 12 लाख करोड़ इसमें से घटा दे तो भी 15 से 20 लाख करोड़ रुपया हमारे देश से प्रतिबर्ष बाहर चला जाता है। इसलिए आवश्यकता इस बात की है कि हम अपनी जीवन शेली में जो भी उत्पाद शामिल करना चाह रहे हें कृपया उसका उत्पादन भारत में ही करने- कराने का प्रयास प्रयास करें। सरकार की मेक इन इंडिया योजना इस दिशा में ही एक कदम है। यह हम सब की जिम्मेदारी है के इसे मेड इन इंडिया में परिवर्तित कर दे। कृपया नोकरियो के पीछे न भागे, अपना उद्योग, व्यापार या कोई काम शुरू करें। यह भी संभव नहीं कि सभी उत्पाद हम स्वयं बना सके किंतू जितना हम निर्यात करें आयत भी उसी अनुपात में होना चाहिये। वर्तमान में प्रतिदिन देश का हज़ारों करोड़ रुपया जो बाहर चला जाता है मुद्रा अवमूल्यन, महंगाई, बेरोजगारी और गरीबी इसी की देन है।
अनुज अग्रवाल,
संपादक, डायलॉग इंडिया एवं महासचिव, मौलिक भारत।
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