पाकिस्तान की पुलिस ने एक इमाम को 14 वर्षीय ईसाई लड़की के बस्ते में कुरान के जले पन्ने रखने के आरोप में गिरफ्तार किया है.
इस लड़की के बस्ते में कुरान के जले पन्ने मिलने पर गुस्साई भीड़ ने उसे सज़ा दिए जाने की मांग की थी, जिसके बाद पुलिस ने बच्ची को दो हफ्ते तक हिरासत में रखा गया.
अब स्थानीय मीडिया के मुताबिक एक गवाह ने ये बयान दिया है कि इमाम खालिद चिष्टी ने ये पन्ने खुद बच्ची के बस्ते में रखे थे.
14 वर्षीय बच्ची, रिम्शा पर ईशनिंदा का आरोप लगाए जाने की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आलोचना हुई है.
रिम्शा दो हफ्ते से हिरासत में है और इसी हफ्ते हिरासत की मियाद और 14 दिन के लिए बढ़ा दी गई है.
डर
बीबीसी को मिली, सरकार द्वारा बनाए गए एक मेडिकल बोर्ड की रिपोर्ट के मुताबिक, रिम्शा 14 वर्ष की होने के बावजूद मानसिक तौर पर उतनी सक्षम नहीं है.
उसके पिता का कहना है कि उन्हें अपनी बेटी की ज़िन्दगी और अपने परिवार की सुरक्षा को लेकर बेहद चिंता है.
उन्होंने पाकिस्तान के राष्ट्रपति आसिफ अली ज़रदारी से अपनी बच्ची के लिए माफ़ी की अपील भी की है.
परिवार को मिल रही धमकियों के चलते उन्हें सुरक्षित स्थान में रखा गया है जबकि उनके इलाके से कई ईसाई परिवार घर छोड़ भाग गए हैं.
बीबीसी संवाददाताओं के मुताबिक पाकिस्तान के ईशनिंदा कानून का इस्तेमाल अक्सर आपसी दुश्मनी की लड़ाई में किया जाता है.
वर्ष 2011 में ईशनिंदा के खिलाफ आवाज़ उठाने वाले दो राजनेताओं का कत्ल कर दिया गया था.