शिक्षक भारतीय संस्कृति बचाने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर सकते हैं

20171219_122857छतरपुर 19 दिसंबर 2017 स्थानीय जिला शिक्षा प्रशिक्षण संस्थान मैं छह दिवसीय प्राथमिक एकल शिक्षा प्रणाली प्रशिक्षण शिविर के शुभारंभ में बुंदेलखंड के समाजसेवी संतोष गंगेले कर्म योगी ने छतरपुर नौगांव बिजावर राजनगर विकासखंडों से प्रशिक्षण प्राप्त करने आए प्राथमिक पाठशाला के शिक्षकों को संबोधित करते हुए कहा कि आज भारतीय संस्कृति एवं संस्कार नष्ट हो रहे हैं लोगों में आपसी कलह विभागों की संख्या में आए दिन वृद्धि हो रही है अपराध हो घटनाएं समाज को दूषित कर रही हैं इसलिए बच्चों में नैतिक शिक्षा और संस्कार प्रतिदिन देना आवश्यक हो गया है यह साकार शिक्षक ही विद्यार्थी को जीवन को संभाल लें के लिए शिक्षक सत्य निष्ठा इमानदारी से बच्चों में संस्कार भर सकते हैं समाजसेवी संतोष गंगेले ने शिक्षकों से अनुरोध किया कि वह शिक्षण संस्था में प्रार्थना के समय बच्चों में उत्तम शब्द विचारों का आदान-प्रदान कराएं तथा महापुरुषों की जीवनी एवं उनके जीवन के बारे में बच्चों को 5 मिनट चर्चा करें बच्चों में खेलकूद मानसिक बौद्धिक विकास के प्रति सामान्य ज्ञान की जानकारियां दें इस अवसर पर उन्होंने महिला शिक्षक श्रीमती राधा रैकवार श्रीमती रत्ना पांडे श्रीमती सुमन रैकवार विनीता द्विवेदी श्रीमती रेहाना बेगम सावित्रीबाई अहिरवार शशीकला भारद्वाज का अपनी ओर से स्वागत अभिनंदन किया तथा सब विचारों के साथ सामान्य ज्ञान की पुस्तकें बैठकर उनका सम्मान बढ़ाया कार्यक्रम में राजनगर से पधारे श्री कन्हैयालाल शुक्ला ने अपने विचार रखते हुए मनुष्य को वर्ण और जाति धर्म के बारे में विस्तार से चर्चा की तथा जीवन में मानव की महत्ता पर प्रकाश डाला प्रशिक्षण शिविर में वरिष्ठ शिक्षक श्री भान सिंह ठाकुर वीर सिंह बुंदेला का स्वागत अभिनंदन किया गया ब्यावर से पधारे विनोद कुमार पटेल धनीराम 996 सुनील कुमार मंडलोई छतरपुर से विनीता द्विवेदी ने समाजसेवी संतोष गंगेले के विचारों का समर्थन करते हुए उनके त्याग परिश्रम की प्रशिक्षण केंद्र में सराहना की इस अवसर पर शिक्षकों को प्रशिक्षण देने वाले श्री हरि मोहन भड़ रिया जी ने समाजसेवी संतोष गंगेले के सामाजिक कार्यों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि समाज में ऐसे बिल्ली लोग हैं जो समाज सुधारने के लिए तन मन धन से समर्पित हैं हमें उनके आगमन से जीवन जीने की बहुत से अनुभव प्राप्त होते हैं जिला शिक्षा प्रशिक्षण केंद्र के प्रभारी प्राचार्य श्री आर के वर्मा ने संस्था में पधारे मुख्य अतिथि के रुप में संतोष गंगेले कर्मयोगी का स्वागत किया तथा भारतीय संस्कृति नष्ट होने के बारे में विदेशी नीति के बारे में विस्तार से चर्चा या उन्होंने कहा कि वर्तमान में शिक्षक ही ऐसा समाज सुधारक व्यक्ति हो सकता है जो बच्चों को छोटे से प्राथमिक शाला से नैतिक शिक्षा और संस्कारों से भारतीय संस्कृति बचाने में महत्वपूर्ण पैदा कर सकता है इसलिए प्रत्येक शिक्षक को अपनी जिम्मेदारी और नैतिक कर्तव्य के साथ बच्चों में भारतीय संस्कृति से परिपूर्ण करना आवश्यक हो गया है उन्होंने कार्यक्रम में पधारे अतिथि और शिक्षकों सभी के प्रति धन्यवाद ज्ञापित किया

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