‘बारिश की दुआ’-कहानी संग्रह का विमोचन

12-baarishरविवार 9 जून 2013 सीता सिंधु भवन, सांताक्रूज, मुम्बई के एक भव्य समारोह में सुश्री देवी नागरानी के अनुदित कहानी संग्रह “बारिश की दुआ” का लोकार्पण संपन्न हुआ। मंच पर सन्माननीय हस्ताक्षर जिनके हाथों विमोचन सम्पन्न हुआ वे हैं : श्री ठाकुर चावला एवं उनकी पत्नी श्रीमति पारु चावला, प्रमुख मेहमान श्री वासुदेव सिंधु भारती (जयपुर), नारायण सावलनी (दुबई), देवी नागरानी एवं डॉ॰ संगीता सहजवाणी (आर॰डी॰नेशनल कॉलेज, बांद्रा)।
मौजूद रहे वासुदेव जी के सुपुत्र अमर भारती और अनेक साहित्यकार व श्रोतागण जो हमेशा सूफी संगीत का आनंद उठाने आते है। उनके बीच में हमारे सिंधी समाज के श्रेष्ट वोइलिन कार श्री कन्हैयालाल जी भी मौजूद थे।
देवी नागरानी के इस अनुदित कहानी संग्रह “बारिश की दुआ” में भारत के अनेक प्रान्तों से स्थापित 17 कहानीकरों की कहानियाँ हिन्दी से सिन्धी भाषा में अनुवाद की हुई हैं। पुस्तक का स्वरूप सिंधी अरबी लिपि में है।
12-vimochanअपनी बात रखते हुए श्री ठाकुर चावला जी ने देवी नागरानी के इस प्रयास को सराहा। श्री वासुदेव सिंधु भारती ने भी बधाई, व शुभकमनयें देते हुए कहा की अपनी भाषा में भावनाओं को अभिव्यक्त करना, और अनुवाद के माध्यम से हिन्दी भाषा के कहानीकारों की कहानियाँ अपनी सिंधी भाषा और लिपि में सिंधी समाज के सामने लाना एक दुरूह कार्य है, जो उन्होने अपनी लगन और मेहनत से किया है। पद्मश्री प्रो॰ राम पंजवानी जी की स्थापित यह संस्था ‘सीता सिंधु भवन’ पिछले 25 बरसों से सिद्धस्त साहित्यकार व सिंधी समाज के सम्माननीय बानीकर स्तम्भ श्री ठाकुर चावला एवं उनकी पत्नी श्रीमति पारु चावला जी के निष्ठापूरक प्रयासों से अपने आँगन में सिंधी साहित्य, संस्कृति एवं संगीत के संगम का स्थान बनी हुई है। यह उनके अनवरत अथक निष्ठा का नतीजा है जो आज हिन्द में भी सिंध की हुंकार सुनाई देती है।

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