देवों के देव महादेव की पूजा अर्चना का पर्व—महाशिवरात्रि Part-4

डा. जे.के.गर्ग
डा. जे.के.गर्ग
भांग-धतूरे को भगवान शिवजी पर क्यों चढ़ाया जाता है?—- आक,धतूरा, भांग आदि शिव को चढ़ाने की जो परिपाटी है, उसके पीछे यही तथ्य छिपा है कि प्रत्येक वस्तु व्यक्ति के अच्छे-बुरे दोनों पहलू होते हैं, इन नशीले वविषाक्त पदार्थों को शिव को अर्पित करने का अर्थ हुआ उनके शिव-शुभ (औषधीय गुण) को स्वीकार करना किन्तु उनकी अशुभ-व्यसन प्रवर्ती का त्याग कर देना | लाइफ मैनेजमेंट के अनुसार, भगवान शिव को भांग-धतूरा चढ़ाने का अर्थ है अपनी बुराइयों को भगवान को समर्पित करना। यानी अगर आप किसी प्रकार का नशा करते हैं तो इसे भगवान को अर्पित करे दें और भविष्य में कभी भी नशीले पदार्थों का सेवन न करने का संकल्प लें। ऐसा करने से भगवान की कृपा आप पर बनी रहेगी और जीवन सुखमय होगा।
शिवजी केवल म्रगछाल ही क्यों धारण करते हैं?—-भगवान शिव का केवलमृगछाल धारण करना अपरिग्रह का प्रतीक है | परिग्रह एक प्रकार का पाप है, क्योंकि किसी वस्तु का परिग्रह करने का अर्थ हुआ कि दूसरोंको उस वस्तु से वंचित करना | अपरिग्रही (जो आवश्यकता से अधिक मात्र मे धन-वस्तु का संग्रह) व्यक्ति ही समाज के अंदर वंदनीय होते हैं और, उनका जीवनसंसार में शांति स्थापित करने के लिए होता है |
सकंलन कर्ता—-डा.जे.के. गर्ग
सन्दर्भ— विभिन्न पत्र पत्रिकायें, शिव भक्तों से प्राप्त जानकारियां एवं मेरी डायरी के पन्ने

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