सरकार की लापरवाही से राज्य की जैव विविधता लुप्तता के कगार पर

जैव विविधता लुटने के बाद सरकार कर रही 100 करोड़ खर्च
bhilwara samacharभीलवाड़ा। प्रदेश में सरकारी कारिन्दों की घोर लापरवाही एवं उदासीनता के कारण राज्य की जैव विविधता लुप्तता के कगार पर है। सरकार जैव विधिता दिवस मनाने के कागजी घोड़े दौड़ाना छोड़ यथार्थ की बात करते हुए खतरे मंे पड़ी जैव विविधता की गंभीरता को समझकर संरक्षण के उपाय करें।
पर्यावरणविद् व पीपुल फॉर एनीमल्स के प्रदेश प्रभारी बाबूलाल जाजू ने वक्तव्य जारी कर कहा कि आज 22 मई को अंतर्राष्ट्रीय जैव विविधता दिवस मनाने की कागजी खानापूर्ति समूचे देश व प्रदेश में की जायेगी। राज्य में 14 सितम्बर 2010 से राज्य जैव विविधता बोर्ड का गठन भी किया गया है। प्रत्येक जिले मंे वन विभाग को इसे मनाने के लिए इस वर्ष 30 हजार रूपया दिया गया है व राज्य भर की लगभग 9 हजार ग्राम पंचायतांे में जैव विविधता क्षेत्र विकसित करने के लिए प्रत्येक ग्राम पंचायत को 1 लाख रूपया देने का प्रावधान भी किया गया है। प्रदेश में जैव विविधता लुटने के बाद अब सरकार लगभग 100 करोड़ रूपया खर्च कर रही है। बावजूद इसके प्रदेश में रोहिड़ा, चिरोंजी, केतकी, खसखस, खिरनी, सर्पगंधा, सफेद मुसली, केवड़ा, कदम, चन्दन, गुगल, जंगली गुलाब, पीले फूलों वाला प्लास, गिरनार सेमल पीली, सालमपंजा, कड़ाया-गांेद वाला सहित कई महत्वपूर्ण पौधे लुप्तता के कगार पर है। दूसरी ओर गोडावण, खरमोर, गिद्ध, उदबिलाव, हुबारा, रीछ, जंगली कुत्ते, भेड़िया, चूहा, हिरण, गेण्डा, बादली चीता, सिंह लाईन, जंगली बिल्ली, अजगर, अण्डे खाने वाला सांप, विभिन्न प्रजातियों की तितलियां सहित सैकड़ों प्रजातियों के जीव जन्तु लुप्तता के कगार पर है। जाजू ने आगे कहा कि सरकार की अदूरदर्शिता के चलते प्रदेश की सभी नदियां, पहाड़, कुएं-बावड़ियां, जंगल व प्राकृतिक स्थल उजड़ते जा रहे हैं। उन्होंने आमजन से भी अपील कर कहा कि अपनी जिम्मेदारी समझकर नष्ट हो रही जैव विविधता को बचाने में अपनी भागीदारी सुनिश्चित करें। प्रदेश में वर्षों से आने वाले विदेशी पक्षी साइबेरियन क्रेन ने भी पिछले 8-10 वर्षों से मुहं मोड़ लिया है।

17 कबूतरों के हत्यारों को कड़ा दण्ड देने की मांग
भीलवाड़ा। पीपुल फॉर एनीमल्स के प्रदेश प्रभारी बाबूलाल जाजू ने बनेड़ा थानना क्षेत्र के कालसांस क्षेत्र मंे 17 कबूतरों की प्राथमिकी दर्ज कराते हुए बताया कि दो हत्यारों ने 17 कबूतरों को जाल में फंसाकर उनकी हत्या की, जो पशु क्रूरता अधिनियम 1960 की विभिन्न धाराओं में अपराध है। जाजू ने भीलवाड़ा जिला पुलिस अधीक्षक राघवेन्द्र सुहासा से हत्यारों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही करने की मांग की है।

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