
अजमेर, 24 मार्च। शिक्षा राज्य मंत्री प्रो. वासुदेव देवनानी ने कहा है कि प्रदेश के विद्यालयों में संस्कारयुक्त नैतिक शिक्षा प्रदान की जाएगी। उन्होंने कहा कि विद्यालयों में स्वच्छता, नैतिकता और योग के संस्कार प्रदान हो, इसके लिए सभी स्तरों पर प्रभावी प्रयास किए जाएंगे।
विद्यार्थियों के व्यवहार में जुड़े स्वच्छता, नैतिकता और योग
श्री देवनानी आज यहां षिक्षा संकुल स्थित सभागार में ‘विद्यार्थियों के नैतिक एवं व्यक्तित्व विकास’ विषयक बैठक में संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि विद्यालयों में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के ‘स्वच्छ भारत’ अभियान के तहत अभियान चलाया जाए। इसके तहत विद्यार्थियो ंमें स्वच्छता की आदत डालने के लिए स्वतः प्रेरणा से अपने कक्षा कक्ष, विद्यालय की साफ-सफाई के लिए कार्य करने के लिए प्रेरित किया जाए। इससे बच्चों में स्वच्छता के प्रति वातावरण बनेगा।
उन्होंने कहा कि विद्यालयों में प्रत्येक शनिवार को अन्य कालांषों की अवधि 5-5 मिनट कम करते हुए एक अतिरिक्त नौवां कालांष नैतिक षिक्षा के लिए रखा जाएगा। इसमें महापुरूषों की प्रेरणा प्रदान करने वाली जीवनियों, राष्ट्रभक्ति से जुड़े गीत, प्रेरक संदेषों आदि के साथ ही व्यक्तित्व विकास और स्वच्छता के प्रति जागरूकता आदि का अभ्यास करवाया जाएगा।
एसआईआरटी व बोर्ड तैयार करेगा पाठ्यक्रम
षिक्षा राज्य मंत्री ने कहा कि योग, नैतिकता प्रदान करने वाले पाठ पाठ्यपुस्तकों में सम्मिलित किए जाएंगे। उन्होंने इसके लिए एसआईआरटी और माध्यमिक षिक्षा बोर्ड को माॅड्यूल तैयार करने के भी निर्देष दिए। उन्होंने कहा कि सूर्य नमस्कार अपने आप में योग है। विद्यालयों में सूर्य नमस्कार के चार्ट लगवाएं जाएं।
विद्यालय प्रार्थना समय अब 20 मिनट की बजाय 30 मिनट
उन्होंने कहा कि विद्यालय प्रार्थना का समय भी 20 मिनट के स्थान पर 30 मिनट किया जा रहा है ताकि यह बच्चों के व्यक्तित्व विकास के साथ ही उनको प्रेरणा प्रदान करने वाली हो। इसमें बच्चों को महापुरूषों की जीवनियों, आदर्ष वाक्यों, सम-सामयिक समाचार, प्रेरक प्रसंगों के साथ ही भारतीय संस्कृति के सरोकारों से जोड़ने वाली बातों को सम्मिलित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि विद्यालयों में बच्चों को प्रेरक शैक्षिक वातावरण मिले, इसके लिए सभी स्तरों पर प्रयास हों।
विद्यालयों मे लिखवाए जांएगे प्रेरणा देने वाले वाक्य
श्री देवनानी ने विद्यालयों में अनमोल वचन, प्रेरणा देने वाले महापुरूषों के कथन, सुवाक्यों को लिखवाए जाने के भी बैठक में निर्देष दिए। उन्होंने कहा कि इससे बच्चों को जीवन में आगे बढ़ने की प्रेरणा मिलेगी। उन्होंने पाठ्यपुस्तकों के अंतिम कवर पर महापुरूषों के प्रेरणास्पद वाक्य, राष्ट्रभक्ति से ओत-प्रोत संदेष आदि लिखवाए जाने के भी निर्देष दिए। उन्होंने आवासीय विद्यालयों, महिला छात्रावासों में विवेकानंद केन्द्र के प्रषिक्षकों के प्रेरक व्याख्यान करवाए जाने पर भी जोर दिया ताकि नैतिक षिक्षा के साथ विद्यार्थियो के सद्व्यवहार के लिए भी कार्य हो सके। उन्होंने विद्यालयों के पुस्तकालयों से बच्चों को जोड़ने, उनमें नैतिकता का बोध कराने वाली पुस्तकों को मंगवाए जाने के लिए भी कार्य किए जाने के निर्देष दिए।
बैठक में प्रमुख शासन सचिव, प्रारंभिक षिक्षा श्री पवन कुमार गोयल ने कहा कि विद्यालयों में नैतिक षिक्षा के लिए पाठ्यपुस्तकों के माॅड्यूल एसआईआरटी और माध्यमिक षिक्षा बोर्ड से तैयार करवाए जाएंगे। उन्होंने बताया कि बालसभाओं को जीवंत करते हुए उनमें बालकों के सर्वांगीण विकास से संबंधित क्रियाकलापों को अधिकाधिक रूप में सम्मिलित किया जाएगा।
माध्यमिक षिक्षा विभाग के सचिव श्री नरेषपाल गंगवाल ने कहा कि योग प्रषिक्षण के लिए विभाग प्रभावी व्यवस्था करेगा। उन्होंने बताया कि योग प्रषिक्षण षिविर लगाने के साथ ही विद्यालयों में योग सीखाने के लिए सीडी भी तैयार करवाई जाएगी। उन्होंने नैतिक षिक्षा से जुड़े विभिन्न आयामों को व्यवहार में लागू करने के लिए बैठक में विचार भी रखे। बैठक में बड़ी संख्या में षिक्षा विभाग के अधिकारियों ने भाग लिया।