अजमेर । गर्मी का मौसम शुरू होने के बाद भी होटलों और ठेला गाड़ियों में खाद्य सामग्री, बगैर ढके ही ग्राहकों के सामने परोसे जाने से बीमारी फैलने की आशंका बढ़ गई है। स्वास्थ्य प्रशासन के साथ स्थानीय प्रशासन भी इस दिशा में आवश्यक कार्रवाई की पहल नहीं कर रहा है।
स्वास्थ्य की दृष्टि से बेहद हानिकारक माने जाने के बाद भी शहर के होटल और छोटी दुकानों में खाद्य सामग्री की स्वच्छता को अनदेखा किया जा रहा है। शहर के विभिन्न होटल और हाथ ठेलों में दिन भर उड़ने वाली धूल और दूषित वातावरण से सुरक्षा के कोई भी उपाय नहीं किए गए हैं। हाथ ठेलों के अलावा होटलों में इस अव्यवस्था को देख कर बीमारियों में इजाफा होने की बात कही जा रही है।शहर में हाथ ठेला पर मिठाइयां,नमकीन,फल फ्रूट, सब्जीया, बर्फ का गोला पर मच्छर और छोटे जीव जन्तुओं के बैठने से इन सामग्री के दूषित होने का खतरा बना रहता है। ऐसा नजारा दरगाह बाजार रोड देहली गेट पुलिस चौकी के पास ही दिखने को मिला खुले में फल फ्रूट बेचने वाले हाथ ठेले वालों की लाइन लगी थी पर पुलिस वाले भी उन्हे कुछ कहने की जहमत नही कर रहे थे । खाद्य सामग्री के नमूने लेने की कोई पहल नहीं होने से ग्राहकों को बीमारियों को खरीदना पड़ रहा है ।
स्वास्थ्य से हो रहा खिलवाड़
खुली खाद्य सामग्री से उल्टी, दस्त, डायरिया होने के शत प्रतिशत चांस रहते है।खुले में बिक रही असुरक्षित खाद्य पदार्थो में काल्मोनेला टायफाई बैक्टेरिया तेजी से फैलता है। मक्खी, मच्छर व अन्य कीट इसे तेजी से एक स्थान से दूसरे स्थान पहुंचाते है। खुली खाद्य सामग्री से ये जीवाणु मनुष्य की आंत तक पहुंच कर पनपने लगता है। आंतों में इंफेक्शन, आंत्र ज्वर, घाव होना शुरू हो जाता है।जो मियादी बुखार का रूप लेकर टायफाइड में बदल जाता है। ये मनुष्य के लिए जानलेवा साबित हो सकता है।
पुरे शहर में जहां, तहां खुली खाद्य सामग्री बेचते दुकानदारों, होटल, हाथ ठेला वालों को आसानी से देखा जा सकता है। खुली खाद्य सामग्री बेचने पर प्रतिबंध लगाना चाहिए । खाद्य एवं औषधी विभाग द्वारा भी इसकी रोकथाम के कार्रवाई करनी चाहिए। धूल, मिट्टी, कीटों से उत्पन्न जीवाणु खुली खाद्य सामग्री को जहरीला बना रहे है।
विजय कुमार हंसराजानी
