पुरातत्वशिल्प के विशेषज्ञों एवं अधिकारियों की एक बैठक आयोजित

20150806105718_IMG_3024राजस्थान के बारां जिले के रामगढ़ में भण्डदेवरा शिव मन्दिर पूर्व मध्यकालीन वास्तुकला का प्रतीक व नागर शैली में निर्मित उत्कृृष्ट एवं कलात्मक पूर्वाभिमुख पंचायतन मन्दिर स्थापत्य एवं शिल्पकला की अमूल्य धरोहर है। इस मन्दिर से मिले शिलालेखानुसार 10वीं शती में इस का निर्माण मालवा के नाग वंशी राजा मलय वर्मा ने, अपने शत्रु पर विजय प्राप्त करने के पश्चात करवाया था।
उक्त मन्दिर के संरक्षण, संवर्द्धन एवं जीर्णोद्धार की योजना बनाने के लिए आज राजस्थान धरोहर संरक्षण एवं प्रोन्नति प्राधिकरण कार्यालय में प्राधिकरण के माननीय अध्यक्ष महोदय श्री ओंकार सिंह जी लखावत की अध्यक्षता में पुरातत्वशिल्प के विशेषज्ञों एवं अधिकारियों की एक बैठक आयोजित की गयी।
बैठक में उपस्थित विशेषज्ञों से व्यापक विचार-विमर्श के उपरांत यह राय / सुझाव प्राप्त हुआ कि पुरा महत्व के इस मन्दिर के मूल स्वरूप को बनाए रखते हुए पुरा-विशेषज्ञों के तकनीकी परामर्श के अनुसार इस की संरक्षण, संवर्द्धन एवं जीर्णोद्धार का कार्य करवाया जावे। इस मन्दिर का और क्षरण नहीं हो, इस हेतु मन्दिर के वर्तमान स्वरूप को बनाए रखने हेतु तत्काल उपाय किये जावें। इस मन्दिर की विशिष्ट स्थापत्य कला-नागर शैली का कार्य अत्यन्त विशिष्टता एवं कौशल के साथ ही किया जाना संभव है जिसके लिए मन्दिर बनाने वाले विशेषज्ञ कुशल कारीगर की सेवाएं ली जावें। ऐसा कलात्मक एवं विशिष्ट कार्यकुशल एवं विशेषज्ञ मन्दिर निर्माण करने वाले कलाकारों/कारीगरों की टीम से पुरा महत्व की सम्पदाओं के संरक्षण, संवर्द्धन एवं जीर्णोद्धार में दक्ष एवं अनुभवी तकनीकी विशेषज्ञों की कमेटी के पर्यवेक्षण में करवाया जावे। मन्दिर के संरक्षण, संवर्द्धन एवं जीर्णोद्धार का कार्य निर्बाध गति से निरन्तर चालू रखा जावे।
बैठक में यह भी सुझाया गया कि खजुराहो पेटर्न का यह प्राचीन मन्दिर देश एवं राज्य की एक अमूल्य धरोहर है जिसके संरक्षण, संवर्द्धन एवं जीर्णोद्धार की व्यावहारिक कार्य योजना बनाने हेतु विशेषज्ञों के साथ इस भण्डदेवरा मन्दिर का मौके पर निरीक्षण किया जावे।
इस बैठक में श्री शैलेन्द्र अग्रवाल, प्रमुख शासन सचिव, कला संस्कृति एवं पर्यटन विभाग, श्री बी.जी. शर्मा, सेवानिवृृत्त शासनसचिव, सार्वजनिक निर्मार्ण विभाग, श्री आर.एस. जाम्बल, अधीक्षण अभियन्ता, भारतीय पुरातत्व एवं सर्वेक्षण विभाग, नई दिल्ली, श्री हृदेश कुमार शर्मा, निदेशक, पुरातत्व एवं संग्रहालय विभाग राज., श्री अक्षय कुमार जगधारी, पूर्व निदेशक, पुरातत्व एवं संग्रहालय विभाग, जयपुर, श्री अनिल तिवारी, अधीक्षक, भारतीय पुरातत्व एवं सर्वेक्षण विभाग, भारत सरकार, जयपुर, श्री किरण महाननी, डाइरेक्टर (आर्किटेक्ट) मै. आयोजन स्कूल ऑफ आर्कीटेक्चर, जयपुर, श्री टीकम चन्द बोहरा, मुख्य कार्यकारी अधिकारी, राजस्थान धरोहर संरक्षण एवं प्रोन्नति प्राधिकरण, जयपुर, श्री एल.पी. गुप्ता, अधीक्षण खनि अभियन्ता, खान एवं भू विज्ञान विभाग, कोटा, श्री मनोज कुमार कायस्था, अधीक्षण भू वैज्ञानिक अभियान्त्रिकी भू विज्ञान प्रभाग, भारतीय भू वैज्ञानिक सर्वेक्षण, जयपुर, श्री पी. चार्ल्स डीमनी, निदेशक, भारतीय भू विज्ञान सर्वेक्षण, जयपुर, श्री गजेन्द्र मखीजा, महाप्रबन्धक, राज. राज्य सड़क विकास एवं निर्माण निगम, जयपुर, श्री एन.एम. शर्मा, उपमहाप्रबन्धक, राज. राज्य सड़क विकास एवं निर्माण निगम, कोटा उपस्थित रहे।

(टीकम चन्द बोहरा)
मुख्य कार्यकारी अधिकारी

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