बिन बारिश के आनासागर का पानी बढ़ा !

राजेन्द्र हाड़ा
राजेन्द्र हाड़ा
मंगलवार, 15 सितंबर को शहर के जल संसाधन विभाग ने एक प्रेस नोट जारी किया। इसमें बताया गया कि एक जून से अब तक कहां-कितनी बारिश हुई। प्रेस नोट क्या था, बस औपचारिकता थी। किसी मंत्री-अफसर ने किसी बैठक में कह दिया होगा कि बारिश के आंकड़े लगातार जारी होते रहने चाहिए। ऐसा भले ही अतिवृष्टि-ओलावृष्टि और बाढ़ वगैरह के चक्कर में कहा गया होगा परंतु सरकारी काम के दौरान अपने दिमाग का इस्तेमाल नहीं करने और जो चल रहा है, वह चलाए रखने की बाबूशाही परम्परा के चलते यह आंकड़े जारी कर दिए गए। आंकड़े जारी करने के दौरान यह शायद ही सोचा गया था कि पिछले करीब एक महीने से तो बारिश लगभग बंद पड़ी है। तेजी से उपर जा रहा तापमान फिर से तपाने लगा है। और इसी से प्रतिस्पर्धा कर रहा है आनासागर का पानी। विज्ञान और गाणित से अपना नाता दसवीं कक्षा के सामान्य ज्ञान तक ही रहा परंतु जोड़-बाकी जितनी समझ तो है। इसी दिन जारी हुए एक प्रेस नोट में जल संसाधन महकमे ने आनासागर का जल स्तर भी बताया। इसके मुताबिक आनासागर में 15 सितंबर को 13 फीट 2 इंच पानी था। आपको याद होगा बारिश के दिनों में आनासागर झलक गया था। उसके चारों गेट खोल दिए गए थे और 13 फीट जल स्तर आने के बाद वापस बंद कर दिए गए थे। तब सरकारी प्रेस नोट ने भी जल स्तर 13 फीट ही बताना शुरू कर दिया था। इसके बाद बारिश बंद हो गई और आज तक बंद पड़ी है। बारिश बंद होने के एक महीने बाद महकमा बता रहा है कि जल स्तर दो इंच बढ़ गया है। महकमा गलत है, ऐसा अपन नहीं कह रहे। जो कुछ स्थिति है, वह सही ही होगी क्योंकि जल स्तर अपन ने खुद जाकर देखा नहीं। फिर वही पुरानी बात इसी साल 45-46 डिग्री के मई-जून महीने के तेज तापमान में भी आनासागर का पानी कम होने के बजाय बढ़ता ही चला जा रहा था। आखिर क्यों ? आनासागर के चारों ओर बसी पॉश कॉलोनियों यानि बजरंगगढ़ से लेकर ऋषि उद्यान तक के निवासियों के नहाने-धोने समेत उनके घर का गंदा पानी आनासागर में ही तो आकर गिर रहा है। यह पानी कितनी मात्रा में आकर गिर रहा है यह समझने के लिए जल संसाधन महकमे का मंगलवार को जारी किया गया प्रेस नोट पर्याप्त है जिसमें जल स्तर दो इंच बढ़ने की बात कही गई है। यानि सिर्फ एक महीने में आनासागर में इतना गंदा पानी आया कि उसका जल स्तर दो इंच बढ़ गया। सच में शहर के नागरिकों के कानों पर कभी जूं नहीं रेंगती। अफसर और जनप्रतिनिधियों के बारे में बात करने का कोई औचित्य ही नहीं है। इसमें एक कड़ी अपने शहर की कथित स्वयंसेवी और सामाजिक संस्थाओं को भी जोड़ लीजिए। जल स्तर बढ़ने में कोई आश्चर्य नहीं है और ना ही आश्चर्य किया जाना चाहिए। आश्चर्य तो तब किया जाना चाहिए जब इसी स्पीड से बढते रहे जल स्तर के कारण अगले साल मई-जून के महीने में जब 45-46 डिग्री का तापमान हो और आनासागर के चैनल गेट बारिश से पहले ही खोल दिए जाएं ! -राजेन्द्र हाड़ा 09829270160

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