मोदी जी सिर्फ भाषा में नहीं भावना में भी बापू को शामिल करो

-सपा सांसद चौधरी मुनव्वर सलीम-
मोदी जी,बापू भी कोर्ट पेंट पहनते थे ! बापू ने आपकी तरह किसी महान पाठशाला में शिक्षा ग्रहण नहीं की थी बल्की दुनिया की एक मामूली सी संस्था ऑक्सफ़ोर्ड से बेरिस्टर बनकर आये थे ! जहां कोर्ट पेंट ही पहना जाता था लेकिन गरीब नंगे भूखे भारतीयों को देखकर बापू ने उन्ही जैसा रूप धारण कर लिया था !

चौधरी मुनव्वर सलीम
चौधरी मुनव्वर सलीम
आज आप उस ब्रिटेन में हैं जिसने हिन्दुस्तान के जवाहारात को लूटकर अपने मुल्क को सजाया है ! उस ब्रिटेन में जिसने रानी लक्ष्मीबाई और बेगम हज़रत महल जैसी सुसंसक्रत महिलाओं को तड़प-तड़प कर मरने के लिए मजबूर किया था ! आप उस ब्रिटेन में हैं जिसने हिन्दुस्तान के लिए हक मांगते हुए बूढ़े,बच्चों और नौजवानों को जलियावाला बाग़ में बेजान बुतों की तरह ज़िंदा हिन्दुस्तानियों पर गोलियों की बोझार की थी ! आज आप उस ब्रिटेन में हैं जिसने सुलतान टीपू,तात्या टोपे और बह्दुर शाह ज़फर को बादशाह ए वक़्त होते हुए भी नाश्ते में औलादों के सर पेश किये थे ! आप उस ब्रिटेन में हैं जिसने अविवाहित भगत सिंह,अशफाक उल्लाह और रामप्रसाद बिस्मिल को निरपराध होते हुए भी फांसी के फंदे पर लटकाया था !
लेकिन उसी सरज़मीन पर जब असहिष्णुता का सवाल आया तब आपने बापू का नाम लेकर ब्रिटिश हुक्मरानों को जो जवाब दिया उसे सुनकर मुझ जैसे गांधीवादी के मन में यह विचार आना स्वाभाविक है कि आपसे कहूँ कि बापू को विदेशी दौरों के समय अपनी भाषाई खूबसूरती का हथियार बनाने के साथ-साथ अपनी भावना में भी बापू को शामिल कर लीजिए ! मोदी जी अब आपने देश व दुनिया को देख ही लिया है तो मैं सोचता हूँ कि अब गुजरात का तंगदिल नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री के रूप में दुनिया देखने के बाद यह जान चुका है कि बापू का विचार सामाजिक समरसता,सर्वधर्म समभाव,ग्राम प्रधान अर्थ नीती,लघु उद्योगों की सरपरस्ती, हथकरघा उधोगों का बचाव ही ऐसा अस्त्र है जो यू एन ओ के अनुसार लगभग 19 करोड़ 64 लाख रात को भूखे सोने वाले भारतियों को रोज़गार दे सकता है !
अगर आपने बापू का नाम ले ही लिया है तो फिर 10 लाख रूपये के कोर्ट पेंट से सार्वजानिक तौर पर अपनी असहमती व्यक्त करते हुए नीती आयोग के अनुसार 32 रूपये रोज़ पर अपना जीवन यापन करने वाले लगभग 43 करोड़ भारतीयों को यह कह कर तसल्ली दे दीजिये कि अब मेरी भाषा में,मेरी भूषा में और मेरे भेष में बापू ही शामिल रहेंगे ! मोदी जी,बापू भी कोर्ट पेंट पहनते थे ! बापू ने आपकी तरह किसी महान पाठशाला में शिक्षा ग्रहण नहीं की थी बल्की दुनिया की एक मामूली सी संस्था ऑक्सफ़ोर्ड से बेरिस्टर बनकर आये थे ! जहां कोर्ट पेंट ही पहना जाता था लेकिन गरीब नंगे भूखे भारतीयों को देखकर बापू ने उन्ही जैसा रूप धारण कर लिया था ! मैंने बात शुरू की थी असहिष्णुता और गांधी से ,मैं उम्मीद करता हूँ कि ब्रिटेन से लौटकर आप बापू की 23 जनवरी 1930 को लिखी गयी यंग इंडिया की सम्पादकीय को ज़रूर पढेंगे और फिर आप मैसूर के शासक टीपू सुलतान को बापू के कहे अनुसार अमर शहीद बहादुर राष्ट्रभक्त करार देकर अपनी ही पार्टी के उन लोगों के खिलाफ एक तारीखी कार्यवाही करेंगे जो सुल्तान टीपू को याद करने में बाधा डाल रहे हैं और अपनी तरह टीपू सुलतान के संदर्भ में टिपण्णीयाँ कर रहे हैं ! मुझे पूरा विशवास है कि 2002 में मुख्यमंत्री के रूप में आपने देश व दुनिया को जो अपना रुख दिखाया अब उसे संशोधित और परिवर्तित करके प्रधानमंत्री के रूप में गांधी की खादी की चादर का साया अपने सर पर करते हुए ! एक वर्ग विशेष को भोजन के नाम पर आहत करने वाले लोगों को,भाषा के नाम पर आतंकित करने वाले लोगों को,धर्म के नाम पर अपमानित करने वाले लोगों को तथा पिल्ला,कुत्ता और सूअर की उपमाएं देने वाले लोगों को न केवल पार्टी से बाहर करेंगे बल्की उन पर सख्त कानूनी कार्यवाही भी करेंगे !
मोदी जी आपने ब्रिटेन की सरज़मीन पर बापू का नाम लेकर देशवासियों का मान बढाया है ! हम उम्मीद करते है कि अब देश वापसी के अवसर पर आपकी विचारधारा में भी बापू इस तरह शामिल होंगे कि आप प्रधानमंत्री के रूप में नफरत फ़ैलाने वालों को शिद्दत से बताएँगे कि वर्तमान भारत की विराट और विशाल सरहदें और वर्तमान पकिस्तान की संकुचित और छोटी सरहदें हिन्दुस्तानी मुसलमानों के राष्ट्रवाद की,देशप्रेम की उस अग्नी परिक्षा का परिणाम है जिसके चलते हिन्दुस्तानी मुसलामानों ने पकिस्तान निर्माता जिन्नाह से यह कह दिया था कि हमें धार्मिक उन्माद के नाम पर बनाये जाने वाला पकिस्तान नमंज़ूर है और बापू का धर्मनिरपेक्ष विचारों पर आधारित मादर ए वातान हमारी जान है !
मैं उम्मीद करता हूँ कि आपका बीता हुआ कल भला गांधी के विचारों से असहमत रहा हो लेकिन आने वाला कल गांधी की राष्ट्रवादी विचारधारा से लबरेज़ रहेगा ! विदेश में आप 125 करोड़ भारतीयों के नेता हैं इसलिए सफल दौरे की दुआ और देश में आप लगभग 17 करोड़ 65 लाख मतदाताओं के प्रतिनिधी है इसलिए मेरे सवाल देश की सीमाओं के अन्दर हो रही उथलपुथल से सम्बंधित है उम्मीद है कि देश व दुनिया के दर्शन ने आपकी सोच में विराटता कायम की होगी !
मोदी जी भारत की विदेश नीती के संदर्भ में आपने जो फैसले लिए हैं उनको द्रष्टीगत रखते हुए मैं यह कह सकता हूँ कि आपके दो कारनामें तो इतने महान हैं जिन्हें मुझ जैसा भारतवासी अभी हाल में समझने में भी अक्षम है, हो सकता है कि आपकी दूर द्रष्टी से लिए गए यह फैसले आगे कभी समझ में आये पहला फैसला आपके शपथ ग्रहण समारोह में पाक प्रधानमंत्री नवाज़ शरीफ की आमद और आमद के साथ ही सरहद पर क़त्ल ए आम और दूसरा फैसला सर ज़मीन ए ब्रिटेन पर जाकर ब्रिटेन पार्लियामेंट में आपका उद्बोधन ! हम मालिक से दुआ करेंगे कि वह हमें इतनी बुद्धी दे कि हम आपके इन फैसलों को समझ सकें !

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