विदिशा / ग्यारसपुर। ग्राम मानौरा में पाँच दिन पहले शुक्रवार को कराए गए बोर के गड्ढे में से शनिवार को अचानक आग निकलना शुरू हो गई। आग निकलने की जानकारी जैसे ही ग्रामीणों को लगी तो उसे देखने के लिए लोगों की भीड़ जमा होने लगी। प्रशासन और इंडियन आयल की टीम मौके पर पहुंची और ट्यूबवेल का निरीक्षण किया। प्रारंभिक जांच के अनुसार बोर से निकलने वाली गैस मीथेन हो सकती है।
मानौरा के किसान राजेश साहू ने एक दिन पहले शुक्रवार को अपने खेत में बोर कराया था। इसमें140 फीट गहराई पर पानी निकल आया था, लेकिन पानी कम होने पर उन्होंने बोर की गहराई 425 फीट करा दी। जब इस बोर में लोहे की केसिंग डाली जा रही थी तब बेल्डिंग के दौरान चिंगारियों ने आग पकड़ ली। बोरिंग मशीन चला रहे कमर्चारियों ने साहू से कहा कि इस बोर में कुछ गड़बड़ है। इसलिए लोहे के बजाय प्लास्टिक की केसिंग डाली जाए। जब प्लास्टिक की केसिंग डाली गई तो वह भी गैस रिसाव के कारण ठीक से नहीं डल पा रही थी। बोरिंग में गड़बड़ स्थिति को देखकर मशीन आपरेटर मशीन सहित वहां से चले गए। गांव के ही एक व्यक्ति ने बोरिंग के पास माचिस जलाई तो आग भभक उठी। ग्रामीणों ने जैसे तैसे करके बोरिंग के ऊपर एक तगाड़ी ढकी और गीली मिट्टी से उसे ढक दिया।
घास डालते ही उठती हैं लपटें
शनिवार को इसकी जानकारी लगते ही बड़ी संख्या में लोग खेत में बने ट्यूबवेल को देखने पहुंचे। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि ट्यूबवेल के मुंह के सामने घास या कचरा डालने पर आग की लपटें निकलना शुरू हो जाती हैं। लोगों का कहना था कि इस ट्यूबवेल से निकलने वाली आग काफी तीव्र होती है, जिसका प्रभाव काफी दूर तक महसूस किया जा रहा है।
इंडियन आयल टीम ने लिया जायजा
तहसीलदार बृजेश सक्सेना ने बताया कि बोरिंग से आग निकलने की सूचना मिलने पर प्रशासन की टीम मौके पर गई। माइनिंग इंस्पेक्टर मौके पर पहुंची और इंडियन आयल की टीम को मौके पर बुलाया गया। तहसीलदार सक्सेना के अनुसार प्रारंभिक जांच में बोर से मीथेन गैस के रिसाव की पुष्टि हुई है। इसकी उपलब्धता का पता लगाने के लिए रविवार को बीना रिफायनरी की टीम को भी बुलाया जा रहा है।
maharaj singh