बाडमेर, 15 मार्च। राजस्थान दिवस समारोह 2016 के उपलक्ष में विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा। इसी कडी में राजस्थान दिवस दौड ( रन फॉर राजस्थान ) का आयोजन 17 मार्च को प्रातः 8.00 बजे किया जाएगा।
अतिरिक्त जिला कलक्टर ओ.पी. बिश्नोई ने बताया कि राजस्थान दिवस दौड का आयोजन 17 मार्च को प्रातः 8.00 बजे स्थानीय गांधी चौक से भगवान महावीर टाउन हॉल तक किया जाएगा। उन्होने सभी विभागों के अधिकारियों एवं उनके अधीनस्थ कार्मिकों को निर्धारित समय पर रन फॉर राजस्थान दौड में शामिल होने के निर्देश दिए है।
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आम आदमी दे सकता है अस्पताल
को बेहतर बनाने के सुझाव
बाड़मेर, 15 मार्च। बाड़मेर के राजकीय चिकित्सालय में उपचार कराने आए आम आदमी व्यवस्थाआंे को लेकर अपनी राय अस्पताल प्रशासन को दे सकते है। बाड़मेर समेत राज्य के 10 जिलांे के राजकीय अस्पतालांे मंे राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन कार्यक्रम के तहत यह कवायद चल रही है। इसके लिए अस्पतालांे के वार्डाें मंे पैंशेट सेटिस्फेक्शन सर्वे के प्रपत्र उपलब्ध कराए जा रहे है।
राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन कार्यक्रम के तहत जिला अस्पताल को गुणवत्ता प्रमाण पत्र दिलाने के लिए विभाग की ओर से तय किए गए मानकों पर खरा उतारने के लिए चिकित्साकर्मियों को प्रशिक्षण दिया गया था। प्रदेश के बाड़मेर, धौलपुर, करौली, बूंदी, उदयपुर, राजसमंद, बांसवाड़ा, डूंगरपुर, जालौर, एवं जैसलमेर में यह कार्यक्रम शुरू किया गया है। यहां के जिला अस्पतालों को तय किए गए मानकों के अनुरूप स्थापित करने के लिए इनके विभिन्न विभागों के कार्मिकों को उनके काम को और अधिक बेहतर तथा मरीजों के लिए सुविधाजनक बनाने के प्रयास किए जा रहे है। अधिकारिक सूत्रांे के मुताबिक जिला अस्पताल के चिकित्साकर्मियों को प्रशिक्षण दिया गया, ताकि वो कार्यक्षेत्र में सुधार कर अस्पताल की व्यवस्थाओं को और अधिक बेहतर और मानकों पर खरा उतराने के लिए सक्षम बना सकें। अब राज्य स्तरीय कमेटी अस्पताल की व्यवस्थाओं की पड़ताल करेगी। इसके उपरांत राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन कमेटी अस्पताल की जांच करेगी, इसकी जांच में सफल होने पर अस्पताल को गुणवत्ता प्रमाण पत्र प्रदान किया जाएगा।
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ब्लाक तकनीकी संसाधन दल का प्रशिक्षण 28 मार्च से
बाड़मेर, 15 मार्च। महात्मा गांधी नरेगा योजनान्तर्गत जिला मुख्यालय पर ब्लॉक तकनीकी संसाधन दल का तीन दिवसीय आवासीय प्रशिक्षण जिला परिषद सभागार मंे 28 मार्च से आयोजित होगा।
अतिरिक्त जिला कार्यक्रम समन्वयक सुरेश कुमार दाधीच ने बताया कि इसके लिए तकनीकी अधिकारियों एवं कर्मचारियों को मनोनीत कर विकास अधिकारियों को संबंधित कार्मिकांे को प्रशिक्षण मंे भाग लेने के लिए निर्देशित किया गया है।
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स्मार्टफोन की मदद से धुम्रपान रोकने की पहल
बाड़मेर, 15 मार्च। धुम्रपान और तंबाकू की लत से परेशान लोगों को इससे छुटकारा दिलाने में उनके मोबाइल फोन की मदद ली जाएगी। मोबाइल फोन मेसेज के जरिए तंबाकू के सेवन को मुक्ति बंद करने के लिए प्रेरित किया जाएगा।
राज्य सरकार जल्दी तंबाकू के नशे के आदी लोगांे को इससे छुटकारा दिलाने के लिए मोबाइल सेसैशन कार्यक्रम शुरू करने जा रही है। इसके बारे में जागरूकता फैलाने के लिए राजस्थान के स्वास्थ्य विभाग के निदेशक डॉ. बी.आर. मीणा ने जिला कलेक्टरों को पत्र भेजा है। पत्र के मुताबिक यह केन्द्र का कार्यक्रम है जिसे राष्ट्रीय स्तर पर लॉन्च किया जाएगा। विश्व ने आज तक जितने खतरों का सामना किया है, तंबाकू महामारी उनमें से एक है। तंबाकू पर नियंत्रण के लिए मोबाइल संचार के माध्यम से सहयोग मिलेगा। वर्तमान में बहुत से लोग मोबाइल फोन का उपयोग कर रहे हैं ऐसे में सरकार टेक्नोलॉजी का अधिकतम उपयोग करने की कोशिश कर रही है। डब्ल्यूएचओ इंडिया की तम्बाकू मुक्त पहल के लिए शुरू किए गए इस कार्यक्रम का लाभ उठाने के लिए तंबाकू का सेवन करने वाले लोग मिस्ड काल के जरिए इसके लिए खुद को रजिस्टर कर सकते हैं। एम सेसैशन से जुडने पर व्यक्ति को तंबाकू छोडने के लिए प्रेरित करने वाले मैसेज मिलने शुरू हो जाएंगे। रजिस्टर करने वाले व्यक्ति से कॉल के माध्यम से भी कुछ जानकारियां हासिल की जाएंगी कि वह कितने समय से तंबाकू का सेवन कर रहा है, प्रतिदिन तंबाकू का सेवन कितनी मात्रा में करता है। जिला कलेक्टरों को भेजे गए पत्र में डॉ मीणा ने बताया है कि प्रदेश के लगभग आधे पुरुष और कुल वयस्क जनसंख्या के एक तिहाई लोग तंबाकू उत्पादों का सेवन करते हैं। कैंसर, अस्थमा और हृदय संबंधी बीमारियों का एक बड़ा कारण तंबाकू सेवन है। अधिकतर लोगों को पता है कि तंबाकू सेहत के लिए अच्छी नहीं है। लेकिन आदत होने के कारण वे इसको छोड़ नहीं पा रहे।
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अब पांच केन्द्रीय सशस्त्र पुलिस बलांे में अधिकारी
के रूप मंे शामिल हो सकेगी महिलाएं
बाड़मेर, 15 मार्च। सीमा सुरक्षा बल के बाद अब आईटीबीपी समेत पांच केन्द्रीय सशस्त्र पुलिस बलांे मंे महिलाएं अधिकारी के रूप मंे शामिल हो सकेगी। काफी समय पहले महिलाआंे को सीमा सुरक्षा बल मंे शामिल होने की अनुमति दी गई थी।
महिलाओं को हर क्षेत्र में अपनी प्रतिभा दिखाने को केन्द्र सरकार ने सभी पांच केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों में लड़ाकू भूमिका में अधिकारी के तौर पर महिलाओं को शामिल करने की अनुमति दे दी है। कुछ दिनों पहले सरकार ने अर्द्धसैनिक बलों में कांस्टेबल के पद पर महिलाओं की नियुक्ति के लिए आरक्षण देने की घोषणा की थी। केंद्रीय गृह मंत्रालय के नए निर्देशानुसार, आईटीबीपी में सीधे प्रवेश के तौर पर अधिकारी के रुप में नियुक्ति के लिए आवेदन की अनुमति दी गई है।यह एक मात्र ऐसा अर्धसैनिक बल था जो दुर्गम चीन-भारत सीमा की पहरेदारी के प्रमुख कार्य के मद्देनजर महिलाओं को लड़ाकू भूमिका में शामिल होने की अनुमति नहीं देता था। सीमा सुरक्षा बल और सशस्त्र सीमा बल को क्रमशः 2013 व 2014 में ही महिला अधिकारियों की सीधी भर्ती की अनुमति दे दी गई थी। अब इस पर सारी पाबंदियां हटा ली गई है। एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक पिछले वर्ष ही आईटीबीपी मुख्यालय ने इस संबंध में एक प्रस्ताव भेजा था। इसके आधार पर गृह मंत्रालय ने अधिसूचना जारी की गई है।
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