जीएसटी के प्रावधानों के सरलीकरण की मांग

br6फ़िरोज़ खान
बारां, 3 अगस्त। बारां जिले के खाद, बीज कीटनाषक विक्रेताआंे के संगठन एग्री इनपुट डीलर्स एसोसिएषन की बैठक गुरूवार को मनिहारा धाम पर आयोजित की गई। जिलाध्यक्ष हेमराज षर्मा व प्रवक्ता बृजमोहन मेहता ने बताया कि बैैठक में विके्रताओं ने पोष मषीनों से आ रही परेषानियों पर चिंता जाहिर करते हुए जीएसटी के प्रावधानों के सरलीकरण की मांग उठाई। बैठक में संरक्षक महेंद्र गुप्ता, निदेषक राकेष गोयल, मनोज ड्रोलिया, सुनिल गुप्ता, ईष्वरीभुवन, सुरेंद्र गोयल, माणकचंद गुप्ता ने कहा कि वर्श 1987 में भारत सरकार द्वारा यूरिया खाद की रेट 90 रूपए प्रति कट्टा थी। जिसमें ट्रेड मार्जिन 10 प्रतिषत फिक्स था। जिसमें वितरक विक्रेता का लाभ, माल की उतराई व अन्य खर्चे षामिल थे। गत वर्शों में यूरिया की दर 90 रूपए से बढ़कर 290 रूपए प्रति कट्टा हो गई। लेकिन 5 प्रतिषत जीएसटी लगने के बाद मुनाफा 8 रूपए 55 पैसे रह गया। इसी प्रकार अन्य अनुदानित उर्वरकों को डीएपी, एनपी के पोटाष आदि पर भी विके्रता की लागत 4 गुना बढ़ गई है। अतिरिक्त खर्चे अलग हैं। इतना ही नहीं विक्र्रता को पोष मषीन देने के कारण इंटरनेट कनेक्षन व आॅपरेट के खर्चे भी बढ़ गए हैं। इन परिस्थितियों में खाद व्यापारियों का व्यापार करना असम्भव है। सीए विकास कुमार जैन ने जीएसटी के प्रावधानों की जानकारी दी। साथ ही विक्रे्रताओं के प्रष्नों का उत्तर देकर उनकी षंकाओं का समाधान किया। बैठक के बाद सभी विक्रेताओं ने रासायनिक उर्वरकों पर विके्रता कमीषन बढ़ाने एवं जीएसटी के सरलीकरण की मांग को लेकर केंद्रीय उर्वरक एवं रासायनिक मंत्री नई दिल्ली के नाम जिला कलक्टर डाॅ. एसपी सिंह को ज्ञापन दिया गया। ज्ञापन में मांग की गई कि व्यापारियों को जिंदा रखने के लिए अनुदानित खाद पर व्यापारिक मार्जिन बढ़ाकर कम से कम 10 प्रतिषत किया जाए। साथ ही मांगें नहीं मानने पर एक अगस्त से अनुदानित उर्वरकों की खरीद बंद करने के निर्णय पर सभी ने अपनी सहमति दे दी है। बैठक व ज्ञापन देने वालों में उपाध्यक्ष नरेंद्र मंगल, सह सचिव मुकेष धाकड़, कोशाध्यक्ष कमलेष मेहता, अषोक गुप्ता, समेत जिलेभर के करीब 250 विक्रेताओं ने षामिल थे।

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