बीकानेर, 11 अगस्त 2017। काश्तकारों को जल प्रबन्धन एवं प्रशिक्षण देने के लिए स्थापित हाईड्रोलाॅजी एवं वाटर मैनेजमंेट इंस्टीट्यूट का निर्माण पर 25 करोड़ 69 लाख रूपए खर्च कर शीघ्र पूर्ण किया जाएगा। संस्थान के प्रशासनिक भवन हाॅस्टल, आॅडिटोरियम, लैब एवं क्वार्टर्स के निर्माण पर 1545.80 लाख रू. व्यय किए जा चुके हैं तथा मार्च 2018 तक संस्थान के समस्त कार्य पूर्ण कर लिए जाएंगे।
संस्थान के अतिरिक्त मुख्य अभियंता व निदेशक देशराज मीना ने बताया कि चालू वित्तीय वर्ष में संस्थान के विभिन्न निर्माण कार्यों के लिए 525.00 लाख रूपए आवंटित हुए। इससे पूर्व वर्ष 2013-14 में 625 लाख, वर्ष 2015-16 में 707.00 लाख रू., वर्ष 2016-17 हेतु 712.00 लाख रूपए का आवंटन किया गया। उन्होंने बताया कि भवन की 2000 मीटर की चारदीवारी, प्रशासनिक भवन, छात्रावास भवन, लैब भवन का सिविल निर्माण कार्य पूर्ण हो चुका है। संस्थान परिसर का सड़क निर्माण का 90 प्रतिशत, आॅडिटोरियम का 85, आवासीय भवन का 95 प्रतिशत, मुख्य द्वार का 90 प्रतिशत कार्य पूर्ण हो चुका है। संस्थान के ढांचागत निर्माण कार्य के विद्युतीकरण का लगभग 55 प्रतिशत कार्य पूर्ण हो चुका है। परिसर में स्ट्रीट लाईट का कार्य, खेतों में डेमोन्स्ट्रेशन (बूंद, बूंद फव्वारा पद्वति, जल संग्रहण, केंचुआ खाद, जल मापक संरचना) कैम्पस डवलपमेंट का कार्य, गैरेज, वाहन पार्किंग, छत के वर्षा जल संग्रहण, कैम्पस के विद्युतीकरण आदि का कार्य किया जा रहा है।
संस्थान ने आयोजित किए प्रशिक्षण कार्यक्रम
इंदिरा गांधी नहर परियोजना कार्यालय परिसर में स्थापित हाईड्रोलाॅजी एवं वाटर मैनेजमेंट इन्स्टीट्यूट, द्वारा जुलाई, 2013 से कई प्रकार के प्रशिक्षण कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि संस्थान ने इंदिरा गांधी नहर परियोजना, गंग कैनाल एवं भाखड़ा कैनाल के सिंचित क्षेत्रा में कार्यरत अधिकारियों, कर्मचारियों एवं जल उपयोक्ता संगमों के अध्यक्ष, सदस्यों एवं कृषकों के लिए 266 शिविरों और कार्यशालाओं का आयोजन कर जल प्रबंधन पर प्रशिक्षण दिया गया। इस दौरान दस हजार से अधिक किसानों को प्रशिक्षण देकर लाभान्वित किया जा चुका है।
– मोहन थानवी