बीकानेर 7/9/17। दिनांक 05-11-2005 को तत्कालीन थानाधिकारी खाजूवाला को जरिये टेलीफोन इतला मिली कि रावला रोड़ पर चक 7 phm बस स्टेण्ड के पास एक व्यक्ति पड़ा है, जिस पर तत्कालीन थानाधिकारी मौका पर जाकर वहां पर पड़ी लाश मृतक जगतार सिंह उर्फ देशराज पुत्र करतारा राम जाति रामदासिया उएम्र 40 साल निवासी वार्ड नं. 16 पदमपुर थाना पदमपुर जिला श्रीगंगानगर का पोस्टमार्टम करवाया जाकर रिपोर्ट प्राप्त की गई तथा तत्कालीन थानाधिकारी द्वारा इस पर अभियोग संख्या 145 दिनांक 05-11-2005 अन्तर्गत धारा 302,201 आई.पी.सी. दर्ज कर अनुसंधान किया गया तथा वर्ष 2009 में प्रकरण में एफ.आर अदमपता (मुल्जिमान) में पेश की गई, जिस दौरान कई अनुसंधान अधिकारियों द्वारा अनुसंधान किये जाने के बावजूद मुल्जिमानों का कोई पता नहीं चल सका। उक्त अनसुलझे हत्या जैसे गम्भीर प्रवृति का प्रकरण होने व पुराना अनट्रेस प्रकरण होने पर पुलिस अधीक्षक, जिला बीकानेर सवाई सिंह गोदारा, प्च्ै द्वारा थानाधिकारी खाजूवाला श्री विक्रम सिंह को प्रकरण का खुलासा करने के निर्देश दिए। थानाधिकारी खाजूवाला ने मुखबिर मामूर कर प्रकरण के सम्बन्ध में साक्ष्य जुटाने प्रारम्भ कर दिये। मुखबिर की सूचना पर चश्मदीद गवाहान हसन खां उर्फ हसनु से पूछताछ की गई। पूछताछ से मुल्जिजमान (1) जय नारायण पुत्र दिलीप राम जाट निवासी खानुवाली थाना रावला श्रीगंगानगर (2) अनिल कुमार पुत्र सज्जन राम जाट निवासी 6 क्ज्ञक् थाना छत्तरगढ़, बीकानेर (3) इशान खा पुत्र फत्तु खां निवासी चक 2 स्ण्ड ;।द्ध थाना खाजूवाला, बीकानेर (4) रसीद खा पुत्र पीरू खां निवासी चक 2 स्ण्ड ;।द्ध थाना रावला, जिला श्रीगंगानगर (5) सुभाष चन्द्र पुत्र पृथ्वीराज जाट (काजला) निवासी चक 13 ज्ञछक् थाना रावला, जिला श्रीगंगानगर को गिरफ्तार किया गया। प्रकरण प्रथम दृष्टया डोडा पोस्त की दुकान पर सैल्समेन की नौकरी करना तथा मुल्जिमानों द्वारा अवैध डोडा पोस्त का काम करने से व्यावसायिक रंजिश के कारण घटना घटित करना पाया गया है, फिर भी मुल्जिमानों को माननीय न्यायालय में पेश का रिमाण्ड प्राप्त कर गहनता से अनुसंधान किया जावेगा तथा हत्या के विस्तृत कारणों का पता लगाया जावेगा तथा हत्या में प्रयुक्त हथियार बरामदगी की कार्यवाही की जावेगा। मुल्जिम सुभाष चन्द्र काजला बदमाश प्रवृति का हार्डकोर अपराधी है, जिस पर हत्या जैसे कई गम्भीर प्रकरण पुलिस थाना रावला जिला श्रीगंगानगर में दर्जनों मुकदमें दर्ज है।
– मोहन थानवी