– राज्य सरकार के सचिव से बात कर निर्देश दिये की उच्च स्तरीय कमेटी का गठन करवाकर उचित समाधान करावें।
– जलकुंभी ने धारण किया विकराल रूप, इसका कारण झील में गिर रहा दुषित पानी और गन्दगी
– अमृत योजना तहत 8 एमएलडी के एक नये बन रहे एसटीपी को भी जल्दी पूरा करने के दिये निर्देश- देवनानी
– एनजीटी के निर्देशानुसार शहर के नालों को सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट से जोडना था, लेकिन अभी भी कई नालों का पानी आनासागर झील को दूषित कर रहा है।
अजमेर, 5 मई। अजमेर की ऐतिहासिक आनासागर झील में जलकुम्भी हटाने के प्रयासों को लेकर विधानसभा अध्यक्ष श्री वासुदेव देवनानी खुद एक्शन में आगए है। उन्होंने रविवार को सीवरेज ट्रीटमेन्ट प्लान्ट का अवलोकन किया और कामकाज में धीमी गति पर अफसरों की खिंचाई की। उन्होंने निर्देश दिए कि झील से जलकुम्भी हटाने के लिए कामों को और गति दी जाए। एसटीपी को पूरी क्षमता के साथ संचालित किया जाए। झील के किनारे 2014 के बाद बने अवैध रेस्टोरेन्ट और ढाबों सहित सभी निर्माणों को सीज किया जाए। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल में गलत जवाब भेजने वाले अफसरों की जिम्मेदारी तय हो और मछली पालन के ठेके पर पुनर्विचार हो ताकि झील को स्वच्छ एवं स्वस्थ पानी मिल सके और जलकुम्भी का खात्मा हो।
अजमेर की आनासागर झील में जलकुम्भी हटाने के प्रयासों के बीच आज विधानसभा अध्यक्ष ने मौका देखा। उन्होंने सीवरेज ट्रीटमेन्ट प्लान्ट का निरीक्षण किया और अफसरों को मौके पर बुलवाकर अब तक की गई कार्यवाही की जानकारी ली। विधानसभा अध्यक्ष श्री देवनानी ने इस बात पर नाराजगी जाहिर की कि अब तक सभी नालों का गन्दा पानी एसटीपी के जरिए शुद्ध करके झील में नहीं डाला जा रहा है। जबकि अफसर एनजीटी में यह जवाब भेज चुके है कि झील में सभी नालों का पानी एसटीपी में शुद्ध करने के बाद ही डाला जा रहा है। ऐसे अफसरों के खिलाफ सख्त कार्यवाही होनी चाहिए। आगामी एक महिने में सभी नालों का पानी एसटीपी में शुद्ध करके ही झील में डाला जाए। एसटीपी को अपनी पूरी क्षमता यानि 13 एमएलडी प्रतिदिन की क्षमता से संचालित किया जाए।
उन्होंने बताया कि गत 4-5 वर्ष तक एसटीपी की कोई सम्भाल नही की अब-जब जलकुम्भी अपना विकराल स्वरूप धारण कर चुकी है तब इसको गति दी जा रही है। उन्होंने अमृत योजना के तहत 8 एमएलडी के एक नये बन रहे एसटीपी को भी जल्दी पूरा करने के निर्देश दिये। उन्होंने अधिकारियों को यह भी सुनिश्चित करने के निर्देश दिये कि गन्दा पानी आनासागर में न गिरें और अनासागर के एसटीपी में जा रहे पानी की जांच भी प्रति सप्ताह करवायी जावें।
विधानसभा अध्यक्ष ने बताया कि एनजीटी के निर्देशानुसार शहर के नालों को सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट से जोडना था, लेकिन अभी भी कई नालों का पानी आनासागर झील को दूषित कर रहे है। पूर्ववर्ती सरकार के अधिकारियों ने एनजीटी के सामने गलत रिपोर्ट और तथ्य पेश किये कि हमारे द्वारा सभी नालों को एसटीपी से जोड़ दिया है। देवनानी ने अधिकारियों को निर्देश दिये की शीघ्र ही बचे हुऐ नालों को भी सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट से जोड़ा जावें।
विधानसभा अध्यक्ष ने इस बात पर भी नाराजगी जाहिर की कि झील के किनारें बने अवैध रेस्टोरेन्ट और ढाबों सहित होटलों व खाने पीने की वस्तुओं के बेचान से झील का पानी गन्दा हो रहा है और नगर निगम इस दिशा में कोई कार्यवाही नहीं कर रहा है। ऐसे वर्ष 2014 के बाद बने सभी अवैध रेस्टोरेन्ट, ढाबों व दुकानों को सीज किया जाए तथा सुनिश्चित किया जाए कि किसी भी तरह से गन्दगी झील में नहीं जा पाए। श्री देवनानी ने कहा कि निगम शीघ्र इस पर कार्यवाही करे। इसी तरह जलकुम्भी हटने तक झील में मछली पालन के ठेके पर भी पुनर्विचार हो। झील में बने टापू पर भी खाने पीने की वस्तुओं के सम्बन्ध में उचित कार्यवाही हो। झील के किनारों पर आटा गोली बेचने वालों पर भी प्रतिबन्ध लगे तथा अवैध कब्जों के खिलाफ कार्यवाही हो।
उन्होंने कहा कि नगर निगम एवं प्रशासन की एक सक्षम समिति जांच करे कि अब तक कितने नालों को एसटीपी से जोडा गया है और शेष को जल्दी जोडा जाए। बाण्डी नदी से आने वाली गन्दगी भी झील में नहीं डाली जानी चाहिए। उन्होंने उच्च स्तर पर भी इस सम्बन्ध में बात कर जलकुम्भी हटाने के लिए अजमेर नगर निगम का सहयोग करने के निर्देश प्रदान किए है।
श्री देवनानी ने बताया कि शीघ्र ही झील के सम्पूर्ण संरक्षण के लिए जिला प्रशासन के स्तर पर एक कार्ययोजना तैयार की जाएगी। जिसमें नगर निगम, मछली पालन विभाग, सिंचाई विभाग एवं अन्य विभागों से समन्वय कर कार्यवाही सुनिश्चित की जाएगी।