सीसवाली 23 मार्च । ओडीएफ ग्राम पंचायत में गंदगी का अम्बार, 31 मार्च तक प्रदेश कैसे होगा स्वच्छ, अंता पंचायत समिति की ओडीएफ ग्राम पंचायत सीसवाली में जगह-जगह गंदगी का अम्बार लगा हुआ है। एक ओर प्रदेश को 31 मार्च तक स्वच्छ करना है, लेकिन गांव में कचरे के ढ़ेर लगे होने से मच्छर पनप रहे है। कस्बेवासियों ने बताया कि गंदगी के ढ़ेर रहने से बीमारियों का प्रकोप बढ़ता जा रहा है। वहीं गांव में कचरे के ढ़ेर में दिनभर गायों व आवारा जानवर विचरण करते रहते है। सीसवाली कहने को तो बॉरा जिले की सबसे बडी ग्राम पंचायत सीसवाली है कस्बे मे आठ दस साल से सफाई कर्मचारीयो की अपनी मॉगो को लेकर हडताल चलने के कारण कस्बे की सफाई नही हो रही है ।कस्बे के लोग गन्दगी के ढेरो के बीच जी रहे है
मन्दिंर हो या मस्जिद , स्कूल हो या आगंनबाडी केन्द्र, मोहल्ला हो या बाजार, यहॉ तक कस्बे के मुख्य बाजार ही क्यो न हो हर जगह आपको गन्दगी के ओर कीचड देखने को मिलेगा ।क्यो की यहॉ हर तरफ गन्दगी के अबांर लगे है कस्बे मे गन्दगी इतनी बढ चुकी है एक दो ट्रोलीयॉ तो छोडो कई ट्रोलीयो मे भी गन्दगी नही भरी जा सकती । गोरतलब है कि कस्बे मे करीब दस वर्षो से सफाई कर्मी अपनी विभिन्न मॉगो को लेकर हडताल पर है जिनका सरकार एंव ग्राम पंचायत द्बारा अब तक कोई समाधान नही किया गया।धार्मिक जुलुस हो या राष्ट्रीय पर्व अपने अपने समुदाय या सगंठन मिलकर सफाई करते है ओर बाहर से आये मेहमानो के सामने कस्बे की लाज बचाने की कोशिश करते है ।आखिर कब तक सरकार व पंचायत की हठधर्मिता एव बेशर्मी के आगे कस्बेवासी जिल्लत भरी जिन्दगी जिते रहेगे ।यह जानकर हैरानी होगी की मुख्यमन्त्री, सांसद, कृषि मन्त्री, ओर भी कई पदाधिकारीयो के इस कस्बे से चुनावी सम्बन्ध होने के बावजूद यह सीसवाली कस्बा अपने आपको अनाथ महसूस कर रहा है ।पूरे देश मे स्वच्छता अभियान चल रहा है लेकिन यह कस्बा चिख चिख कर स्वच्छता अभियान वालो को बुला रहा है ।दस सालो बाद भी यह पुकार अभी तक किसी ने नही सुनी कुछ दिन पहले राज्य सरकार द्बारा सीसवाली कस्बे को स्मार्ट विलेज घोषित किया गया है लगता है की गन्दगी इतनी स्मार्ट हो गई जो होते हुए भी किसी को दिखाई नही दे रही है ।धार्मिक आयोजनो एंव शैक्षणिक परिणामो के कारण यह कस्बा आध्यात्मिक एंव शैक्षणिक नगरी के रूप मे अपनी पहचान बनाने मे कामयाब हुआ है ।लेकिन यह गन्दगी यहॉ के धार्मिक एंव शैक्षणिक वातावरण पर गहरा प्रहार कर रही है ।कस्बे के वरिष्ट नागरीक व राजनिति के पदाधिकारी मुख्यमन्त्री, सांसद, कृषि मन्त्री, से पहुच होने के बावजूद भी कस्बे की सफाई पर कोई ध्यान नही देते है भली गन्दगी मे होकर गुजर जाते है।चुनावी दिनो मे कस्बेवासीयो का पहला मुद्दा सफाई व्यवस्था का ही रहता है । ओर सरपंच हो या विधायक वादा करके चले जाते है मगर जितने के बाद सभी वादो को भुल जाते है।