स्टाॅक मार्केट में सिर्फ शीर्ष पांच शहर ही नहीं, तीसरे श्रेणी के शहर भी निभा रहे हैं खुदरा भागीदारी

देश के शेयर बाजार में जहां डिमैट खातों की संख्या में रिकॉर्ड वृद्धि हुई है, वहीं पारंपरिक ब्रोकरों के कारोबार में गिरावट जैसी स्थिति है। यह इस तथ्य से भी स्पष्ट होता है कि अपस्टॉक्स जैसे डिस्काउंट ब्रोकिंग फर्म भी शेयर बाजार में निवेशकों की भागीदारी को बढ़ावा दे रहे हैं। वित्त वर्ष 2017-2018 के दौरान 3.76 मिलियन (37.6 लाख) नए डिमैट खाते खोले गए। यह आंकड़ा वर्ष 2007-08 में अपने शिखर पर रहे सट्टेबाजी बाजार के दौरान पिछले रिकॉर्ड 3 मिलियन (30 लाख) से कहीं अधिक था।
हालांकि, शेयर बाजार में प्रवेश करने वाले हजारों नए निवेशक ब्रोकरेज की संपूर्ण सेवाओं से नहीं, बल्कि बट्टा (छूट) देने वाले आढ़तियों (डिस्काउंट ब्रोकर) के कारण आ रहे हैं। बट्टा देने वाले आढ़तिए नेशनल स्टॉक् एक्सचेंज (एनएसई) और बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) के सबसे बड़े भागीदार भी हैं। उदाहरण के लिए अपस्टॉक्स को लें। आखिरी के 15 महीनों में इसने भागीदारी के मामले में तीन गुना बढ़ोतरी दर्ज की। इसमें उल्लेखनीय रूप से 33 प्रतिशत भागीदारी और राजस्व तीसरी श्रेणी के शहरों से आता है और करीब 42 प्रतिशत पहली श्रेणी के शहरों से। अपस्टॉक्स के सीईओ रवि कुमार कहते हैं, ’’हमारे 70 प्रतिशत से ज्यादा ऑर्डर अपस्टॉक्स प्रो मोबाइल के माध्यम से आते हैं। हमारा मोबाइल ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म स्पष्ट रूप से यह इशारा करता है कि तीसरी श्रेणी के शहरों में भागीदारी मोबाइल प्लेटफॉर्म के माध्यम से है।’’ यह स्टॉक मार्केट में तीसरी श्रेणी के शहरों की भागीदारी मोबाइल प्लेटफॉर्म के माध्यम से बढ़ने की प्रवृत्ति को दर्शाता है।
वित्त वर्ष 2017-2018 के दौरान अपस्टॉक्स में आये कुल ऑर्डरों में से 98.5 प्रतिशत ऑनलाइन प्राप्त हुये थे, जबकि सिर्फ 1.5 प्रतिशत ऑर्डर ही कॉल-एंड-ट्रेड सुविधा के माध्यम से आए। वित्त वर्ष 2018 में अपस्टाॅक्स के लेनदेन का हर रोज का अनुमानित कारोबार तीन गुना बढ़कर 14000 से 18000 करोड़ रुपए तक पहुंच गया। इससे पिछले वित्त वर्ष में यह प्रति दिन 5000 से 6000 करोड़ रुपए के बीच था। अपस्टाॅक्स पार्टनर मॉडल के माध्यम से काम करती है, जो अतिरिक्त खर्चों को बचाने में सहायक होता है।
इक्विटी इन्वेस्टमेंट के प्रति तीसरी श्रेणी के शहरों में बढ़ती रुचि ने अपस्टॉक्स को इसके लिए प्रोत्साहित किया है कि यह इन शहरों पर और अधिक ध्यान केंद्रित करे। फिलहाल, भारत के 125 शहरों में अपस्टाॅक्स के 384 सहयोगी हैं। अहमदनगर एक तीसरी श्रेणी का शहर है जो औसत सहभागियों के संबंध में यह अव्वल शहर है। अपस्टाॅक्स उन ग्राहकों के लिए अपने सहयोगियों के साथ राजस्व का एक हिस्सा बांटती है जिन ग्राहकों के हितों का उसके सहयोगी ध्यान रखते हैं। यह हिस्सा उस विशेषज्ञता और सेवाओं की गुणवत्ता पर निर्भर करता है जो उसके सहयोगी अपने ग्राहकों को मुहैया कराते हैं।
कम लागत वाला ब्रोकरेज मॉडल शेयर बाजार में इंट्री करने में आने वाले अवरोधों को दूर करता है और सीमित संसाधनों वाले लोगों को समझदारी से निवेश करने के सुझाव देता है। अपस्टाॅक्स जैसे आॅनलाइन ट्रेडिंग प्लेटफाॅर्म निवेशकों और कारोबारियों को लाइव मार्केट डाटा की पहुंच उपलब्ध कराते हैं। चार्टिंग टूल्स आसानी से एक बटन के एक क्लिक से उपलब्ध हो जाते हैं और इस तरह से ट्रेडर्स .रीयल टाइम में कीमतों में बदलाव कर सकते हैं। इससे ट्रेडर्स के लिए रीयल टाइम स्टाॅक मार्केट ट्रेडिंग एक हकीकत बन जाती है।
अपस्टाॅक्स कम लागत वाले ब्रोकरेज माॅडल को बनाए रखने में इसलिए सक्षम रहा है क्योंकि इसके पास कोई वास्तविक शाखाएं नहीं हैं। पूरा व्यापार साझेदारी के माॅडल पर आधारित है जहां सहयोगी पूरे देश भर में फैले हुए हैं। साझेदारी माॅडल के कारण कंपनी को अपने अतिरिक्त खर्च कम रखने और इस फंड को प्रौद्योगिकी पर खर्च करने में मदद मिलती है। प्रौद्योगिकी इतनी मजबूत है कि कंपनी अपने सहयोगियों को एक ऐसा प्लेटफाॅर्म उपलब्ध कराती है जहां वे अपने प्रदर्शन पर निगाह रख सकते हैं और यह सुनिश्चित कर सकते हैं कि उनकी जरूरतों के हिसाब से उनके ग्राहकों को सहायता मिले। कंपनी के पास छोटे फाइल वाला मोबाइल ट्रेडिंग प्लेटफाॅर्म है जो किसी भी स्मार्ट फोन पर आसानी से डाउनलोड हो जाता है। यहां तक कि यह 2जी फोन पर भी डाउनलोड हो जाता है और लो बैंडविड्थ एन्वायरनमेंट में भी काम करता है।

सिर्फ इसी पर तकनीकी रूप से सक्षम प्रमोटर्स नहीं रुके हैं। डवलपर्स ने जरूरी चार्टिंग और विश्लेषण करने वाले टूल्स को भी सीधे निवेशकों के सामने रख दिया है। इससे डेस्कटॉप पर भारी गियर ट्रेडिंग टर्मिनलों पर निर्भरता कम हुई है। प्लेस्टोर पर अपस्टाॅक्स प्रो मोबाइल ट्रेडिंग ऐप सबसे ज्यादा रेटिंग पाने वाले ऐप में से एक है।
डिस्काउंट ब्रोकर्स के साथ सबसे बड़ा फायदा ट्रेडिंग की लागत का है। यह उस बाजार में काफी मायने रखता है जहां स्टाॅक्स क्लिक करने के पहले टिक के साथ ही उस शेयर पर मिलने वाला लाभ प्रभावित होता है। अपस्टाॅक्स आॅर्डर के आकार से अलग सभी सेगमेंट में 20 रुपए प्रति इंट्राडे आॅर्डर या 0.01 प्रतिशत (जो सबसे कम हो) के हिसाब से शुल्क लेता है। इस प्रकार, जहां एक परंपरागत ब्रोकर को एक लाख रुपए के निवेश पर 10,000 रुपए तक भुगतान करना पड़ सकता है वहीं अपस्टाॅक्स को सिर्फ 20 रुपए प्रति इंट्राडे आॅर्डर ही भुगतान करना होगा। इससे भी बढ़कर, निवेशक डेरिवेटिव्स सेगमेंट में भी बेहतर लाभ के साथ ट्रेड कर सकते हैं।
कंपनी के तकनीकी कार्यबल ने प्लेटफाॅर्म का एक ऐसा मजबूत ट्रेडिंग सूट बनाया है और इसे संचालित करता जो देश भर के ग्राहकों तक पहुंच बनाने में मदद करता है। रवि कुमार कहते हैं, ’’बिना पारंपरिक तौर-तरीकों पर निर्भरता के ही हम दूर दराज के ग्राहकों तक पहुंच बनाने में भी सक्षम हैं। इंजीनियर्स और डवलपर्स की एक टीम ने हमें ऐसे तकनीकी इन्फ्रास्ट्रक्चर तैयार करने में सहायता की है। इस प्रकार अतिरिक्त खर्च में कटौती हुई है।’’ इसके अलावा, त्रुटिरहित आॅनबोर्डिंग प्रक्रिया ने भी खर्चों में कटौती करने में मदद की है। इसलिए, ये लागतें अपनी लागतों से कहीं ज्यादा मुनाफा दिलाती हैं।
आधार आधारित खाता खुलने से उन लोगों के लिए भी स्टाॅक मार्केट के दरवाजे खुल गए हैं जिनके पास आधार और पैन कार्ड हैं। अपस्टाॅक्स की आधार आधारित खाता खोलने की प्रक्रिया आखिरी उपयोगकर्ता को कम से कम मानवीय दखलंदाजी के साथ ही त्रुटिरहित और सहज अनुभव कराती है। इससे बिना पेपर के दस्तावेजों के और तेजी से खाते खुल जाते हैं इन दस्तावेजों का बेहतर मूल्यांकन भी हो जाता है।
तकनीक का ही भविष्य है और उपस्टाॅक्स जैसी कंपनियां आगे बढ़ रही अर्थव्यवस्था के महत्वपूर्ण इंजन की चालक होंगी। यह उनके द्वारा तकनीक में निवेश से संभव हो रहा है जो सभी के लिए कैपिटल मार्केट में भागीदारी को वहन करने योग्य और आसान बना रही है।

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