अजमेर, 3 अगस्त । ईदुलजुहा (बकराईद) 12 अगस्त को मनाई जायेगी। यह जानकारी देते हुए ख्वाजा साहब के गद्दीनशीन एस. एफ. हसन चिश्ती ने बताया कि ईदुलजुहा के मुबारक मौके पर ख्वाजा साहब की दरगाह में मक्के-मदीने की चादर चढ़ाकर खुद्दाम-ए-ख्वाजा मुल्क की खुशहाली व मौजूदा जायरीनों के लिए दुआ करेंगे। इस अवसर पर सुबह चार बजे जन्नती दरवाजा खोला जायेगा जो कि दिन में जौहर की नमाज के बाद बंद कर दिया जायेगा। ईदुलजुहा के मौके पर सरहदी इलाकों के जो लोग माली हालत से कमजोर होते है वह हर साल की तरहां इस साल भी अपने पुरखों की परम्पराओं को कायम रखते हुए ख्वाजा साहब की दरगाह में ईदुलजुहा से एक दिन पूर्व यानि चांद की 9 तो तारीख अंग्रेजी 11 अगस्त की रात्रि रातभर दरगाह में विशेष इबादत कर ईदुलजुहा की नमाज पढ़ अपने-अपने घर चले जाते है। यह लोग कच्च्छ-भुज (गुजरात), राजस्थान में जैसलमेर-बाड़मेर व कश्मीर के लोग होते है। ख्वाजा साहब की महाना छठी 8 अगस्त यानि चांद की 6 तारीख को सुबह नौ बजे आहता-ए-नूर दरगाह शरीफ में होगी। चांद की 7 तारीख से चांद की 10 तारीख तक ख्वाजा साहब की मजार की गुम्बद में मक्के-मदीने की एक चादर जायरीनों की जियारत के लिए लगाई जाती है।