पषुओं में बीमारी की भरमार और महगांई की मार, उत्पादक और उपभोक्ता लाचार

यह सर्वविदित है कि जिले में लम्पी के प्रकोप के कारण लगभग 10,000 गाय संक्रमित हो चुकी है एवं लगभग 4,000 गाये मर चुकी है। जिससे जिला दुग्ध उत्पादक संघ के दुध के संकलन में लगभग 1 लाख लीटर प्रतिदिन की गिरावट आई है। इसी और महंगाई के कारण पषु आहार के भाव, बिजली-पानी एवं पषुओं के रखरखाव के खर्चे भी अपनी चरम सीमा तक पहुंच चुके है, इस वर्ष प्राकृतिक प्रकोप के कारण पषुपालको के सामान्य पषुओं के दूध उत्पादन में भी 10 से 15 प्रतिषत की गिरावट आई है।
अजमेर डेयरी ने अपने पषुपालको को 21 फरवरी 2022 से 6 बार दूध के भावों में वृद्धि करने से 8.55 पैसे प्रति फैट करने पर लगभग 55 रूपये से 56 रूपये दुग्ध उत्पादको को दिपावली तक भुगतान करना पडेगा। इसको अजमेर दुग्ध संघ पर लगभग 25 करोड़ रूपये तक का अतिरिक्त आर्थिक भार पडेगा। इस समस्या का समाधान करने हेतु अजमेर जिला दुग्ध उत्पादक सहकारी संघ को दूध के विपणन मूल्य में आगामी 8 सितम्बर, 2022 से पुनः 2 रूपये प्रति लीटर दूध के समस्त ब्रांडो पर वृद्धि करनी पड़ रही है। क्योंकि निकट भविष्य में श्राद पक्ष, नवरात्रा पखवाड़ा एवं दिपावली आने से अजमेर दुग्ध संघ द्वारा दूध संकलन एवं विपणन में सामंजस्य बिठाने हेतु उपरोक्त कदम उठाना उपभोक्ताओं के हित में रहेगा जिससे उपभोक्ताओं को दूध समय पर एवं पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध हो सकेगा। दिपावली तक भैंसो की ब्यात पर्याप्त मात्रा में हो जाने से दूध का संकलन भी बढ़ने का पूरा भरोसा है।
जिले के विभिन्न हिस्सो से प्राप्त सूचनाओं के अनुसार भैंसो में भी 1-2 प्रतिषत बीमारी होने से मौत की भी खबर प्राप्त हुई है जो की दुखद सूचना है।
लम्पी बीमारी जो ना केवल राजस्थान में बल्कि देष के अन्य राज्यो में भी फैल चुकी है ऐसी विकट परिस्थितियों में भारत सरकार से पुनः अनुरोध करते है की इस बीमारी को राष्ट्रीय आपदा घोषित की जावे जिससे की पषुपालको को पषुओं की मृत्यु पर मुआवजा मिल सके। अन्यथा यही क्रम चलता रहा तो पूरे भारत में दूध, ैडच् एवं घी आदि दुग्ध उत्पाद और भी महंगे हो सकते है।

(रामचन्द्र चौधरी)
अध्यक्ष

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