*वीर नाम हैं कितना प्यारा, जन जन की आंखों का तारा*

*तपस्वी दृढ़ प्रतिज्ञाधारी गुरुदेव रोशनलाल जी महाराज के जीवन से ले धर्म की सीख – साध्वी धैर्यप्रभा*

ब्यावर। बिरद भवन में आयोजित धर्मसभा को धर्मदेशना देते हुए महासाध्वी धैर्यप्रभा ने बताया कि इस जीवन में हम जिसे ज्यादा खुराक देते है, ज्यादा ध्यान रखते है वी हमारे सदैव साथ रहता हैं। हम में वासना भी हैं और उपासना भी, हम में क्रोध भी है और प्रेम भी हम जिस का ज्यादा ध्यान रखेंगे वही हमारे साथ रहेगा। अब यह हम पर हैं हम अच्छी बातों का ख्याल रखे या बुरी आदतों का। महासती ने दृढ़ प्रतिज्ञाधारी महातपस्वी गुरुदेव रोशनलाल जी के जीवनी पर प्रकाश डाला। रोशनलाल जी म.सा. ने गुरुसेवा हेतु श्रमण संघ एकता प्रेरक मिश्रीलाल जी महाराज के समीप दीक्षा ग्रहण की। रोशनलाल जी महाराज ने एक विशेष पंचांग का भी निर्माण किया था। दिवाकर गुरुदेव के साथ वो ब्यावर पधारे थे। फिर वहां से उनका चातुर्मास इंदौर में हुआ। उनके परिवार से 4 दीक्षाएं हुई। शेष बचा गुरुदेव का जीवन परिचय आगे के प्रवचनों में बताया जाएगा।

शांतिलाल बोहरा ने बताया कि गांधी आराधना भवन में विराजित महासाध्वी धैर्यप्रभा जी आदि ठाणा का प्रवचन बिरद भवन में प्रतिदिन प्रातः 9 बजे से 10 बजे तक चल रहा हैं। महासती जी अपने रोचक वाचनशैली के साथ प्रसंगों और गितिकाओं के माध्यम से विभिन्न विषयों को अपने प्रवचन में रखती हैं। प्रतिदिन सैकड़ो श्रावक श्राविका प्रवचन सुनकर अपने जीवन को सफल बना रहे हैं। दिन में गाँधी आराधना भवन में नवकार मन्त्र का जाप अनवरत चल रहा हैं।

रुपेश कोठरी
मीडिया प्रभारी
जैन दिवाकर संघ ब्यावर

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