जिला निर्वाचन अधिकारी ने किया ईएफ वितरण कार्य का अवलोकन
घर-घर पहुंचे बीएलओ, वितरित किए ईएफ, 4 दिसम्बर तक होगा वितरण एवं संग्रहण
अजमेर, 4 नवम्बर। भारत निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) कार्य 4 नवम्बर, मंगलवार से आरम्भ हुआ। जिले के सभी विधानसभा क्षेत्रों में बीएलओ ने घर-घर जाकर परिगणना प्रपत्र (एन्युमरेशन फॉर्म) वितरण कार्य शुरू किया। इसके तहत जिला निर्वाचन अधिकारी एवं जिला कलक्टर श्री लोकबंधु ने जिले की अजमेर उत्तर विधानसभा क्षेत्र में बीएलओ द्वारा वितरित किए जा रहे परीगणना प्रपत्र कार्य का अवलोकन किया। साथ ही उन्होंने बीएलओ को मतदाताओं को विशेष गहन पुनरीक्षण प्रक्रिया की विस्तारपूर्वक जानकारी देने के निर्देश दिए।
जिला निर्वाचन अधिकारी ने अजमेर उत्तर विधानसभा क्षेत्र में मंगलवार को विशेष गहन पुनरीक्षण प्रक्रिया का अवलोकन किया। उन्होंने अजमेर उत्तर विधानसभा क्षेत्र के कार्यालय जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग सहायक अभियंता नल गोदाम गंज के मतदान केंद्र सहित विभिन्न स्थानों पर बीएलओ द्वारा वितरित ईएफ कार्य को देखा। उन्होंने कहा कि ईएफ में मांगी जा रही जानकारी देकर मतदाता लोकतंत्र में अपनी भागीदारी सुनिश्चित कर सकते हैं। इस दौरान उन्होंने ईआरओ और बीएलओ से भी आवश्यक जानकारी लेकर दिशा-निर्देश दिए।
उन्होंने बताया कि विशेष गहन पुनरीक्षण का उद्देश्य मतदाता सूची को अद्यतन, शुद्ध एवं त्रुटिरहित बनाना है। इससे कोई भी पात्र नागरिक छूटे नहीं और कोई भी अपात्र व्यक्ति सूची में शामिल नहीं रहे। भारत के संविधान द्वारा मतदाता के लिए पात्रता निर्धारित की गई है। इसके अनुसार व्यक्ति भारत का नागरिक होना चाहिए। वह 18 वर्ष से अधिक आयु का हो। निर्वाचन क्षेत्र का सामान्य निवासी हो। वह व्यक्ति किसी कानून के तहत अयोग्य घोषित नहीं होना चाहिए।
उन्होंने कहा कि मतदाता सूची के इस पुनरीक्षण में वर्ष 2002 की मतदाता सूचियों के आधार पर निर्वाचक मैपिंग की जा रही है। विशेष गहन पुनरीक्षण के अंतर्गत निर्वाचन विभाग द्वारा प्रत्येक मतदाता के लिए परिगणना प्रपत्र (ईएफ) तैयार किए गए हैं। इनमें मतदाता के वर्तमान मतदाता सूची में दर्शाए गए आवश्यक विवरण शामिल होंगे। इसमें मतदाता का नाम, पता, विधानसभा क्षेत्र, भाग संख्या आदि पूर्व मुद्रित रहेगा। बीएलओ प्रत्येक मतदाता को परिगणना प्रपत्र वितरित करेंगे। बीएलओ वर्ष 2002 की मतदाता सूची के अनुसार मतदाता को अपने नाम अथवा अपने रिश्तेदार के नाम के साथ मिलान एवं लिंक करने में सहयोग करेंगे। परिगणना प्रपत्र में मतदाता की पुरानी फोटो पूर्व मुद्रित रहेगी। इसके पास मतदाता को अपनी नवीनतम रंगीन फोटो परिगणना प्रपत्र पर चिपकानी होगी।
उन्होंने बताया कि राज्य निर्वाचन आयोग की वेबसाइट https://election.rajasthan.gov.in के सिटिजन सेन्टर कॉर्नर से मतदाता सूचियां देखी जा सकती हैं। पूर्व में की गई एसआईआर के सम्पूर्ण भारतवर्ष के डाटा वेबसाइट https://voters.eci.gov.in पर उपलब्ध हैं। यहां मतदाता वर्ष 2002 की राजस्थान की मतदाता सूची एवं अन्य राज्यों की सूचियाँ भी देख सकते हैं। बीएलओ भरे हुए परिगणना प्रपत्र मतदाताओं से प्राप्त कर सहायक निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण पदाधिकारी (एईआरओ) को जमा कराएंगे। बीएलओ प्रत्येक मतदाता के घर तीन बार जाएंगे तथा उन्हें परिगणना प्रपत्र भरने में सहायता करेंगे। इसे मतदाता अपने स्तर पर ऑनलाईन भी कर सकते हैं।
उन्होंने बताया कि राज्य निर्वाचन विभाग के अनुसार वर्तमान में कोई भी दस्तावेज मांगे जाने की आवश्यकता परिगणना चरण के दौरान नहीं होगी। परिगणना प्रपत्र जमा कराने वाले समस्त मतदाताओं के नाम ड्राफ्ट रोल में शामिल होंगे। गणना पूर्ण होने के पश्चात विगत एसआईआर से मिलान या लिंकिंग नहीं होने वाले मतदाताओं को ईआरओ एवं एईआरओ द्वारा नोटिस जारी किया जाकर पात्रता की जांच की जाएगी। इसी के आधार पर पात्र नागरिकों के नाम अंतिम मतदाता सूची में सम्मिलित किए जाएंगे। साथ ही अपात्र पाए गए व्यक्तियों के नाम हटाए जाएंगे।
उन्होंने बताया कि 4 नवम्बर से 4 दिसम्बर तक घर-घर गणना प्रपत्र के वितरण एवं संग्रहण का कार्य होगा। ड्राफ्ट मतदाता सूची प्रारूप का प्रकाशन 9 दिसम्बर 2025 को किया जाएगा। 9 दिसम्बर से 9 जनवरी 2026 तक दावे एवं आपत्तियां ली जाएगी। 9 दिसम्बर से 31 जनवरी 2026 तक नोटिस फेज रहेगा, जिसमें सुनवाई एवं सत्यापन कार्य किया जाएगा। इसके उपरांत 7 फरवरी को अंतिम मतदाता सूची का प्रकाशन किया जाएगा। ड्राफ्ट सूची में शामिल नहीं किए गए अनुपस्थित, स्थानान्तरित, मृत एवं डुप्लीकेट नामों की सूची निर्वाचन विभाग की वेबसाइट पर जारी की जाएगी। इसके बाद नागरिक अपने नाम जुड़वाने या आपत्ति दर्ज कराने के लिए आवेदन कर सकेंगे।
जिला निर्वाचन अधिकारी ने प्रक्रिया का अवलोकन करते हुए बीएलओ एवं सुपरवाइजर को निर्देश दिए कि वे 40 वर्ष से अधिक एवं 40 वर्ष से कम उम्र के मतदाताओं की मैपिंग की समीक्षा कर शेष रह गए मतदाताओं का पता लगाएँ। उन्होंने कहा कि शेष मतदाताओं की मैपिंग प्रोेज़नी के आधार पर वर्ष 2002 की सूची से मिलान कर पूर्ण की जाए। बीएलओ ऎप पर भरे गए सभी प्रपत्रों का प्रमाणन सुनिश्चित करें। बीएलओ को यह जानकारी होनी चाहिए कि कितने मतदाताओं की मैपिंग अभी शेष है। ऎसे मामलों में घर-घर जाकर कारणों की जानकारी प्राप्त कर मैपिंग कार्य पूर्ण किया जाए।