
फलित ज्योतिष के ग्रंथों के अनुसार बृहस्पति नवग्रहों में सबसे शुभ है। यही कारण है कि गोचर में अधिकांश समय बृहस्पति की स्थिति जनसामान्य के लिए सुखद ही बनी होती है। ’गत्यात्मक ज्योतिष’ के अनुसार भी बृहस्पति तबतक जातकों को परेशान नहीं करता , जबतक वह गत्यात्मक शक्ति संपन्न होता है। गत्यात्मक शक्ति बहुत कम हो जाने पर भले ही जातक को बृहस्पति के कारण कुछ परेशानी मिल जाती है। हां कभी कभी किसी खास राशि में इसकी उपस्थिति खास ग्रहयोगों वाले लोगों को अच्छे या बुरे रूप में प्रभावित करती है।
1 जून 2013 को देवगुरु बृहस्पति मिथुन राशि में प्रवेश करने वाला है। यहां से लेकर जून 2014 तक एक वर्ष इसकी स्थिति मिथुन राशि में होगी। राशिचक्र की यह तीसरी राशि है , जिसका विस्तार भचक्र में 30 डिग्री से लेकर 60 डिग्री तक माना गया है। यूं तो मिथुन राशि में बृहस्पति की स्थिति जून से ही लोगों के सुख और दुख दोनो का कारण बनेगी , पर 9 अक्तूबर के बाद के बाद 8 नवंबर 2013 तक दिन ब दिन इसकी स्थैतिक शक्ति में हो रही वृद्धि कुछ लोगों की मन:स्थिति को सुखद बनाएगी , तो कुछ तनाव झेलने को भी विवश होंगे। इस एक महीनें में लोग बृहस्पति के कारण उत्पन्न होनेवाले कार्य में उलझे रहेंगे। चूंकि बृहस्पति धनु और मीन राशि का स्वामी है और इसकी स्थिति इस समय मिथुन राशि में होगी , इसलिए धनु , मीन और वृष राशि से संबंधित कार्यों में ही सुख या दुख की अधिक संभावना रहेगी।
बृहस्पति की इस स्थिति के कारण 1937 , 1949 , 1961 , 1973 , 1985 ,1997 में जन्म लेनेवाले उत्साहित होकर कार्य में जुटे रहेंगे। एक महीनें तक कार्य अच्छी तरह होने के पश्चात नवंबर 2013 के मध्य में किसी न किसी प्रकार के व्यवधान के उपस्थित होने से कार्य की गति कुछ धीमी पड़ जाएगी। जनवरी 2014 के पहले सप्ताह तक कार्य रूका हुआ रहेगा , उसके बाद ही काम फिर शुरू हा सकता है , मार्च के पहले सप्ताह में स्थगित कार्य पुन: उसी रुप में या बदले हुए रुप में तेजी से उपस्थित होकर गतिमान होगा और फरवरी 2013 के अंत तक अपने निर्णयात्मक मोड़ पर पहुंच जाएगा। बृहस्पति के कारण होनेवाले इस निर्णय से भी इन लोगों को खुशी होगी। किसी खास संदर्भ में सफलता से इनका उत्साह बढा रहेगा। गोचर के बृहस्पति के कर्क राशि में जाने के बाद पुन: ऐसा माहौल नहीं रह पाएगा।
किन्तु वृष राशि में बृहस्पति की इस विशेष स्थिति से 1935 , 1947 , 1959, 1971 , 1983 ,1995 और 2007 में जन्म लेनेवाले लोगों को कष्ट या तकलीफ भी होगी। वे निराशाजनक वातावरण में कार्य करने को बाध्य होंगे। 8 अक्तूबर से 8 नवंबर 2013 तक किए गए मेहनत के बाद कार्य के असफल होने से उन्हें तनाव का सामना करना पड सकता है। दिसंबर 2012 तक उनके समक्ष किकर्तब्य विमूढावस्था की स्थिति बनी रहेगी। मार्च में ही स्थगित कार्य पुन: उसी रुप में या बदले हुए रुप में उपस्थित होकर गतिमान होगा और मार्च 2014 के अंत तक अपने निर्णयात्मक मोड़ पर पहुंच जाएगा। बृहस्पति के कारण होनेवाले इस निर्णय से भी इन लोगों को कष्ट पहुंचेगा। किसी खास मुद्दे को लेकर 30 मई तक इनकी परेशानी बनी रह सकती है। पर उसके बाद गोचर के बृहस्पति के मिथुन राशि में जाते ही उनकी परेशानी का अंत होगा।
इसके अलावे गोचर के मिथुन राशि के बृहस्पति के कारण मकर राशि वाले शुभ प्रभाव तथा वृश्चिक राशि वाले बुरा प्रभाव महसूस करेंगे। काफी हद तक वृष राशि वाले पर भी बृहस्पति के इस चाल का अच्छा प्रभाव पडेगा। कुछ हद तक दिसंबर माह में जन्म लेनेवालों के लिए बृहस्पति की यह स्थिति शुभ प्रभाव देने वाली होगी , जबकि अक्तूबर माह में जन्म लेनेवाले इसके बुरे प्रभाव से युक्त हो सकते हैं। यदि ऊपर मौजूद तिथियों या राशि कोई जातक एक साथ बृहस्पति के अच्छे और बुरे दोनो प्रभाव में आते हों , तो उनपर बृहसपति का मिश्रित प्रभाव पडेगा , यानि कोई कठिनाई आएगी तो उसके समाधान के रास्ते भी दिखेंगे।
बृहस्पति के इस खास चाल के कारण ऊपर मौजूद तिथियों या राशि में जन्म लेनेवाले विभिन्न लग्नवाले भिन्न भिनन प्रकार के सुख या दुख से खुद को संयुक्त पाएंगे। मेष लग्नवाले भाग्य , धर्म , खर्च या बाहरी संदर्भों के साथ साथ भाई बहन बंधु बांधव का कष्ट से संबंधित, वृष लग्नवाले हर प्रकार के लाभ , रूटीन और जीवन शैली के मामलों के साथ साथ धन की स्थिति , मिथुन लग्नवाले घर गृहस्थी , पिता पक्ष , सामाजिक पक्ष , कैरियर के साथ स्वास्थ्य से संबंधित , कर्क लग्नवाले धर्म , भाग्य ,प्रभाव के साथ साथ खर्च के मामले , सिंह लग्नवाले अपनी या संतान पक्ष की पढाई लिखाई , रूटीन या जीवनशैली के साथ साथ लाभ से संबंधित , कन्या लग्नवाले माता पक्ष , छोटी या बडी संपत्ति , घर गृहस्थी के साथ साथ पिता और पद प्रतिष्ठा से संबंधित , तुला लग्नवाले भाई , बहन या अन्य बंधु बांधव , खर्च और बाहरी संदर्भ के साथ साथ भाग्य से संबंधित , वृश्चिक लग्नवाले धन , कोष , अपनी या संतान पक्ष की पढाई लिखाई के साथ साथ जीवनशैली के मामले , धनु लग्नवाले स्वास्थ्य , माता पक्ष , किसी प्रकार की छोटी या बडी संपत्ति के अलावा घर गृहस्थी से संबंधित , मकर लग्नवाले भाई , बहन या अन्य बंधु बांधव , खर्च और बाहरी संदर्भ के अलावा प्रभाव से संबंधित , कुंभ लग्नवाले धन , कोष , लाभ या लक्ष्य के अलावा बुद्धि , ज्ञान और संतान से संबंधित , मीन लग्नवाले स्वास्थ्य , पिता पक्ष , सामाजिक पक्ष , कैरियर के साथ साथ किसी प्रकार की छोटी या बडी संपत्ति से संबंधित मामलों की मजबूती या कमजोरी को महसूस करेंगे।
-संगीता पुरी, गत्यात्मक ज्योतिष से साभार
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