
आपने अरेबियन नाइटस की अली बाबा और चालीस चोर कहानी पढ़ी होगी। यह किस्सा भारत का है। एक बार देश की राजधानी में एक उच्च सरकारी भोज में, जहां चांदी के बर्तनों में खाना परोसा जाता है, एक मंत्रीजी ने चुपके से एक चम्मच उठा कर अपनी शेरवानी की जेब में डाल लिया लेकिन संयोग से ऐसा करते वक्त सामने बैठे प्रधानमंत्री की नजर उन पर पड़ गई। हालांकि मंत्रीजी बोर्न विद सिल्वर स्पून इन हिज माउथ थे लेकिन उन्हें लगा होगा कि एक सिल्वर स्पून जेब में भी होना चाहिए। चम्मच तो एक से ज्यादा भी हो तो क्या बुरा है ? काम आते ही हैं।
भोज की समाप्ति पर प्रधानमंत्रीजी ने अपने सम्बोधन में विदेशी मेहमानों सहित सबको धन्यवाद दिया और इस देश की खूबियां गिनाते हुए कहा कि हालांकि हमारा देश ऋषि-मुनियों, साधु-संतों का देश है लेकिन यहां का जादू-टोना भी दुनिया भर में मशहूर है। अब आप ही देखिये, मैं एक चम्मच अपनी जेब में डालता हूं लेकिन वह निकलेगी हमारे मंत्रीजी की जेब में। इतना कहकर उन्होंने तत्काल ही उन मंत्रीजी की जेब से चम्मच निकाल कर सबको आश्चर्य चकित कर दिया। इस घटना पर वहां उपस्थित लोगों ने देर तक जोर-जोर से तालियां बजाईं। बताते हैं कि वैसी तालियां आज तक नहीं बजी। तब भी नहीं जब कांग्रेस ने गरीबी हटाओ का नारा उछाला था और तब भी नहीं जब एनडीए की सरकार ने इंडिया शाइनिंग का नारा लगाया था। इसी दौरान प्रिन्ट मीडिया को इस बात की भनक लग गई। समारोह की समाप्ति पर जब मंत्रीजी बाहर आए तो पत्रकारों ने उनसे इस घटना के बारे में पूछा। पहले तो मंत्रीजी ने ऐसी किसी घटना से ही इंकार किया लेकिन जब पत्रकारों ने खोद-खोद कर उनसे सवाल किए तो उन्होंने कहा कि यह सब राजनीतिक षड्यंत्र है। इसमें आईएसआई का हाथ है। मुझे फंसाया गया है। मैं नहीं जानता कि चम्मच मेरी जेब में कैसे पहुंच गया? इसकी न्यायिक जांच होनी चाहिए। मुझे देश की न्यायिक व्यवस्था पर पूरा विश्वास है। कानून अपना काम करेगा। दूसरी ओर भोज में उपस्थित विदेशी मेहमान इस देश के जादू-टोने से बहुत प्रभावित हुए और सभी इसे अमेजिंग, एक्सलैैंट इत्यादि कहते हुए अपने-अपने दूतावास जाने हेतु वाहनों की तरफ बढ गए। साथ ही उन्हें अब विशवास हो गया कि इसी जादू-टोने से इस देश की गरीबी, बेकारी, अशिक्षा इत्यादि समस्याएं मिट पायेंगी।
अगले दिन समाचार पत्रों में जब यह खबर तथा मंत्रीजी का वक्तव्य लोगों ने पढ़ा तो उसे पढ़ कर समर्थकों ने उनके निवास स्थान पर जाकर उन्हें कहा कि यह सब ग्रहों का फेर है। इसमें घबराने की कोई जरूरत नही है। कुछ लोगों ने तो इसके लिए उन्हें हरिद्वार जाकर गंगा स्नान या तिरूपति बालाजी जाकर अपने बाल उतरवाने अथवा काले कपड़े पहन कर केरल के शबरीमाला स्थित अयप्पा मंदिर में दर्शन करने की सलाह दी। इधर मंत्रीजी के निजी सचिव ने भी पत्रकारों को बुलाकर उलाहना दिया कि कतिपय पत्रकारों ने मंत्रीजी का वक्तव्य तोड़-मरोड़ कर पेश किया है। उनको वक्तव्य छापने से पहले इस कार्यालय से पूछ लेना चाहिए था।
-ई. शिव शंकर गोयल