बड़े लोग मीडिया से पैसा बनाएंगे तो बेचारे छोटे भी तो इसी राह पर जाएंगे… बड़ों की डील नजर नहीं आती, हां, उसके रिपरकसन जरूर दिखते रहते हैं.. पर छोटों का डील तो खुलेआम होता है… जमाना जैसा इन्हें सिखा रहा है, वैसा ही ये कर रहे हैं.. इस विज्ञापन को देखिए और मीडिया की नई परिभाषा को कुबूल करिए…
भड़ास4मीडिया के एडिटर यशवंत सिंह के फेसबुक वॉल से.
