भदेल ने किया खाद्य सुरक्षा योजना के तहत चयनित करने का आग्रह

श्रीमान सचिव महोदय,
राजस्थान विधान सभा,
जयपुर।
विषय:- राजस्थान विधान सभा के प्रक्रिया एवं कार्य संचालन के नियम 295 के तहत विशेष उल्लेख प्रस्ताव- खाद्य सुरक्षा योजना के तहत चयनित न होने वाले हजारों परिवारों को योजना के तहत चयनित किये जाने बाबत्।
महोदय,
निवेदन है कि प्रदेश मे ं02 अक्टूबर, 2013 से खाद्य सुरक्षा बिल के तहत जारी किये गये प्रावधानों को लागू किया गया था, पिछली सरकार द्वारा आनन-फानन में बिना किसी पूर्व योजना के जारी किये गये इस बिल के प्रावधानों से हजारों परिवार जिन्हें ए.पी.एल. की श्रेणी में होने के कारण प्रति माह 10 किलो खाद्यान्न सार्वजनिक वितरण प्रणाली द्वारा उपलब्ध कराया जाता था, उन्हें वंचित होना पड रहा है, जिससे उनमें भारी रोष व्याप्त है। इस संदर्भ में मैं आपको कुछ सुझाव देना चाहती हूँ, जो निम्न प्रकार है:-
– शहरी क्षेत्र में निवास करने वाली खाद्य सुरक्षा योजना में अधिसूचित पिछडी जातियों यथा भोपा, वागरिया, बंजारा, गाडीया लौहार, सांसी, नट, कंजर, मेव, मिरासी, जागा, वाल्मिकी, सफाईकर्मी, रेबारी, मदारी, अल्लीशाह, सपेरा, रायसिख, भिश्ती इत्यादि का सर्वे किया जाकर सूचियां तैयार किया जाना आवश्यक है, ताकि इन्हें खाद्य सुरक्षा के तहत मिलने वाले परिलाभ से वंचित नहीं होना पडे।
– शहरी क्षेत्र में बस्ती का सर्वे करवाया जाकर सूचियां तैयार करवाया जाना आवश्यक है। वर्तमान सूचियों में अनेक परिवारों का नाम नहीं होने से उन्हें इस बिल का लाभ नहीं मिल पा रहा है।
– खुली मजदूरी करने वाले श्रमिकों को योजना में शामिल करने का स्पष्ट आधार नहीं है। निर्माण श्रमिकों में भी उन्हीं श्रमिकों को मान्यता मिली है, जिनका पंजीकरण श्रम विभाग में पूर्व से किया हुआ है। श्रम विभाग में भी सम्पूर्ण पंजीकृत निर्माण श्रमिकों का कम्प्यूटराईजड डाटा बेस तैयार नहीं है। श्रम विभाग में पदों की कमी व कम्प्यूटरीकरण के बजट के अभाव में आघा-अधूरा काम ही हो पाया है। जिससे न केवल श्रम विभाग परेशान है, अपितु खाद्य एवं नागरिक सुरक्षा विभाग को भी अनेकों कठिनाईयों का सामना करना पड रहा है।
-जिन पात्र परिवारों को डाटाबेस उपलब्ध नहीं है उनमें जैसे-रिक्शा चालक, स्ट्रीट वैलडर, घरेलू श्रमिक, कचरा बिनने वाले परिवार शामिल हैं। जब कभी रिक्शा चालक परिवार अपने आपको खाद्य सुरक्षा योजना के तहत चयनित कराने चाहे तो उसे यह प्रामण पत्र देने को कोई तैयार नहीं है कि वह रिक्शा चालक है। प्रमाण पत्र के अभाव में व विभाग की उदासीनता के कारण उपरोक्त परिवार मिलने वाले लाभ से वंचित हो रहे हैं। इसी प्रकार बीडी श्रमिक भी योजना में पात्र होते हुए उपरोक्त योजना का लाभ इसलिये नहीं उठा पा रहे हैं क्योंकि उनका भी डाटा बेस तैयार नहीं है।
अतः मेरा सरकार से आग्रह है कि नगर निकाय स्तर पर एक खाद्य सुरक्षा संबंधि सेल/हैल्पलाईन डेस्क खोली जावे जो इस योजना में चयनित से वंचित पात्र परिवारों का नाम जोडने एंव सील लगाने का कार्य नियमित रूप से कर सके।

अनिता भदेल
अनिता भदेल

इस योजना के पात्र परिवारों का डाटा बेस तैयार करवाया जाना आवश्यक है। जिसमें सॉफ्टवेयर स्तर पर डी-डूप्लीकेशन की पहचान का प्रावधान हो, ताकि दोहरे चयनकरण को रोका जा सके। ऑन लाईन डाटा फिडिंग हेतु प्रति एन्ट्री दर अनुसार बजट उपलब्ध कराया जाना चाहिये। वर्तमान में कार्यरत ऑन लाईन डाटा बेस का सॉफ्टवेयर ठीक प्रकार से कार्यरत नहीं है। डाटा फिडिंग में अनेक प्रकार की कठिनाईयां आ रही है, यथा-बी.पी.एल., स्टेट बी.पी.एल. के वर्तमान ऑन लाईन से डाटा से लिंक नहीं हो रहा है।

खाद्य सुरक्षा का खाद्यान्न राशन टिकटों के माध्यम से कराया जाना उचित होगा, ताकि खाद्यान्न का डायवर्जन नहीं हो। राशन टिकटों के संग्रहण एवं मिलान के लिये तहसील स्तर पर पर्याप्त स्टॉफ होना आवश्यक है।
अनिता भदेल
अजमेर दक्षिण विधायिका
मो. 9829270288
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