विवादों के निस्तारण में मध्यस्थ की भूमिका महत्वपूर्ण

DSC_1567अजमेर। राजस्थान राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के निर्देशानुसार जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के तत्वावधान में ”इन्ट्रोस्पेक्शन एण्ड अवेयरनेस अपॉन मीडिएशन एक्टिविटीज: चैलेंजेस एण्ड सॉल्यूशन” विषय पर संभाग स्तरीय सेमीनार रविवार को सम्पन्न हुई ।
राजीव गांधी विद्या भवन माध्यमिक शिक्षा बोर्ड पर आयोजित सेमीनार में न्यायिक विवादों के निस्तारण में मध्यस्थ की भूमिका, प्रभाव एवं आश्यकता पर सारगर्भित चर्चा की गई। संभागीय सेमीनार को सम्बोधित करते हुए राजस्थान उच्च न्यायालय के न्यायाधीश डॉ विनीत कोठोरी ने कहा कि न्यायिक विवादों के निस्तारण के लिए मध्यस्थता की प्रकिया बेहद महत्वपूर्ण है । वर्तमान में सभी तरह के न्यायालयों में बड़ी संख्या में मुकदमे लम्बित है। न्यायालय पर से कार्य की अधिकता के इस दबाव को समाप्त करने तथा विभिन्न पक्षों में आपसी विवाद के कारण उपजे तनाव को खत्म करने के लिए मुकदमों के पूर्व एवं मुकदमों के दौरान मध्यस्था के जरिए विवादों के निस्तारण की प्रक्रिया अपनायी गई है।
न्यायाधीश श्री कोठारी ने कहा कि किसी भी देश के आर्थिक एवं सामाजिक विकास के लिए वहां शांति एवं सौहार्द का होना आवश्यक है । मुकदमों के मध्यस्थता के जरिए निस्तारण से हम देश के विकास में भी प्रभावी भूमिका निभा सकते है। विदेशों में भी यह प्रक्रिया बेहद लोकप्रिय है। देश के कानूनों में मध्यस्थता से मुकदमों के निस्तारण के लिए प्रणाली तय कर दी गई है। अब जरूरत है इसके प्रति जागरूकता उत्पन्न करने तथा पूरी गंभीरता के साथ प्रयास करने की । वैवाहिक विवादों सहित अन्य तरह के न्यायिक मामलों के निस्तारण में यह प्रक्रिया बेहद प्रभावी है। हम पूरे मन से प्रयास करें, दोनों पक्षों को अच्छी तरह सुनकर उनकी समस्या को समझे एवं निस्तारण के उपाय सुझाएं तो आधी से ज्यादा समस्याएं शुरूआती स्तर पर ही सुलझ जाएंगी।
इससे पूर्व भीलवाड़ा के जिला एवं सत्र न्यायाधीश श्री रामसिंह मीणा, मेड़ता के जिला एवं सत्र न्यायाधीश श्री जर्नादन व्यास, टोंक के जिला एवं सत्र न्यायाधीश श्री पृथ्वीराज एवं जज इंचार्ज मीडिएशन श्री रवि कुमार गुप्ता एवं मोटर वाहन दुर्घटना दावा अधिकरण के न्यायाधीश श्री जैनेन्द्र कुमार जैन, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव श्री सुरेन्द्र पुरोहित ने न्यायाधीश डॉ. कोठारी का स्वागत किया। उद्घाटन सत्र को पूर्व जिला एवं सत्र न्यायाधीश श्री हरी सिंह असनानी सहित अन्य वक्ताओं ने सम्बोधित किया। सभी अतिथियों ने दीपप्रज्जवलित कर कार्यक्रम की शुरूआत की । कार्यक्रम में अजमेर, भीलवाड़ा, टोंक एवं मेडता न्यायिक क्षेत्रों के न्यायाधीश, बार एसोसिएशन के पदाधिकारी एवं विभिन्न वरिष्ठ अधिवक्ता उपस्थित थे।

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