दीपक शर्मा के चित्रों की प्रर्दशनी आयोजित की गई

अजमेर लिट्रेचर फेस्टिवल के दौरान अजमेर के फोटो जर्नलिस्ट दीपक शर्मा के चित्रों की प्रर्दशनी आयोजित की गई जिसे फिल्म निर्देशक मुजफ्फर अली, मीरा अली ने देखा व प्रर्दशनी में प्रदर्शित अजमेर की गौरव गाथा गाती तस्वीरों की खूब प्रशंसा की।
IMG_6516 copyफोटो जर्नलिस्ट दीपक शर्मा ने मुज्जफ्फर अली व अन्य दर्शकों को प्रर्दशनी दिखाते हुए बताया कि आठंवी शताब्दी से अजमेर के प्रमाण मिलते है व राजस्थान के सबसे पुराने शहरों में से एक है जिसने चौहान, सलत्नत, मुगल, राठौड़, मराठा, सिघिंया, ब्रिटिश जैसे साम्राज्यों का राज इस भूमि पर रहा है। मुज्जफ्फर अली ने तस्वीरों को बारीकी से देखा व उनके इतिहास की जानकारी लेते हुए कई स्मारकों पर खुद जाने की इच्छा जताई।
दीपक ने इस प्रर्दशनी में छाया चित्रों को तीन वर्गाे में प्रदर्शित किया जिसमें अजमेर के शैक्षणिक गौरव को बताते हुए ग्याहरवीं शताब्दी के संस्कृत महाविद्यालय, 1933 में स्थापित उत्तरी भारत के पहले राजकीय महाविद्यालय, 1885 में स्वामी दयानन्द सरस्वती द्वारा स्थापित वैदिक यंत्रालय, राजसी ठाठ बाठ का गवाह रहा मेयो कॉलेज, राजस्थान का पहला गर्ल्स स्कूल सोफिया स्कूल, राष्ट्रपति भवन के आर्किटेक्ट लुटियन्स द्वारा निर्मित राजकीय विद्यालय तोपदड़ा, केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड, माध्यमिक शिक्षा बोर्ड राजस्थान, संस्कृत व वैदिक शिक्षा के लिए समर्पित ऋषि उद्यान गुरुकुल आदि प्रदर्शित किए।
हेरिटेज मोन्यूमेन्ट्स की श्रंखला में ग्याहरवीं शताब्दी से उन्नीसवीं शताब्दी तक की प्राचीन स्थलों के छाया चित्र प्रदर्शित किए जिनमें तारागढ़, अजयपाल, गंज-ए-शहीदां, ख्वाज़ा साहब की दरगाह, अकबरी किला, आनासागर बारादरी, पारसी मन्दिर से लेकर ब्रह्म पुष्कर, रूद्र पुष्कर, मध्य पुष्कर के अलावा कई स्थलों को दर्शाया।
सांस्कृतिक अजमेर में पुष्कर मेला, लाल्या काल्या का मेला, राठौड़ बाबा की सवारी, उर्स मेला एवं सूफी उत्सव, लक्ष्मीपोल मेला, बादशाह की सवारी, कोढ़ा मार होली के छाया चित्रों को प्रदर्शित किया गया जिन्हें विद्यार्थियों, कला एवं साहित्य प्रेमियों ने देखा व अजमेर को विस्तृत रुप से एक साथ देखा जिनमें से कई लोगों के लिए अजमेर को इतना विस्तृत रुप से देखने का यह पहला अवसर था।

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