प्रभात फेरी परिवार द्वारा किया गया गऊ माता पूजन

गौ माता के स्पर्ष मात्र से ही होती है सौभाग्य वृद्धि एवं मनुष्य के सभी पाप नष्ट हो जाते हैं – स्वामी षिव ज्योतिषानन्द
गौ माता भार नहीं घर का भाग्य है-अनिता भदेल
गौ मय पदार्थ अमृत तुल्य है, इनके अत्यधिक उपयोग से होगा गौ संवर्धन-उमेष गर्ग
DSC_0599press867a bhadel with cowअजमेर। गोवत्स श्री राधाकिषन जी महाराज की सद्प्रेरणा एवं संन्यास आश्रम के अध्ष्ठिाता श्रद्धेय स्वामी षिवज्योतिषानन्दजी महाराज के पावन सानिध्य में अनवरत चल रही प्रभात फेरी परिवार गोपाष्टमी के पावन अवसर पर दिनांक 31 अक्टूबर शुक्रवार को प्रातः 6 बजंे सीता गौषाला पहाडगंज पहँुचकर जगत जननी गऊ माता का दर्षन पूजन एवं परिक्रमा की। इस अवसर पर सन्यास आश्रम के वेदपाठी बालकों द्वारा वैदिक मंत्रों द्वारा गउ माता का पूजन कराया गया। उपरोक्त अवसर पर सन्यास आश्रम के अधिष्ठाता स्वामी षिवज्योतिषानन्द जी महाराज ने अपने संदेष में कहा कि गौ माता के स्पर्ष मात्र से ही सौभाग्य वृद्धि एवं समस्त पापों का नाष हो जाता है और गाय के हित में जो जीता है, गाय के हित में ही जो मरता है उसका हर शब्द रामायण है और उसका हर कर्म गीता है। स्वामी जी ने सभी वैष्णव भक्तों से आग्रह पूर्वक कहा कि हर घर में गाय अवष्य रखनी चाहिए यह मानव जीवन का कर्तव्य है अगर घर में गाय नहीं रख सकते तो गौषाला में या जहां भी गउ माता हो वहां जाकर गउ माता की सेवा एवं पूजा करनी चाहिए स्वामी जी ने कहा कि जब जब संभव हो गाय को हरे चारे के साथ गुड़ एवं चने की दाल खिलानी चाहिए एवं गउ माता की चरण धूलि को मस्तक पर तिलक की तरह लगाना चाहिए इससे समस्त शुभ फलों की प्राप्ति होती है।
गोपाष्ठमी के पावन पर्व पर अजमेर दक्षिण की विधायक एवं राज्य मंत्री श्रीमती अनिता भदेल ने संदेष में कहा कि गउ माता एक पुरे परिवार का भरण पोषण कर सकती है। गौ गव्य पदार्थ असाध्य रोगों में भी सर्वोत्तम औषधि का काम करती है अतः गाय घर का भार नहीं भाग्य है। हमारे प्रधानमंत्री नरेन्द्र भाई मोदी ने भी स्वदेषी गायों के संरक्षण एवं संवर्धन के लिए राष्टीªय गोकुल मिषन की शुरूआत की है। जिसमें लुप्त होता देषी गोवंष जिसमें सहीवाल, राठी, गीर, जैसी नस्लों को बचाया जा सके।
कार्यक्रम के समापन पर संयोजक उमेष गर्ग ने सभी का आभार प्रकट करते हुए सभी गौ भक्तों से गाय दूध सहित गौमाता द्वारा प्रदत्त सभी उत्पादों का उपयोग एवं उपभोग करने का आग्रह किया। गौ माता हमारी जरूरतों को सौ प्रतिषत पूरा करती है। गौ के गव्यों (दूध, दही, घी, छाछ, गोबर और गोमूत्र) का सेवन और गौ का संग, हमें सदैव सात्विक ऊर्जा प्रदान करते हैं अतः सभी गौ गव्य अमृत तुल्य हैं। इनका उपयोग गौ संवर्धन में अत्यधिक सहायक रहेगा। कहा कि एक छोटा सा जंगली जीव मारने पर सजा हो सकती है। लेकिन करोड़ों गायों का कत्ल करने पर कोई सजा का प्रावधान नहीं है। देष के कानून कायदे बनाने वालों जब अन्तःकरण राजसी एवं तामसी होगा तब हमारे विचार कैसे शुद्ध एवं सात्विक हो सकते हैं। जब मनुष्य का अन्तःकरण पवित्र होगा तब बुरे कर्मों का स्वतः ही त्याग हो जायेगा। गौ सेवा के पीछे एक यही मुख्य भाव है जिसे लेकर संत हृदय आज उद्वेलित है।
उपरोक्त अवसर पर प्रभात फेरी परिवार के श्री लक्ष्मीनारायण हटूका, कालीचरणदास खण्डेलवाल, बृजेष मिश्रा, गोकुल अग्रवाल, अषोक अग्रवाल, रामरतन छापरवाल, रमेष मित्तल, दिनेष परनामी, श्यामसुन्दर बंसल, महेष शर्मा, आलोक महेष्वरी, कैलाष जोषी, शान्तिलाल अग्रवाल सहित आश्रम के आचार्य एवं वेदपाठी बालकों सहित अनेक श्रद्धालुओं ने भाग लिया एवं गउ शाला प्रबन्ध समिति के स्वामी शरण गुप्ता, गिरधारी मंगल, सुरेष अग्रवाल, द्वारका प्रसाद मंगल ने प्रभात फेरी का स्वागत किया।
उमेष गर्ग
9829793705

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