डॉ मोक्षराज ने पदभार सम्भाला

IMG_20141116_120734अजमेर, ऋषि दयानन्द के काल में 13 फरवरी 1883 को ऐतिहसिक आर्यसमाज, अजमेर की स्थापना हुई। इस आर्यसमाज के द्वारा अछूतोद्धार,बाल विवाह रोकने, विधवा पुनर्विवाह कराने व नारी शिक्षा के लिये अनेक क्रान्तिकारी अभियान चलाये गये। इस समाज से जुडे पं. जियालाल आर्य के नेतृत्व में हैदराबाद सत्याग्रह के लिये एक क्रान्तिकारी जत्था रवाना हुआ था। शिक्षा के क्षेत्र में इस समाज द्वारा जो अलख जगाई उससे देश क ो वैज्ञानिक, इन्जीनियर, खिलाडी, राजनेता, व्रिगेडियर,समाजसेवी व शिक्षाविद् प्राप्त हुए हैं। अजमेर को शिक्षाक्षेत्र में विशेष पहचान दिलाने में इस समाज की अहं भूमिका रही है। इस समाज के आश्रय में ही चन्द्रशेखर आजाद, भगतसिॅह व अनेक क्रान्तिकारी रहे हैं। देश के विभिन्न जन आन्दोलनों क ा केन्द्र भी आर्यसमाज अजमेर रहा है।
इस आर्यसमाज से जुडे हुए अनेक लोगों-पदाधिकारियों में आचार्य सूर्यदेव आर्य, प्रो. दत्तात्रेय आर्य वाब्ले, श्री कृष्णराव वाब्ले, प्रो. बुद्धिप्रकाश आर्य, श्री रासासिॅह रावत, डॉ. चन्द्रकांत शास्त्री,श्री वेदरत्न आर्य, श्री चन्दराम आर्य, श्री श्रद्धानन्द शास्त्री के नाम प्रमुख हैँ।
इस समाज के हाल ही में चुनाव हुए जिसमें मं0त्री पद पर डॉ मोक्षराज को सर्वसम्मति से चुना गयाï।
विगत कार्यकारिणी में मंत्री के रूप में आचार्य गोविंद सिॅह थे । जिन्होंने आज दिनांक 16 को आर्यसमाज के युवा विद्वान् डॉ. मोक्षराज आचार्य को अन्तरंग सभा की बैठक में आर्यसमाज, अजमेर के मंत्री का पदभार सोंपा । इस बार के चुनाव में प्रधान पद पर श्री प्रतापसिॅह आर्य को चुना गया।
नवनिर्वाचित मंत्री डॉ. मोक्षराज ने वृक्ष बचाओ, समृद्धि लाओ का नारा दिया। उन्होंने अपना विचार अन्तरंग सभा में रखा जिसमें कागज- पन्ने बचाने पर बल दिया तथा यथासम्भव कम्प्यूटर पर कार्य को प्राथमिकता देने की व्यावहारिक योजना तैयार की गई।

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