भावपूर्ण गज़लों का कार्यक्रम ‘जज़्बात’

IMG-20141116-WA0002IMG-20141116-WA0004नगर की सांस्कृतिक संस्था ‘कला अंकुर’ तथा सामाजिक सरोकारों से सम्बधित दिल्ली की संस्था (एन.जी.ओ.)‘साक्षी’ के संयुक्त तत्वावधान में गज़लों का कार्यक्रम जज़्बात होटल आराम के सभागार में सायं 6 बजे प्रस्तुत किया गया। इस कार्यक्रम में दिल्ली से पधारे प्रख़्यात गज़ल गायक एवं संगीतकार उस्ताद शकील अहमद ने एक से बढ़ कर एक भावपूर्ण गज़लें प्रस्तुत की। शकील अहमद साहब रेडियो तथा दूरदर्षन के स्थापित कलाकार हैं तथा देष विदेष में गज़लों के अनेक कार्यक्रम प्रस्तुत कर चुके हैं। अजमेर शहर में इनकी यह पहली प्रस्तुति हैं । दिल्ली की संस्था साक्षी की संस्थापक डॉ. मृदुला टंडन जी के प्रयासों से ही अजमेर के संगीत व गज़ल प्रेमी श्रोता आज ऐसे प्रख़्यात कलाकार से रूबरू हुए।
कार्यक्रम की शुरूआत कला अंकुर के अध्यक्ष आनन्द गार्गीया के स्वागत उद्बोधन से हुई, उन्होने दिल्ली से पधारे सभी अतिथियों एवं नगर से पधारे सभी अतिथियों एवं श्रोताओं का स्वागत किया। तत्पष्चात कार्यक्रम की संयोजिका श्रीमती विनीता चौहान ने दिल्ली की संस्था साक्षी एवं शकील अहमद साहब का परिचय प्रस्तुत किया तथा उनका कला अंकुर के संरक्षक श्री कमलेन्द्र झा द्वारा माल्यापर्ण कर स्वागत किया गया । इसके पष्चात गज़लों का सिलसिला शुरू हुआ, उस्ताद ने गज़लमयी शाम की शुरूआत ख़्वाजा साहब की शान में एक गज़ल गा कर की उसके बाद आहिस्ता आहिस्ता, शबे हयात अब न पूछ, आज जाने की ज़िद ना करो इत्यादि ख़ूबसूरत गज़लों की मनमोहक प्रस्तुति देकर सभागार में उपस्थित सभी संगीत प्रेमी तथा गज़लों को चाहने वाले श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। तबले, सितार और ओर्गन पर संगत उस्ताद के साथ दिल्ली से ही पधारे नदीम खान, असलम अहमद व अनीस अहमद ने की ।
इस अवसर पर कला अंकुर के श्री रवि शर्मा, सुदीप रॉय, निषा जालौरी, डॉ. सी.पी.देवल, कल्पना शर्मा, शरद गोयल, रवि गर्ग, कुसुम शर्मा, एस.एस.शेखावत, ए.वी.पाण्डे, पूर्णिमा तोषनीवाल, रवि तोषनीवाल आदि सदस्य उपस्थित थे ।

शरद गोयल
पब्लिक रिलेषन सचिव

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