वरिष्ठ आईएएस डॉ.प्रधान ने दिया संदेश, राष्ट्रपति सम्मान मिलने के बाद पहली बार पहुंची ब्यावर, शहरवासियों ने आत्मीयता से किया स्वागत
ब्यावर (सुमित सारस्वत)। जीवन की सार्थकता तभी है जब हम दूसरों के लिए बेहतर कर सकें। हम जो भी करें दिल से करें। इच्छाशक्ति मजबूत रखें। सकारात्मक भाव से सेवा करने पर ही राष्ट्र के सर्वोच्च नागरिक से सम्मान मिल सकता है। हाल ही राष्ट्रपति सिल्वर अवार्ड लेकर पहली बार पैतृक शहर पहुंची ब्यावर की बेटी डॉ.वीणा प्रधान ने यह बात कही।
अभिनंदन समारोह में अपनों के बीच अनुभव साझा करते हुए खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति निगम की प्रबंध निदेशक एवं राजस्थान स्काउट-गाइड स्टेट कमिश्नर डॉ.प्रधान ने प्रेरणात्मक उद्बोधन दिया। उन्होंने कहा कि कुछ न कुछ करते रहें। स्काउट-गाइड में प्रमुख पद पर रहते हुए समर्पित भाव से सेवा की। इसी का परिणाम है कि महामहिम राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने सम्मानित करते हुए ‘कॉन्ग्रेच्युलेशन’ कहकर उज्जवल भविष्य की कामना की। प्रधान ने राष्ट्रपति के हाथों सम्मान मिलने को गौरवपूर्ण व अविस्मरणीय क्षण बताया। पूर्व राष्ट्रपति डॉ.अब्दुल कलाम को रोल मॉडल मानने वाली इस महिला अधिकारी ने कहा कि दिन में देखे गए सपनों का पूरा करने का हरसंभव प्रयास करें। मार्मिक सोच रखने वाली प्रधान ने वृद्धाश्रम को सभ्य समाज के लिए शर्मनाक बताते हुए बुजुर्गों के सम्मान की बात कही। उन्होंने कहा कि बुजुर्ग परिवार की शान है। इन्हीं से घर की रौनक है। वृद्धजनों को परिवार में साथ रखें।
बेटियों के लिए रोल मॉडल
कार्यक्रम में रमेश यादव ने डॉ.प्रधान को ब्यावर की बेटियों के लिए रोल मॉडल बताया। उन्होंने कहा कि अगर कुछ कर गुजरने की तमन्ना हो तो एक गली की बेटी राष्ट्रपति भवन तक पहुंच सकती है। प्रधान ने सफलता का मार्ग तय करते हुए यह साबित किया है। रामप्रसाद कुमावत ने कहा कि बहन वीणा प्रधान को राष्ट्रपति से सम्मान मिलने पर शहर और प्रदेश गौरवांवित हुआ है। उन्होंने इच्छा जताई कि भविष्य में विदेशों के राष्ट्रपति भी प्रधान के कार्यों से प्रभावित होकर सम्मानित करेंगे। साथ ही ब्यावरवासियों के प्रति स्नेह, सहयोग और समर्पण के लिए साधुवाद भी किया। कार्यक्रम में जयप्रकाश टेलर, कांताप्रसाद चौहान, महेंद्रदीप बजाज, महेश शर्मा, कमला दगदी, शशि सोलंकी, सुमित्रा जैथल्या, सुमित सारस्वत, वीरेंद्र सिंह पंवार, रवि लांबा, विजय पारीक, राजेंद्र तुनगरिया, जयप्रकाश सोलंकी, नरेंद्र तापडिय़ा, राजेश गुप्ता, मदनसिंह शेखावत, विकास यादव ने डॉ. प्रधान का आत्मीय भाव से स्वागत कर शुभकामनाएं दी।
निर्भय जीवन जिए बेटियां
डॉ.प्रधान ने बालिकाओं और महिलाओं की सुरक्षा को समर्पित करते हुए एक पुस्तिका ‘मेरा सम्बल’ प्रकाशित की है। उन्होंने कहा कि महिलाओं एवं बेटियों का सुरक्षित एवं संरक्षित जीवन समाज को नैतिकता के उच्च स्तर तक पहुंचा सकता है और ऐसे सुसंस्कृत समाज में बेटियां निर्भय जीवन जी पाएंगी। प्रधान ने सुमित सारस्वत द्वारा गत दिनों बेटियों के लिए लिखी कविता ‘पुकार’ की सराहना करते हुए सकारात्मक प्रयास बताया। उन्होंने सुमित्रा जैथल्या व शशि सोलंकी को महिला क्षेत्र में बेहतर कार्य करने की प्रेरणा भी दी।
अगर मिले ब्यावर की जिम्मेदारी!
डॉ.प्रधान ने बातचीत के दौरान पूछे जाने पर कहा कि अगर उन्हें ब्यावर का विकास करने के लिए प्रमुख जिम्मेदारी मिलती है तो सर्वप्रथम शहर में चरमराई पेयजल वितरण व्यवस्था को सुचारू करेंगी। ब्यावर में पेयजल समस्या बेहद पुरानी है। आमजन इस समस्या से त्रस्त है। साथ ही उन्होंने चरमराई सफाई व्यवस्था और क्षतिग्रस्त सड़कों के सुधार की इच्छा भी जताई। उन्होंने चिंता जताई कि ब्यावर में सफाई व्यवस्था लचर है। सड़कें भी खराब है।
आम-ओ-खास के लिए संदेश
वरिष्ठ आईएएस डॉ.प्रधान ने कहा कि सरकार ने स्वच्छ भारत अभियान चलाया है। इसे सभी को मिलकर सफल बनाना होगा। सफाई व्यवस्था को टारगेट के रूप में लेना होगा, महज कहने से कुछ नहीं होगा। हर नागरिक को अपनी जिम्मेदारी समझते हुए गंदगी फैलाने से बचना होगा। हमें न तो गंदगी फैलानी है और न ही गंदगी को नजरअंदाज करना है। अपनी जापान यात्रा का संस्मरण सुनाते हुए सफाई की सीख दी। उन्होंने बताया कि जापानी स्वच्छता के प्रति गंभीर हैं। वहां केला खाकर छिलका डस्टबिन नहीं मिलने पर पर्स में रख लिया जाता है। वहां कचरा सिर्फ डस्टबिन में ही डाला जाता है इसलिए सड़कें चमचमाती नजर आती है।
छात्राओं को किया सम्मानित
बीएल गोठी स्कूल में शांता हीरालाल जनकल्याण सोसायटी की ओर से आयोजित समारोह में डॉ.वीणा प्रधान ने प्रतिभावान छात्राओं को सम्मानित किया। छात्रा आनंद ज्योति, हेमप्रभा, राची गुप्ता, प्रियंका जांगिड़, सोनल रावत, आरती जैन, रीतिका जांगिड़ा व दिव्या खारोल को प्रोत्साहन राशि देकर पुरस्कृत किया। समारोह में विधायक शंकर सिंह रावत व एसडीएम आशीष गुप्ता भी मौजूद रहे। प्रधान ने कला, संस्कृति, विज्ञान व नवीन तकनीक पर आधारित प्रदर्शनी का भी अवलोकन कर विद्यार्थियों को प्रोत्साहित किया।
-सुमित सारस्वत, ब्यावर