21 मार्च को आखिर अजमेर नगर निगम के कार्यालय के ठीक सामने चूड़ी बाजार स्थित होटल अजमेर इन सीज हो ही गया। वहीं पुलिस के असहयोगपूर्ण रवैए की वजह से नला बाजार गोधा गुवाड़ी स्थित अनिल अग्रवाल की होटल सीज होने से बच गई। होटल अजमेर इन की मालिक श्रीमती सुधा राठौड़ ने भाजपा के वरिष्ठ पार्षद का नाम लेकर आरोप लगाया कि पार्षद ने होटल का अवैध निर्माण स्वीकृत कराने के लिए बहुत कुछ लिया है। श्रीमती राठौड़ ने आरोप लगाया कि निगम प्रशासन द्वैषतापूर्ण तरीके से कार्यवाही कर रहा है। जबकि तीन मंजिल का नक्शा स्वीकृत है और चौथी मंजिल का निर्माण जुर्माना लेकर स्वीकृत किया जा सकता है। इसी प्रकार पांचवीं मंजिल का उपयोग रिहायशी के तौर पर हो रहा है। वहीं निगम के आयुक्त प्रियवृत पांड्या का कहना था कि हाईकोर्ट के आदेशों के मद्देनजर नियमन से पहले अवैध निर्माण को सीज करना जरूरी है। आयुक्त ने श्रीमती राठौड़ को भरोसा दिलाया कि यदि नियमों के अनुरूप अवैध निर्माण नियमित हो सकता है तो कर दिया जाएगा। निगम ने होटल अजमेर इन की दो अवैध मंजिलों को ही सीज किया।
लेकिन निगम को नला बाजार गोधा गुवाड़ी स्थित अनिल अग्रवाल की होटल को सीज करने में सफलता नहीं मिली। निगम का दल जब मौके पर पहुंचा तो बड़ी संख्या में क्षेत्रीय दुकानदार मौजूद थे। दुकानदारों का कहना था कि अगले माह ख्वाजा साहब का उर्स है इसलिए दरगाह के निकट किसी होटल को सीज नहीं किया जाए। निगम के आयुक्त पांड्या चाहते थे कि पुलिस विरोध करने वाले दुकानदारों को बलपूर्वक तितर-बितर कर दे। लेकिन माहौल को देखते ही डीएसपी दिलीप सैनी ने इससे इंकार कर दिया। सैनी का कहना था कि फिलहाल इतना जाप्ता नहीं है जिससे इतने व्यापारियों का बलपूर्वक हटाया जा सके। पुलिस के इस रवैए की वजह से अग्रवाल की होटल सीज नहीं हो सकी।
न्यायालय से नहीं मिली राहत:
श्रीमती सुधा राठौड़ और अनिल अग्रवाल ने अदालत की शरण ली थी। लेकिन 21 मार्च को दोनों को कोई राहत नहीं मिली है। अब श्रीमती राठौड़ के प्रकरण की सुनवाई 25 मार्च को श्री अग्रवाल की सुनवाई 28 मार्च को होगी।
(एस.पी. मित्तल) (21-03-2016)
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