बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ से गूँजा राजगढ़ धाम

हजारो श्रद्धालुओं ने लिया बेटी बचाने का संकल्प
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अजमेर- निकटतम ग्राम राजगढ़ स्थित श्री मसाणिया भैरव धाम राजगढ़ पर रविवारीय मेले में प्रातःकाल गुरूदेव श्री चम्पालाल महाराज ने चक्की वाले मुख्य मंदिर पर बाबा भैरव की पूजा अर्चना कर महाराज ने मुख्य मंदिर पर बाबा भैरव, माँ कालिका एवं सर्वधर्म मनोकामनापूर्ण-स्तम्भ की पूजा-अर्चना की। देष-प्रदेष से आए हजारों श्रद्धालुओं ने मनोकामनापूर्ण-स्तम्भ की परिक्रमा कर बाबा भैरवनाथ से आषीर्वाद प्राप्त किया। रविवारीय मेले में मुख्य अतिथि के रूप में पधारे अजमेर डी.आर.एम नरेष सालेचा,व अजयमेरू प्रेस क्लब के अध्यक्ष एस.पी.मित्तल ने गुरूदेवश्री चम्पालाल महाराज के सानिध्य में धाम पर चल रहे बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ महाअभियान के दौरान श्रद्धालुओ द्वारा निकाली गई रैली को हरी झण्ड़ी दिखाकर रवाना किया।
ड़ी.आर.एम अजमेर सालेचा ने लगाई हाजरी
श्री मसाणिया भैरव धाम राजगढ़ पर रविवारीय मेले में अजमेर डी.आर.एम नरेष सालेचा ने सर्वधर्म मनोकामना पूर्ण स्तम्भ की परिक्रमा की व गुरूदेवश्री चम्पालाल महाराज से आषीर्वाद लिया। राजगढ मसाणिया भैरवधाम भक्त मण्डल की और से डी.आर.एम सालेचा का स्वागत किया गया । सालेचा ने धाम पर उपस्थित श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए कहा कि मुेने राजगढ़ धाम के बारे में बहुत सुना ही सुना था लेकिन प्रत्यक्ष रूप से आज धाम पर आकर जो देखा जिससे मन इहुत ही प्रभावित हुआ है। सालेचा ने कहा कि मनोकामनापूर्ण स्तम्भ की सच्चे मन से मात्र एक परिक्रमा करने पर कैसे भी कठिन कार्य हो भैरवबाबा उसे पूर्ण करते हैं। राजगढ़ धाम पर गुरूदेवश्री द्वारा जो महाअभियान बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ के अर्न्तगत लोगो को कन्या भ्रूण हत्या नही करने के साथ साथ समाजिक बुराईयो व नषा त्यागने की जो संकल्प दिलाया जा रहा है वह बहुत ही सराहनीय काम है जिससे लोगो में जागरूकता उन्पन्न हो रही है।
बेटी लक्ष्मी रूप होती है – चम्पालाल महाराज
श्री मसाणिया भैरव धाम राजगढ़ पर रविवारीय मेले के अवसर पर चल रहे महाअभियान बेटी बचाओ – बेटी पढ़ाओ को संबोधित करतें हुए चम्पालाल महाराज ने आए हुए श्रद्धालुओं को कन्या भ्रूण हत्या को रोकने का संदेष दिया और कहा कि आज के इस कलियुग में सभी को माँ चाहिए, बहिन चाहिए, पत्नि चाहिए तो बेटी क्यों नही चाहिए? उन्हांेेने कहा कि बेटी भाग्य विधाता से अपना भाग्य स्वयं लिखाकर लाती है और बेटी लक्ष्मी का रूप होती है। उन्होंने आए हुए सभी श्रद्धालुओं से प्रष्न किया कि दिपावली पर आप सभी लक्ष्मी की पूजा कर उसे प्रसन्न करते हैं और प्रार्थना करते हैं कि लक्ष्मी सदा घर में वास करे तो फिर लक्ष्मी रूपी बेटी का कोख में ही क्यों विनाष करते है। यदि बेटी का कोख मे ही विनाष करदिया जावेगा तो इन्सान धर कि लक्ष्मी जिसे बहु कहते है कहा से लायेगॉ।

राजगढ़ धाम पर आयुर्वेदिक रोग निदान षिवर हुआ आरम्भ
श्री मसाणिया भैरव धाम राजगढ़ पर रविवारीय मेले में आने वाले श्रद्धालुओ की बढ़ती हुई संख्या को व भीषण गर्मी देखते हुए आयुर्वेद विभाग की और से श्रद्धालुओ के लिये आयुर्वेदिक पद्वति से रोग निदान षिविर आरम्भ किया गया । षिविर में चिकित्सको व कम्पाउन्ड ने ड़युटी देकऱ आयुर्वेद से हाने वाले फायदो व रोग निदान के बारे में जानकारी देकर ओषधीया वितरण की।
आयुर्वेद निदेषक ने किया निरिक्षण
श्री मसाणिया भैरव धाम राजगढ़ पर रविवारीय मेले में आने वाले श्रद्धालुओ की बढ़ती हुई संख्या को व भीषण गर्मी देखते हुए आयुर्वेद विभाग की और से श्रद्धालुओ के लिये आयुर्वेदिक पद्वति से रोग निदान षिविर आरम्भ किया गया जिसका निरिक्षण विभाग के निदेषक विनिता श्रीवास्तव के द्वारा निरिक्षण किया गया जिसमें 1330 श्रद्धालुओ ने आयुर्वेदिक दवाओ आयुर्वेदिक पद्वति से रोग निदान षिविर से लाभांवित हुए। निदेषक श्रीवास्तव ने धाम पर गुरूदेव चम्पालाल महाराज के द्वारा चलाये जा रहे सामाजिक कार्य बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ ,रक्तदान षिविर लगवाना,नषा मुक्ति अभियान ,गौ माता की रक्षा के लिये गौषालाओ के लिये प्रेरित करना, महिला सषक्तिकरण के लिये महिला षिक्षा व महिला जागरूकता को निरन्तर प्रोत्साहित करना, जल स्वावलम्बन योजना को बढ़ावा देने व सफल बनाने के लिये धाम पर आने वाले श्रद्धालुओ को जल बचाने के लिये प्रेरित करना ये जो जन सेवा के कार्य है जिनके लिये महाराज को साधुवाद है। महाराज यहाँ धाम पर आने वाले लोगो को अंधविष्वास से देर किया जाता है और धाम की सबसे अनूठी विषेषता कि राजगढ़ धाम पर किसी भी प्रकार का दान,चन्दा,चढावा,गुप्तदान,भेट अथवा पूजन सामग्री स्वीकार नही की जाती है जो कि आर्कषण का केन्द्र है।

1050 श्रद्धालुओं ने लिया नशामुक्ति का संकल्प
रविवारीय मेले के अवसर पर राजगढ़ मसाणिया भैरवधाम पर आए हजारों श्रद्धालुओं में से धाम पर चल रहे नषामुक्ति महाअभियान में लगभग 1150 श्रद्धालुओं ने गुरूदेव श्री चम्पालाल जी महाराज की प्रेरणा व आषीर्वाद से श्रद्वालुओ ने बीड़ी-सिगरेट, गुटका, ड़ोड़ा पोस्त, अफीम, चरस, गांजा, षराब, चोरी व अपराध को अपने जीवन मे दुबारा नही करने का संकल्प लिया। महिलाओ ने भी नषा त्यागने के लिये बढ चढ कर संकल्प लिया। श्रद्वालु नषे को त्याग कर स्वंय स्वैच्छा से बाबा के चरणो में छोड़कर जाते है। राजगढ़ धाम की सबसे बड़ी विषेषता है कि यहँा किसी भी प्रकार का दान, चन्दा, चढावा, गुप्तदान, भेंट, पूजा सामग्री आदि स्वीकार नही किया जाता है और ना ही धाम पर किसी प्रकार का कोई दान पात्र है । चम्पालाल महाराज का कहना है कि कौड़ी लगे ना दाम, पूरण हो सब काम, चलो राजगढ़ धाम, भगवान को पैसे की आवष्यकता नही भगवान तो भक्ति और भावना के भूखे हाते है, भगवान भैरव थोड़ी सी पूजा और अराधना से षीघ्र प्रसन्न होने वाले देव है। धाम पर हजारो श्रद्वालुओ के साथ व्यवस्थापक ओमप्रकाष सैन, अविनाष सैन, राहुल सैन, आषीष चौधरी, प्रकाष रांका, दिनेष सैन,राहुल चाहर, सुनिल चौहान, टी.एस राणावत, सुरेष खण्ड़ेलवाल, अर्जुन लाल, मनोज मेहरा, नीरज सिंहल, रामप्रसाद जाग्रत, राहुल सैन प्रीमतपुरी वाले, सुनिल रांका आदि व्यवस्थाओ को सम्भलने के लिये मोजूद थै।

अविनाष सेन
प्रवक्ता

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