बाल विवाह रोकथाम की रणनीति बनाने पर हुआ मंथन

जन जागृति पर दिया जोर
µबाल विवाह एक सामाजिक बुराई, इसे खत्म करना जरूरी: मंत्राी श्रीमती अनिता भदेल

PROAJMPHOTO(2)अजमेर/जयपुर 4 मई/ महिला अधिकारिता विभाग, यूनिसेफ व यूएनएफपीए के प्रतिनिधियों ने बुधवार को राजधानी में होटल राॅयल ओर्चिड में एकत्रित होकर प्रदेश में बाल विवाह को समूल रोकने के लिए राज्य स्तरीय रणनीति एक्शन प्लान बनाने पर मंथन किया। कार्यशाला में बाल विवाह से होने वाले नुकसानों से आमजन को अवगत कराकर जागृति फैलाने पर जोर दिया गया।
महिला एवं बाल विकास राज्य मंत्राी श्रीमती अनिता भदेल ने कहा कि बाल विवाह समाज में व्याप्त एक सामाजिक बुराई है। लोग अज्ञानतावश अपने नाबालिग बच्चों का विवाह कम उम्र में ही कर देते हैं। हम सब लोगों को मिलकर इस बुराई के खिलाफ एक जन आंदोलन के माध्यम से लोगों में जागृति लानी है ताकि समाज से इस कुप्रथा का अंत हो सके। साथ ही उन्होंने कहा कि समाज में हमें ऐसा वातावरण तैयार करना है जिससे लोग बाल विवाह को रोकने के प्रति जागरुक हो।

श्रीमती भदेल ने कहा कि बाल विवाह न केवल समाज में व्याप्त एक कुप्रथा है बल्कि इससे कई लोग अपने नाबालिग बच्चों का भविष्य खराब कर देते हैं। उन्होंने बताया कि बाल विवाह कर देने से बच्चों का उनके मूल अधिकार शिक्षा, पोषण एवं स्वास्थ्य से भी वंचित कर दिया जाता है। उन्होंने कार्यशाला में यूनिसेफ व यूएनएफपीए के प्रतिनिधियों से अपील की कि आप राजस्थान में बाल विवाह रोकथाम के लिए सरकार का सहयोग करें। ग्रामीण स्तर तक लोगों में जागरुकता बढ़ाने के लिए सरकार के साथ मिलकर जन जागृति के लिए कार्य करें। उन्होंने कहा कि समाज में लोग बाल विवाह को एक बुराई के रूप में लें ताकि हमारी आने वाली पीढ़ी को अच्छे अवसर मिले।
महिला अधिकारिता विभाग की आयुक्त श्रीमती ऋचा खोड़ा ने बताया कि बाल विवाह रोकथाम के लिए सरकार विभिन्न गैर सरकारी संस्थाओं एवं यूनिसेफ व यूएनएफपीए के साथ एक राज्यस्तरीय रणनीति बनाकर इसके लिए सतत कार्य करेगी ताकि यह एक जन अभियान बन सके।
यूनिसेफ के राजस्थान के मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्री सेम्युल्स ने कहा कि राज्य में बाल विवाह रोकथाम के लिए हम सरकार के साथ रणनीति बनाकर कार्य करेंगे। उन्होंने बताया कि हम ग्राम स्तर तक लोगों में यह वातावरण विकसित करेंगे कि बाल विवाह एक बुराई है। इससे नाबालिग बच्चों के मानसिक व शारीरिक स्वास्थ्य पर विपरीत प्रभाव पड़ता है। संयुक्त राष्ट्र संघ की संस्था यूएनएफपीए के राज्य स्तरीय समन्वयक श्री सुनील थाॅमस ने कहा कि राज्य सरकार के साथ मिलकर हम बाल विवाह रोकथाम के लिए राज्य में जन जागृति पैदा करेंगे। उन्होंने बताया कि हम ग्रामीण स्तर व समाज के हर तबकों को जोड़कर बाल विवाह रोकथाम के प्रति एक ऐसा वातावरण विकसित करेंगे ताकि लोगों की मानसिकता में बदलाव ला सकें। कार्यशाला में महिला अधिकारिता विभाग के आला अधिकारी एवं गैर सरकारी संस्थाओं के राज्य स्तरीय प्रतिनिधियों ने भाग लिया।

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