अजमेर में बनेगा हैरीटेज फिल्म म्यूजियम

– मुख्यमंत्राी की बजट घोषणा के बाद जिला प्रशासन ने शुरू की कार्यवाही
– शैक्षिक प्रौद्योगिकी विभाग में दुर्लभ फिल्मों का होगा संरक्षण
– नया थियेटर, नया भवन और प्रदर्शन का भी होगा आधुनिकीकरण
– रील की फिल्मों का कराया जाएगा डिजीटलाईजेशन
– पर्यटन और राजस्व अर्जन की दृष्टि से तैयार कराया जाएगा फिल्म म्यूजियम

DSC_0026अजमेर 14 मई। मुख्यमंत्राी श्रीमती वसुन्धरा राजे द्वारा राजस्थान के आम बजट में प्रावधान किए जाने के बाद जिला प्रशासन ने अजमेर के शैक्षिक प्रौद्योगिकी विभाग में पड़ी दुर्लभ फिल्मों के संरक्षण एवं इस भवन के कायाकल्प की तैयारी शुरू कर दी है। शैक्षिक प्रौद्योगिकी विभाग में फिल्मों के दुर्लभ खजाने को हैरीटेज फिल्म म्यूजियम के रूप में विकसित किया जाएगा। फिल्मों को डिजीटल रूप देकर इन्हें पर्यटन विकास और राजस्व अर्जन की दृष्टि से भी तैयार किया जाएगा। म्यूजियम के संचालन एवं इसके विकास के लिए जिला कलक्टर की अध्यक्षता में एक जिला स्तरीय सोसायटी गठित की जाएगी। म्यूजियम तैयार करने के लिए शीघ्र ही कंसलटेंट नियुक्त कर डीपीआर तैयार करायी जाएगी।
जिला कलक्टर श्री गौरव गोयल ने आज जयपुर रोड पर बस स्टैण्ड के सामने स्थित शैक्षिक प्रौद्योगिकी विभाग में दुर्लभ फिल्मों के संग्रहालय का अवलोकन किया। उन्होंने फिल्मों के रखरखाव के स्थान को देखा एवं यहां नियुक्त कर्मचारियों से रील एवं फिल्मों के संरक्षण के बारे में जानकारी ली, जर्जर भवन का अवलोकन किया एवं संरक्षण से जुड़े विभिन्न उपायों पर चर्चा की।
जिला कलक्टर ने दुर्लभ फिल्मों के खजाने में से राष्ट्रपिता महात्मा गांधी एवं भारत चीन युद्ध से संबंधित फिल्मों को निकलवाया एवं उन्हें प्रोजेक्टर के जरीए देखा। श्री गोयल ने कहा कि यह तो खजाना है और इसका संरक्षण सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण है। फिल्म संरक्षण एवं विकास के लिए व्यापक स्तर पर प्रयास किए जाएंगे।
जिला कलक्टर श्री गोयल ने कहा कि मुख्यमंत्राी श्रीमती वसुन्धरा राजे इस फिल्म लाईबे्ररी के संरक्षण एवं विकास के लिए कृतसंकल्प हैं। उन्होंने बजट में लाईब्रेरी के विकास के लिए दो करोड़ रूपये का प्रावधान भी किया है। इसके लिए और भी राशि की जरूरत पड़ी तो इसे तैयार करवाया जाएगा।

हैरिटेज फिल्म म्यूजियम, होगा आधुनिकीकरण भी
जिला कलक्टर श्री गोयल ने बताया कि फिल्म लाईबे्ररी को हैरीटेज फिल्म म्यूजियम के रूप में विकसित किया जाएगा। यहां उपलब्ध सभी दुर्लभ फिल्मों को डिजिटल रूप में भी संरक्षित किया जाएगा। इन्हें थियेटर में दिखाने के साथ-साथ म्यूजियम में भी विभिन्न कियोस्क पर देखा जा सकेगा। उनका एप भी तैयार कराया जाएगा साथ ही यू-ट्यूब पर भी इनका प्रचार-प्रसार होगा।

नया भवन एवं दो थियेटर बनेंगे
संस्थान का भवन काफी पुराना एवं जर्जर हो चुका है, इसे गिराकर नया भवन तैयार कराया जाएगा। नये भवन में दो थियेटर बनेगे। एक थियेटर में आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल करके फिल्मेें दिखायी जाएगी जबकि दूसरा थियेटर पुराने अंदाज का परम्परागत थियेटर होगा जहां एयर कंडिशनर एवं आधुनिक सीटें तो लगी होगी लेकिन फिल्म प्रोजेक्टर के माध्यम से ही दिखायी जाएगी। इसके लिए शीघ्र ही कंसलटेंट नियुक्त कर डीपीआर तैयार करायी जाएगी।

सोसायटी करेगी म्यूजियम का संचालन
जिला कलक्टर श्री गोयल ने बताया कि हैरीटेज फिल्म म्यूजियम का संचालन जिला कलक्टर की अध्यक्षता में गठित एक सोसायटी करेंगी। यह सोसायटी नियमानुसार म्यूजियम का संचालन एवं उसका रखरखाव सुनिश्चित करेगी।

पर्यटन केन्द्र के रूप में विकसित होगा म्यूजियम
जिला कलक्टर ने बताया कि म्यूजियम को पर्यटन केन्द्र के रूप में विकसित किया जाएगा। इसका नया भवन इस तरह डिजाईन किया जाएगा कि उसमें थियेटर के साथ ही कैफेटरिया, पार्किग एवं अन्य सुविधाएं होंगी। यहां पर्यटकों से शुल्क लिया जाएगा । साथ ही विद्यार्थियों को निशुल्क या नाममात्रा के शुल्क पर म्यूजियम दिखाया जाएगा। यहां आने वाले आगन्तुक कम्प्यूटर पर या थियेटर में मनचाही दुर्लभ फिल्में देख सकेंगे। म्यूजियम को इस तरह विकसित किया जाएगा कि अपना खर्चा यह खुद निकाल सके। साथ ही इन फिल्मों व म्यूजियम का काॅपीराईट भी लिया जाएगा।

प्रभारी अधिकारी नियुक्त
जिला कलक्टर ने प्रोटोकाॅल अधिकारी श्रीमती अनुपमा टेलर को इस प्रोजेक्ट का प्रभारी अधिकारी नियुक्त किया है। निरीक्षण एवं बैठक मेें विभिन्न विभागों के अधिकारी भी उपस्थित थे।

पेयजल संबंधी समस्याओं पर तुरन्त कार्यवाही करें अधिकारी -श्री गोयल
जिला कलक्टर ने की जल शुद्धिकरण एवं जलजनित बीमारियों की रोकथाम के विशेष अभियान की समीक्षा

अजमेर 14, मई। जिला कलक्टर श्री गौरव गोयल ने जलदाय एवं चिकित्सा विभाग को निर्देश दिए की अजमेर जिले में जलजनित बीमारियों की प्रभावी रोकथाम एवं आमजन को शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने के लिए पूरी गम्भीरता से प्रयास करें। जिले में कहीं भी पेयजल से संबंधित समस्या आती है या जलजनित बीमारियों का प्रकोप होता है तो अधिकारी तुरन्त कार्यवाही करें। अभावग्रस्त गांवों में टैंकरों से समय पर जलापूर्ति की जाए। चिकित्सा विभाग मौसमी बीमारियों की रोकथाम के लिए अलर्ट रहे।
जिला कलक्टर श्री गौरव गोयल ने आज शुक्रवार को कलेक्ट्रेट में जल शुद्धिकरण एवं जलजनित बीमारियों की रोकथाम के लिए चलाए गए विशेष जांच अभियान की समीक्षा की। उन्होंने जलदाय एवं चिकित्सा विभाग के अधिकारियों से पानी के मूल स्त्रोत, पानी को एकत्रा करने की जगह, बड़ी एवं छोटी टंकियों, जलापूर्ति व्यवस्था, पानी की गुणवत्ता आदि की जांच की जानकारी ली। श्री गोयल ने कहा कि पानी की वजह से किसी भी तरह की बीमारी नहीं फैलनी चाहिए । विभाग यह सुनिश्चित करेंगे कि उन्होंने जांच अभियान के तहत अपने से संबंधित सभी काम समय पर पूरे कर लिए हंै। जलदाय विभाग अपने सभी स्त्रोतों की जांच एवं सफाई आदि करवाएगा। गांवों में बनी टंकियों की सफाई एवं उन पर तिथियों का अंकन विकास अधिकारियों के माध्यम से करवाया जाएगा। जलदाय महकमा यह सुनिश्चित करेगा कि सभी जगह सही समय पर जलापूर्ति हो रही है। जल स्त्रोतों से सैम्पल लेने एवं उनकी जांच का कार्य भी पूरी पारदर्शिता से सम्पन्न होगा।
उन्होंने जानकारी दी कि अब तक जिले में पानी के 709 सैम्पल लिए गए है। इनमें 28 स्थानों पर पानी में क्लोरीन की मात्रा कम पायी गई । इस स्थिति को तुरन्त सुधार लिया गया। इसी तरह जलापूर्ति की पाईप लाईन लीकेज की मरम्मत का कार्य भी किया गया । जलदाय विभाग ने यह ध्यान रखा कि कही लीकेज के कारण दूषित जलापूर्ति से किसी तरह की बीमारी न हों। टंकियों की नियमित सफाई के साथ ही उन पर सफाई की तिथि का अंकन भी कराया जा रहा है। ग्राम पंचायतों, विभिन्न चिकित्सालयों, शैक्षणिक संस्थानों, छात्रावासों, औद्योगिक संस्थानों, रेलवे, होटल, रेस्टोरेन्ट आदि को निर्देश दिए गए है कि वे अपने से संबंधित टंकियों की सफाई सुनिश्चित करें। जिले के 541 गांवों को अभावग्रस्त घोषित किया गया है। इन गांवों में टैंकरों से जलापूर्ति होगी।
जिला कलक्टर श्री गोयल ने निर्देश दिए कि जलजनित एवं मौसमी बीमारियों की रोकथाम के लिए जलदाय एवं चिकित्सा सहित प्रभावी कार्यवाही करेंगे। जहां भी इन बीमारियों का प्रकोप सामने आता है वहां पर रोकथाम के लिए पूरी संवेदनशीलता एवं गंभीरता के साथ सामूहिक प्रयास किए जाएंगे। ऐसी बीमारियां फैलते ही तुरन्त जिला प्रशासन को भी सूचित किया जाएगा। जलदाय विभाग के अधिकारियों ने कहा कि जिले के आठ शहरी क्षेत्रों एवं 1104 गांवों में जलापूर्ति पर नजर रखी जा रही है। कहीं भी किसी तरह की कमी सामने आने पर उसे तुरन्त सुधारा जा रहा है।
जिला कलक्टर ने निर्देश दिए कि चिकित्सा विभाग जलजनित बीमारी के सामने आते ही ऐसे मरीजों के निवास स्थानों की जानकारी कर जलदाय विभाग के कन्ट्रोल रूम में फोन नम्बर 0145-2628489 एवं कलेक्ट्रेट के कन्ट्रोल रूम 0145-2628932 पर सूचित करेंगे। जलदाय विभाग के अधिकारी तुरन्त क्षेत्रा का दौरा कर पेयजल की शुद्धता की जांच करेंगे। चिकित्सा विभाग भी रोकथाम की कार्यवाही करेगा।

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