जिलों में राजस्व वसूली के गम्भीर प्रयास किये जाए

avvnl thumbअजमेर, 27 जुलाई। प्रदेश के विद्युत वितरण निगमों के सभी सर्किल अधिकारियों को सख्त निर्देश दिये गये है कि वे छीजत कम करने के साथ ही राजस्व वसूली में बढ़ोतरी करने के काम में मुस्तैदी दिखाए और इस कार्य में जो भी परेशानियां आ रही है उन्हें अपने स्तर पर दूर करने का प्रयास करे।
अधीक्षण अभियन्ताओं को यह निर्देश बुधवार को वीडियों काॅन्फ्रेंस के माध्यम से दिया गया इसमें बताया गया कि छीजत और वित्तीय हानि कम करने के लिए वितरण निगमों के अध्यक्ष श्री श्रीमत पाण्डेय ने एक विस्तृत दिशा निर्देश जारी किया है जिसकी पालना सुनिश्चित की जाए ताकि राजस्व वसूली के लक्ष्य को पूरा किया जा सके।
ऊर्जा विभाग के प्रमुख सचिव श्री संजय मल्होत्रा ने इस बात पर चिन्ता जताई कि वित्तीय हानि में राजस्थान के तीनों विद्युत वितरण निगमों का काम देश भर मे नीचे से दूसरा है। उन्होंने कहा कि पिछले एक साल में राजस्व वसूली में मात्रा 2 से 3 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है जो सन्तोषजनक नही है, इसके मुकाबले बिजली की खपत में निरन्तर बढ़ोतरी होती जा रही है। श्री मल्होत्रा ने कहा कि अकेले जोधपुर डिस्काॅम में बिजली की खपत 15 प्रतिशत तक बढी है और इस तरह की वृद्धि जयपुर और अजमेर डिस्काॅम में भी हुई है लेकिन राजस्व वसूली में सुधार नही हुआ है। उन्होने सभी अभियन्ताओं से अनुरोध किया कि इन हालत को बदले और डिस्काॅम अध्यक्ष ने जो दिशा निर्देश जारी किये है उनका सही भावना से पालन करके राजस्व बढ़ोतरी के गम्भीर प्रयास करे।
राज्य सरकार के ऊर्जा सलाहकार श्री आर.जी. गुप्ता का सुझाव था कि फीडर इंचार्ज सहायक राजस्व अधिकारी, कनिष्ठ अभियन्ता और विजीलेंस अधिकारियों के रिक्त पदों को भरने का काम किया जाए तो छीजत कम करने व राजस्व वसूली के लक्ष्य को प्राप्त करने के अच्छे परिणाम प्राप्त हो सकते है। श्री गुप्ता का कहना था कि उपखण्ड स्तर पर सहायक अभियन्ता पर से राजस्व वसूली का दायित्व कम करके यह दायित्व सहायक राजस्व अधिकारी को दिया जाए और खण्ड स्तर पर सहायक लेखाधिकारी-राजस्व की नियुक्ति कर दी जाए तो बेहतर परिणाम आ सकते है।
डिस्काॅम अध्यक्ष श्री श्रीमत पाण्डेय ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि आगामी तीन महीनें में सभी उपभोक्ताओं के मोबाइल नंबर ओर ईमेल आईडी संकलित करने का कार्य किया जाए जिससे की बिल व अन्य प्रकार की सूचनाएं उपभोक्ताओं को मेसेज की जा सके। इसके साथ ही टास्क फोर्स की बैठक में यह सुझाव आया कि उपभोक्ताओ को दो महीने के स्थान पर प्रति माह बिल भेजा जाए इसके लिए आगामी 6 महीने में आवश्यक सभी कार्यवाही की जाए।
डिस्काॅम अध्यक्ष ने वीडियों काॅन्फ्रेंस में अत्यधिक छीजत वाले जिलों के अधीक्षण अभियन्ताओं से जानकारी चाही कि राजस्व वसूली बढाने के लिए वे क्या कदम उठा रहे है। एक जिले के अधीक्षण अभियन्ता से सन्तोषप्रद जवाब नही मिलने के बाद श्री पाण्डेय ने अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सर्तकता को जिले में टीम भेजकर जांच करने के निर्देश दिये और वस्तु स्थिति की रिपोर्ट शीघ्र देने को कहा।
पाण्डेय ने सभी जिला अधिकारियों से कहा वे नगरीय ओर औद्योगिक क्षेत्रों में छीजत को कम करने के लिए तत्परता से कार्य करे जिससे राजस्व वसूली में बढ़ोतरी हो सके। वीडियों काॅन्फ्रेंस मे कई जिलों से जानकारी मिली थी कि औद्योगिक क्षेत्रों में छीजत कम नही हो रही है।
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कार्यकारी एजेन्सियों से खुदाई का कार्य श्रमिक लगाकर केबल का ध्यान रखते हुये करने की अपील
अजमेर, 27 जुलाई। अजमेर डिस्काॅम ने सभी विभागों की कार्यकारी एजेन्सियों से अपील है कि वे जे.सी.बी. से केवल सडक की डामर व सी.सी. तोडने का काम ही किया जाये, ताकि एक से दो फुट तक गहराई की खुदाई जो डामर व सी.सी. होने की वजह से जरूरी है वो जे.सी.बी से हो जाये तथा नीचे की खुदाई लेबर लगाकर केबल का ध्यान रखते हुये की जावे वरना विद्युत करन्ट आने से जानमाल का खतरा हो सकता है।
अजमेर शहर जिला वृत अधीक्षण अभियंता श्री जे.आर. छाबा ने बताया कि अजमेर शहर की प्रमुख 18 सडकों पर आर.ए.पी.डी.आर.पी.-बी. योजना के तहत कराये जा रहे भूमिगत केबल सिस्टम को पुनः चैक करते हुये एक एक रोड को टारगेट बनाकर चालू किया जा रहा है। अब तक घूघरा घाटी से बस स्टेण्ड, बस स्टेण्ड से रंगमंच, रंगमंच से चैपाटी, अजमेर क्लब से बजरंगगढ वाया जे.एल.एन. मेडिकल काॅलेज, गंज तिराहे से आनासागर पुलिस चैकी बस स्टेण्ड से आगरा गेट तक सडकों पर विद्युत सप्लाई व्यवस्था पूर्णतः भूमिगत केबल सिस्टम से चालू कर दी गई है तथा पुराने सिस्टम के वायर तथा पोल हटा दिये गये / हटाये जा रहे है।
इसके अलावा बस स्टेण्ड से गांधी भवन (कचहरी रोड), गांधी भवन से जी.सी.ए. चैराहा (स्टेशन रोड), गांधी भवन से बजरंगगढ चैराहा वाया (आगरा गेट), चैपाटी से मूक बधिर विद्यालय (गौरव पथ), चूडी बाजार से आगरा गेट वाया (नया बाजार), कलेक्टेªट से ज्योतिबा फुले सर्किल वाया (सिविल लाइन्स), जी.सी.ए. चैराहे से डी.ए.वी. काॅलेज (ब्यावर रोड), जी.सी.ए. चैराहे से केसरगंज (गोल चक्कर), मार्टिण्डल ब्रिज से राजा साइकिल चैराहा, मार्टिण्डल ब्रिज से 9 नं. पेट्रोल पंप, 9 नं. पेट्रोल पंप से राजा साइकिल चैराहा (मेयो लिंक रोड) तथा बीकानेर मिष्ठान भण्डार से विद्युत भवन (माकडवाली रोड) सडको पर 11 केवी तथा एल.टी. केबल चैक करके चार्ज कर दी गई है/की जा रही है।
उन्होंने बताया कि अजमेर शहर में इतने व्यापक स्तर पर प्रमुख सडक मार्ग के दोनो तरफ विद्युत केबल बिछाकर विद्युत व्यवस्था को भूमिगत किया गया है, जिनमें विद्युत करन्ट हमेशा प्रवाहित रहता है। आजकल सभी लाइन डिपार्टमेन्ट यथा पी.डब्ल्यू.डी., पी.एच.ई.डी., बी.एस.एन.एल. तथा शहरी निकाय यथा ए.डी.ए. एवं नगर निगम सडक/नाला/पाइप लाइन/टेलीफोन केबल्स/ओ.एफ.सी. डालते समय जे.सी.बी. का उपयोग करते है। ऐसे में चालू विद्युत केबल में जे.सी.बी. से कट लगने पर बडी दुर्घटना होने की संभावना रहती है अतः सभी विभागों से अजमेर डिस्काॅम की अपील है कि जे.सी.बी. से केवल सडक की डामर व सी.सी. तोडने का काम ही किया जाये, ताकि एक से दो फुट तक गहराई की खुदाई जो डामर व सी.सी. होने की वजह से जरूरी है वो जे.सी.बी से हो जाये तथा नीचे की खुदाई लेबर लगाकर केबल का ध्यान रखते हुये की जावे वरना विद्युत करन्ट आने से जानमाल का खतरा हो सकता है।
उन्होंने बताया कि 11 केवी की विद्युत केबल के ऊपर सुरक्षा के लिये ईटों का कवर रहता है अतः खुदाई के दौरान ईंट आते ही पता चल जाता है कि यहां विद्युत लाईन है। दूसरी पहचान यह है कि उक्त सडको पर डाली गई विद्युत केबल की साईज 185 स्कवयर मीटर है जो लगभग तीन इंच के पाइप जितनी मोटी होती है।

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