विश्व बैंक के अनुसार जीएसटी की अवधारणा देशहित में-केन्द्रीय वित्त एवं कंपनी मामलात राज्यमंत्री

aashirwaadबीकानेर, 31 जुलाई। केन्द्रीय वित्त एवं कंपनी मामलात राज्यमंत्री श्री अर्जुनराम मेघवाल ने कहा कि भारत उन्नत एवं समृद्ध बने। देश की जीडीपी दो अंकों तक पहुंचे तथा हम आर्थिक शक्ति बनने की ओर अग्रसर हों, सरकार इस दिशा में कार्य कर रही है।
श्री मेघवाल रविवार को आशीर्वाद भवन में आचार्य तुलसी शांति प्रतिष्ठान, श्री जैन श्वेताम्बर सभा बीकानेर एवं गंगाशहर तथा तेरापंथ प्रोफेशनल फोरम के संयुक्त तत्वावधान् में गुड्स एंड सर्विस टेक्स ‘जीएसटी’ से संबंधित सेमीनार को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि विश्व बैंक के अनुसार जीएसटी की अवधारणा देशहित में है। इसे ध्यान रखते हुए मानसून सत्र में जीएसटी पर सर्वसम्मति बनाने के प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि जीएसटी को पब्लिक डोमेन पर डाला गया है, ताकि इससे संबंधित सुझाव प्राप्त हो सकें। उन्होंने कहा कि विश्व बैंक का माना है कि यदि भारत में जीएसटी लागू हो जाए तो हमारी जीडीपी ‘डबल डिजिट’ में पहुंच जाएगी।
केन्द्रीय मंत्री ने आज बंगाल, बिहार, उड़ीसा और उत्तर प्रदेश जैसे राज्य भी जीएसटी के पक्ष में आ गए हैं। उन्होंने कहा कि जीएसटी के संबंध में प्रत्येक वर्ग से सकारात्मक सुझाव आमंत्रित हैं। उन्होंने कहा कि भारतीय उद्योग, हैंडलूम एवं हैंडीक्राफ्ट के हितों के प्रस्ताव भी दिए जाएं, वे इनके विकास के लिए सदैव तत्पर रहेंगे। उन्होंने कहा कि बीकानेर के विकास के साथ-साथ व्यापारियों के हितों की रक्षा के लिए वे कृत संकल्प हैं। उन्होंने जीएसटी के संबंध में सुझाव के लिए फोरम के प्रतिनिधियों को 8 अगस्त को नई दिल्ली आमंत्रित किया। उन्होंने कहा कि फोरम के सकारात्मक सुझावों के संबंध में मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों की मौजूदगी में विचार विमर्श किया जाएगा।
श्री मेघवाल ने कहा कि केन्द्र सरकार ‘कैश लेस ट्र्ांजेक्शन’ सिस्टम विकसित करना चाहती है। इस दिशा में कार्य हो रहा है। उन्होंने कहा कि टीसीएस के संबंध में भी सुझाव दिए जाएं। सेमीनार के मुख्य वक्ता कर सलाहकार संजय धारीवाल थे। उन्होंने कहा कि जीएसटी आने से फंड फ्लों में इंपेक्ट आएगा। ट्र्ेडर्स को इसका लाभ होगा। उन्होंने जीएसटी के विभिन्न प्रावधानों के बारे में बताया तथा अनेक प्रश्नो के उत्तर दिए। इससे पहले राजेन्द्र बोथरा ने मंगलाचरण के साथ सेमीनार की शुरूआत की। सुरपत बोथरा ने स्वागत भाषण दिया। इस दौरान केन्द्रीय मंत्री का अभिनंदन किया गया।
इस अवसर पर महापौर नारायण चौपड़ा, पी. सी. तातेड, जयचंद लाल दफ्तरी, शिवरतन अग्रवाल, डी. पी. पचिसिया, जिला उद्योग केन्द्र के महाप्रबंधक आर. के. सेठिया, घनश्याम लखाणी, मोहन सुराणा, पार्षद शिव कुमार रंगा सहित विभिन्न गणमान्य नागरिक मौजूद थे। कार्यक्रम का संचालन जतनलाल दुग्गड़ ने किया।
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प्रेमचंद का साहित्य आज भी प्रासंगिक-डॉ. केवलिया
बीकानेर, 31 जुलाई। वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. मदन केवलिया ने कहा कि प्रेमचंद द्वारा रचित साहित्य आज भी प्रासंगिक है। उनका प्रभामंडल आज भी कायम है।
डॉ. केवलिया रविवार को प्रेमचंद जयंती के अवसर पर राजकीय सार्वजनिक मंडल पुस्तकालय की ओर से आयाजित कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे थे। उन्होंने कहा कि प्रेमचंद की जीवन दृष्टि की व्यापकता उनकी रचनाओं में दिखाई देती है। उन्होंने भविष्य दृष्टा के रूप में साहित्य को समृद्ध किया। उन्होंने जिन समस्याओं को उठाया वे आज भी मौजूद हैं। उनका साहित्य, जीवन की सच्चाईयों का दर्पण है।
विशिष्ट अतिथि भवानी शंकर व्यास ‘विनोद’ ने प्रेमचंद के व्यकित्व एवं कृतित्व पर प्रकाश डालते हुए उनकी रचनाओं को आज के संदर्भ में उपयोगी एवं प्रासंगिक बताया। उन्होंने कहा कि प्रेमचंद के साहित्य में गांधी युग की सारी विशेषताएं मिलती हैं। उषा किरण सोनी ने प्रेमचंद के उपन्यासों को प्रेरणादायक बताया। व्याख्याता शशि बेसरवारिया ने प्रेमचंद की प्रथम कहानी ‘संसार का अनमोल रत्न’ के बारे मे बताया। रीता आहूजा ने प्रेमचंद की भाषाई विशिष्टता को बताया।
कार्यक्रम में प्रो. हरिराम गुप्ता, सुरेन्द्र सिंह, रमेश महर्षि, सविता यादव, अरूण स्वामी, वीना तांती ने भी विचार रखे। संचालन पुस्तकालयाध्यक्ष विमल कुमार शर्मा ने किया। शौकत अली व राजेन्द्र मोदी ने धन्यवाद ज्ञापित किया। इस अवसर पर साहित्यकार, पत्रकार एवं विद्यार्थी मौजूद थे।
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निदेशक ने वीडियो कांफ्रेंसिंग से की समीक्षा
बीकानेर, 31 जुलाई। सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के निदेशक रवि जैन ने रविवार को विभाग द्वारा संचालित पेपरलेस उत्तर मैट्रिक छात्रवृति योजना की समीक्षा वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से की।
निदेशक ने सभी जिलाधिकारियों को निर्देशित किया कि निजी एवं राजकीय शिक्षण के संस्था प्रधानों को अपने महाविद्यालय के आई.डी व पासवर्ड का ऑनलाईन छात्रवृति पॉर्टल पर उपयोग करते हुए, उत्तर मैट्रिक छात्रवृति वर्ष 2015-16 के प्रपोजल ऑनलाईन जिला कार्यालय में प्रेषित करें।
उल्लेखनीय है कि पूर्व में वेब पॉर्टल पर डिजिटल हस्ताक्षर की समस्या के कारण प्रपोजल ऑनलाईन जिला कार्यालय को अग्रेषित नहीं हो रहे थे। वर्तमान में छात्रहित को दृष्टिगत रखते हुए एवं उत्तर मैट्रिक छात्रवृति का शीघ्र निस्तारण करने हेतु डिजिटल हस्ताक्षर की अनिवार्यता समाप्त की गई है। जिससे अब बिना किसी विलम्ब के प्रपोजल प्रेषित किये जा सकेंगे।
अतः सभी राजकीय एवं निजी संस्थाओं को निर्देशित किया है कि उत्तर मैट्रिक छात्रवृति वर्ष 2015-16 की गम्भीरता को दृष्टिगत रखते हुए उत्तर मैट्रिक छात्रवृति के प्रपोजल तीन दिवस में जिला कार्यालय को ऑनलाईन अग्रेषित करंे। साथ ही हार्डकोपी प्रति पृष्ठ पर संस्था प्रधान के हस्ताक्षरयुक्त उपलब्ध करवायें।
उन्होंने बताया कि संस्था प्रधान यह सुनिश्चित कर लें कि उनके द्वारा भिजवाये गये प्रपोजल उत्तर मैट्रिक छात्रवृति योजना के नियमानुसार जांच कर अग्रेषित किया गया है।

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