मुख्यमंत्राी जल स्वावलम्बन अभियान

वर्षाजल से लबालब हुई जलसंरचनाएं, साकार हुए जलसंरक्षण के प्रयास
6ब्यावर, 9 अगस्त। मुख्यमंत्राी जल स्वावलम्बन अभियान के तहत जवाजा पंचायत समिति की चयनित ग्राम पंचायतों में वर्षाजल के संरक्षण व संग्रहण के लिए बनाई गई विभिन्न संरचनाएं वर्षा के दौर में वर्षा जल से लबालब हो चुकी है। इस प्रकार जलक्रान्ति के अभियान से गांवों को जल स्वावलम्बी बनाने की संकल्पना प्रत्यक्ष रूप से साकार होती नजर आ रही है।
सहायक अभियन्ता जलग्रहण शलभ टण्डन ने बताया कि मुख्यमंत्राी जल स्वावलम्बन अभियान के प्रथम चरण में जवाजा पंचायत समिति की चयनित 8 ग्राम पंचायतों के 27 गांवों में जनसहयोग से अभूतपूर्व कार्य किये गए। जिसके तहत चयनित गांवों में चैकडेम, नाडी निर्माण, मिट्टी के बंध, संकनपौण्ड, स्ट्रेगर्ड ट्रेन्चेज, कन्टीन्यूज कन्टूर टेªन्चेज आदि जल संग्रहण की संरचनाओं का निर्माण, एनिकट, कुओं, तालाबों, बावड़ियों का जीर्णाेद्धार आदि कार्य करवाये गए जिसमें स्थानीय जनप्रतिनिधियों एवं नागरिकों ने भी श्रमदान आदि के माध्यम से पूर्ण सहयोग किया। उन्होंने बताया कि वर्षा के वर्तमान दौर में मुख्यमंत्राी जल स्वावलम्बन अभियान के तहत गत दिनों तपती धूप में किये गए जल संरक्षण व संग्रहण के कार्याे की सफलता प्रत्यक्ष रूप से नजर आ रही है, जिसके तहत बलाड, ठीकराना मेन्द्रातान, गढ़ीथोरियान, चैड़ा नीमड़ी, जौहरखेड़ा, ब्यावरखास एवं देलवाड़ा में जल संरक्षण के लिए बनाई गई जल संरचनाओं में अपार जलराशि का संग्रहण ग्रामवासियों के मन को प्रसन्न कर रहा है।
बलाड में चैकडेम ओवरफ्लो लेवल पर
सहायक अभियन्ता जलग्रहण श्री टण्डन ने बताया कि मुख्यमंत्राी जल स्वावलम्बन अभियान के प्रथम चरण में ग्राम पंचायत बलाड में चैकडेम, एमपीटी का निर्माण कराया गया। इन दोनों संरचनाओं में वर्षाजल की आवक हुई है जिसके तहत बलाड चैकडेम ओवरफ्लो लेवल तक पहुंच गया है, जिसमें 10 लाख लीटर जलराशि का संग्रहण हुआ हेेेेेेेै। इसी प्रकार बलाड के मिनी परकोलेन टैंक (एमपीटी) में 4 लाख लीटर जलराशि की आवक हुई है।
स्ट्रेगर्ड ट्रेंच व सीसीटी में जल संग्रहण
ग्राम पंचायत बलाड के गढ़ीथोरियान एवं रेलमालकलां में जलसंग्रहण के लिए बनाये गए 1000 स्टेªगर्ड ट्रंेचेज में 5 हजार लीटर जलराशि का संग्रहण सम्भव है, इनमें भी पर्याप्त जलराशि संग्रहित हो चुकी है। इसी प्रकार बलाड, चैड़ा नीमड़ी, जोहरखेड़ा में सीसीटी (छोटी खाइयां) का निर्माण 4 किमी क्षेत्रा तक किया गया है। इनमें 22 लाख 50 हजार लीटर जल संग्रहित करने की क्षमता है। इन ढाई फीट चैड़ी व ढाई फीट गहरी छोटी खाइयों में भी वर्षाजल संग्रहित हो रहा है।
शेरा की बावड़ी का कायाकल्प
मुख्यमंत्राी जल स्वावलम्बन अभियान के तहत ग्राम पंचायत देलवाड़ा में स्थित लगभग 150 वर्ष पुरानी जीर्ण क्षीर्ण अवस्था में पहुंच चुकी शेरा की बावड़ी का जीर्णाेद्धार कार्य जनसहभागिता के माध्यम से श्रीसीमेन्ट के सहयोग से किया जा रहा है। इससे इस बावड़ी का कायाकल्प हो गया है, बावड़ी से मलबा, कचरा व दूषित जल पम्प के माध्यम से निकाला गया एवं इसकी पूर्ण मरम्मत की गई जिससे इसका स्वरूप तो निखरा ही है साथ ही वर्षा के इस दौर में स्वच्छ पानी की आवक भी इसमें हुई है। इस बावड़ी के समीप आगामी दिनों में पशु खेली एवं सौलर लााईट लगाने संबंधी कार्य भी पूर्ण किये जाएंगे।
ये होंगे फायदें
मुख्यमंत्राी जल स्वावलम्बन अभियान के तहत जवाजा पंचायत समिति के चयनित 27 गांवों में वर्षाजल संग्रहण का कार्य सफलतापूर्वक किया गया है, इससे ये गांव जल स्वावलम्बी बनेंगे और विकास को गति मिलेगी। इन सभी गांवों में अभियान के तहत सघन पौधारोपण कार्यक्रम भी चलाया जा रहा है जिसके तहत जल संरचनओं के समीप पौधारोपण किया जा रहा है। जल संरक्षण व पौधारोपण के कार्य से इन गांवो ंके नैसर्गिक सौन्दर्य में अभिवृद्धि होगी, भूजल स्तर बढ़ेगा, पशुओं व सिंचाई के लिए जल की उपलब्धता रहेगी एवं गर्मी के दिनों में संग्रहित जल ग्रामवासियेां के लिए अमृत तुल्य साबित होगा

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