मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे का पूरा संबोधन

a1अजमेर, 15 अगस्त। मुख्यमंत्री श्रीमती वसुन्धरा राजे द्वारा अजमेर में आयोजित राज्य स्तरीय स्वतंत्रता दिवस समारोह में दिया गया सम्बोधन अविकल रूप से इस प्रकार हैः-
ऽ प्यारे भाइयों-बहनों, माताओं, बुजुर्गों, सम्माननीय स्वतंत्रता सेनानियों और हमारे युवा साथियो!
ऽ आज हमारा देश स्वाधीनता की 70वीं वर्षगांठ मना रहा है। यह आजादी हमें कठिन संघर्ष के बाद मिली है और इसमें राजस्थान का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। आजादी की इस लड़ाई में न जाने कितने लोगों ने अपना सर्वोच्च बलिदान दिया और न जाने कितने लोगों ने इसमें अपनी आहुति दी। मैं उन सभी शहीदों को और वीर सेनानियों को अपनी तथा आप सब की ओर से तहेदिल से श्रद्धांजलि अर्पित करती हूं। उनको कोटि-कोटि नमन करती हूं।
ऽ अजयमेरू की इस पवित्र भूमि पर, आप सब के बीच इस पावन अवसर पर उपस्थित होकर मैं अपने आपको गौरवान्वित महसूस कर रही हूं। यह वह पावन धरती है, जिसके जर्रे-जर्रे में देश भक्ति की गाथाएं समाहित हैं।
ऽ सुप्रसिद्ध क्रांतिकारी स्व. श्री अर्जुन लाल सेठी, स्व. श्री विजय सिंह पथिक, खरवा ठाकुर गोपाल सिंह जी जैसी विभूतियों ने अजमेर में रहकर आजादी के आन्दोलन की अलख जगाई। सन् 1938 में स्व. माणिक्यलाल वर्मा ने मेवाड़ के प्रथम सत्याग्रह का संचालन अजमेर से ही किया था।
ऽ स्वतंत्रता आंदोलन में पत्रकारिता के पुरोधा कप्तान दुर्गा प्रसाद चौधरी का योगदान आज भी सबको याद है।
ऽ हम और आप कल्पना नहीं कर सकते कि आजादी के समय देशवासियों में किस प्रकार की ऊर्जा रही होगी, किस प्रकार का जज़्बा रहा होगा और लोगों में किस प्रकार अपने भविष्य को लेकर एक नई आशा का संचार हुआ होगा। हमें आजादी के इस जोश और जज्बे के अलख को जगाए रखना है।
ऽ आजादी का पर्व हम वर्ष में एक बार अवश्य मनाते हैं लेकिन आजादी के मूलमंत्र को हमें हमेशा याद रखना चाहिए।
ऽ आज न केवल राजस्थान में बल्कि पूरे देश में युवाओं की संख्या लगभग 65 प्रतिशत हो गई है। प्रदेश एवं देश के नव निर्माण में इस युवा शक्ति की महत्वपूर्ण भूमिका है। यह वह पीढ़ी है जिसने स्वतंत्र भारत में जन्म लिया है और जिनके लिए आजादी के मायने अलग-अलग हैं।
ऽ किसी के लिए आजादी का मतलब स्वावलम्बन है, तो किसी के लिए अपना स्वयं का मकान बनाना। किसी के लिए आजादी का मतलब स्वरोजगार है तो किसी के लिए कर्ज से मुक्ति। किसी के लिए आजादी का मतलब अच्छी शिक्षा है तो किसी के लिए बेहतर चिकित्सा सुविधाएं। लेकिन आजादी की इन सभी धारणाओं की गहराई में एक सशक्त, स्वाभिमानी और विकसित राजस्थान की परिकल्पना छुपी हुई है। आज हम उस परिकल्पना को साकार करने के संकल्प को पुनः दोहराते हैं।
ऽ मुझे याद है 2003 की परिवर्तन यात्रा और फिर 2013 की सुराज संकल्प यात्रा। हमने राजस्थान की 36 की 36 कौमों को एक परिवार माना जिसने हमेशा न केवल हमारा साथ दिया है बल्कि हमें पलकों पर बैठाया है।
ऽ हमने अपने पिछले कार्यकाल में आप लोगों के सहयोग, आशीर्वाद व कठिन परिश्रम से राजस्थान को बीमारू राज्यांे की श्रेणी से निकाल कर अग्रणी राज्यों की श्रेणी में लाकर खड़ा किया था।
ऽ अगर राजस्थान उसी रास्ते पर चल रहा होता तो आज हम विकास की दौड़ में बहुत आगे बढ़ गये होते। परन्तु ऐसा नहीं हुआ हमने-इसका परिणाम सुराज संकल्प यात्रा के दौरान बहुत करीब से देखा।
ऽ कहीं टूटी हुई सड़कें तो कहीं अधूरी योजनाएं, कहीं स्कूल है तो टीचर नहीं कहीं टीचर है तो बच्चे नहीं, कहीं मरीज है तो डॉक्टर नहीं, कहीं खम्भे हैं तो बिजली नहीं, कहीं अधिकारी हैं तो जन सुनवाई नहीं। जब आपने हमें सेवा का अवसर दिया तो पता चला कि खजाना तो है पर उसमें पैसे नहीं। उस वक्त ऐसा लगा जैसे हमारे परिवार को किसी की नजर लग गई हो।
ऽ इस बार जो हमें चुनौती मिली वह 2003 की चुनौती से भी बड़ी थी लेकिन हमने तो चुनौतियों से सामना करना ही सीखा है। हमें मालूम है कि विकास का यह मार्ग आसान नहीं है – बाधाएं भी हैं और चुनौतियां भी। लेकिन हम इन विपरीत परिस्थितियांे से न कभी डरे हैं न कभी डरेंगे – आपकी शक्ति, ऊर्जा, स्नेह और विश्वास जो हमारे साथ है। आपकी यही पूंजी हमारे हौसलों को बुलंद करती है।
ऽ हमने और आप सब ने यानि ‘टीम राजस्थान’ ने कड़ी मेहनत, लगन और निष्ठा से न केवल इन चुनौतियों का सामना किया बल्कि कई क्षेत्रों में राजस्थान को पूरे देश में पहले पायदान पर लाकर खड़ा भी कर दिया। मैं इस टीम राजस्थान – इसकी शक्ति, इसकी ऊर्जा और इसकी अपार क्षमताओं को सलाम करती हूं।
ऽ भाइयों और बहनों, आपकी खुशहाली का सपना राजस्थान की खुशहाली का सपना है और राजस्थान की खुशहाली का सपना हमारी सरकार का सपना है।
ऽ हमारी सरकार इस दिशा में निरन्तर प्रयास कर रही है। इसके लिए न केवल आर्थिक आधारभूत संरचनाओं को सुदृढ़ करना आवश्यक है, बल्कि प्रदेश में एक ऐसा वातावरण भी तैयार करने की आवश्यकता है जहां हमारे युवाओं की क्षमताओं, आशाओं और सपनों को पंख लग सकें और वो आजाद होकर उन्नति की उन्मुक्त उड़ान भर सकें।
ऽ परिवर्तन का मार्ग सरल नहीं है। अगर आप सोचे कि यह परिवर्तन एक दिन में हो जाए तो यह संभव नहीं है। ठीक उसी प्रकार से जैसे रातों रात मकान बनकर तैयार नहीं हो सकता। उसके लिए नींव भरनी पड़ती है, ढ़ांचा खड़ा करना पड़ता है, छत डालनी पड़ती है, दरवाजे-खिड़की लगाने पड़ते है, रंग-रौगन करना पड़ता है, तब जाकर कहीं एक मकान तैयार होता है।
ऽ इसी प्रकार प्रदेश में विकास की नई ईमारत खड़ी करने के लिए भी मेहनत और समय चाहिए, तथा चाहिए आपका धैर्य और विश्वास। हमने पिछले कार्यकाल में 55 साल के बीमारूपन के कलंक को मिटा दिया था। परन्तु विरासत में हमे फिर से उससे भी अधिक पिछड़ा राजस्थान मिला। हमें अब नए सिरे से विकास यात्रा शुरू करनी पड़ी है।
ऽ हमने दिसम्बर 2013 में अपना टपेपवद कवबनउमदज 2020 आपके समक्ष रखा था जो प्रदेश के विकास के लिए हमारी सोच को दर्शाता है।
ऽ प्रदेश को विकास की पटरी पर लाना आसान नहीं था। हमें न केवल ठोस फैसले लेने पड़े बल्कि नई नीतियां भी बनानी पड़ी।
ऽ हमारे प्रयासों से प्रदेश में निवेश का एक नया वातावरण तैयार हुआ और देश-विदेश में लोगों के सामने असक्षम सरकार के स्थान पर एक जीवन्त, कार्यशील एवं प्रगतिशील सरकार का नया चेहरा सामने आया।
ऽ यही कारण रहा कि त्मेनतहमदज त्ंरंेजींद के दौरान 3 लाख 30 हजार करोड़ रूपये के निवेश के करार ैपहद हुए। यह अपने आप में एक तमबवतक है। यह निवेश देश-विदेश में राजस्थान की बढ़ती साख पर मुहर है।
ऽ किसी परिवार में सबसे बड़ी चिंता का विषय होता है शिक्षा, रोजगार और चिकित्सा। विषम आर्थिक परिस्थितियों के बावजूद इन तीनों क्षेत्रों के साथ-साथ हमने बिजली, पानी और सड़क पर विशेष ध्यान दिया है।
शिक्षा
ऽ मुझे आज भी याद है, सुराज संकल्प यात्रा के दौरान अनेकों माता-पिता के चेहरे, जिन्होंने शिक्षा के गिरते स्तर पर चिंता व्यक्त की। हमने उन चेहरों को याद रखा और पिछले ढाई वर्षों में शिक्षा की गुणवत्ता में निरन्तर सुधार किया। इसी का परिणाम रहा कि –
व 2013 के मुकाबले 2016 में उत्तीर्ण होने वाले विद्यार्थियों का प्रतिशत 56 से बढ़कर 70 प्रतिशत हुआ है।
व 12वीं विज्ञान के विद्यार्थियों का परीक्षा परिणाम 34 से बढ़कर 47 प्रतिशत हुआ है।
व प्रदेश में 9 लाख बच्चों का नामांकन बढ़ा है जो कि एक तमबवतक है।
व शिक्षा के क्षेत्र में उठाए गये सकारात्मक और सुधारात्मक कार्यक्रमों को जारी रखते हुए राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान के अन्तर्गत 204 करोड़ 24 लाख रूपये की लागत से 350 विद्यालयों में 2 हजार से अधिक कार्य कराये जाएंगे। जिनमें विज्ञान प्रयोगषाला, ब्वउचनजमत त्ववउए ।तज – ब्तंजि त्ववउ, पुस्तकालय, अतिरिक्त कक्षा-कक्ष एवं पेयजल सुविधाओं में सुधार के कार्य शामिल होंगे।
व विद्यार्थियों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने के साथ-साथ यह आवश्यक है कि अध्यापकों की शैक्षणिक क्षमताओं में निरन्तर विकास हो और वो शिक्षा की आधुनिक तकनीक से रूबरू हों। शिक्षकों के आधुनिक प्रशिक्षण के लिए 9 शैक्षणिक संभाग मुख्यालय $ तीन अतिरिक्त स्थान यानि कुल 12 स्थानों पर स्थित ैजंजम प्देजपजनजम व िम्कनबंजपवद डंदंहमउमदज ंदक ज्तंपदपदह ;ैप्म्ड।ज्द्ध में अति आधुनिक प्ज् सुविधाओं से युक्त केन्द्रो का निर्माण कराया जाएगा, जिससे कि अध्यापकों को आधुनिक प्रशिक्षण दिया जा सके।
ऽ स्कूलों में अध्यापकों की कमी को दूर करने के लिए हमने अब तक 36 हजार अध्यापकों को नियुक्ति दे दी है। 13 हजार 98 व्याख्याताओं की परीक्षा का परिणाम घोषित हो चुका है और अक्टूबर तक ये व्याख्याता उपलब्ध हो जाएंगे। इसके साथ ही करीब 23 हजार तृतीय श्रेणी अध्यापकों, 6 हजार 468 वरिष्ठ अध्यापकों तथा करीब 2278 पुस्तकालय अध्यक्ष एवं स्ंइ ।ेेपेजंदज की भर्ती प्रक्रियाधीन है। विरासत में मिली शिक्षकों की कमी को आने वाले समय में हम काफी हद तक पूरा कर लेंगे।
रोजगार
ऽ मुझे सुराज संकल्प का वह दृश्य भी याद है जिसमें युवाओं ने मुफ्त की योजनाओं की जगह स्थायी और ठोस रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने की मांग की थी।
ऽ हमने इस दिशा में भी कारगर कदम उठाए और उनका हाथ थामा। त्ंरंेजींद डपेेपवद वद स्पअमसपीववक का पुनर्गठन किया और उसे पुनः जीवित किया, त्ैस्क्ब् को सक्रिय किया और रोजगारपरक शिक्षा को बढ़ावा दिया। आज सैकण्डरी स्कूल में भी व्यावसायिक शिक्षा प्रदान की जा रही है, जो पहले कभी नहीं हुई। इसका परिणाम रहा कि लगातार दूसरी बार राजस्थान को ठमेज ैजंजम पद ैापसस क्मअमसवचउमदज का अवार्ड मिला।
ऽ आज कोई ऐसा जिला नहीं है जहां किसी न किसी बड़ी कम्पनी की प्ज्प् से चंतजदमतेीपच न हो। प्ज्म्म्ै सिंगापुर के चंतजदमतेीपच में संचालित पाठ्यक्रम का प्रथम ठंजबी शीघ्र पास होने वाला है और इसमें लगभग सभी को रोजगार मिलने की भी पूरी उम्मीद है।
ऽ प्रदेश में 51 प्ज्प्े में नवीन प्ज्प् संइ की स्थापना की गई है और 75 नई प्ज्प्े को नए दवतउे के साथ भूमि का आवंटन किया गया है।
ऽ छंजपवदंस प्देजपजनजम वित म्दजतमदमनतेीपच ंदक ैउंसस ठनेपदमेे क्मअमसवचउमदज ;छप्म्ैठन्क्द्ध की ईकाईयां प्रदेश के समस्त राजकीय प्ज्प्े में आगामी 13 दिसम्बर तक स्थापित कर दी जायेंगी।
ऽ आने वाले 2-3 माह में सीकर, रेलमगरा के साथ-साथ सभी 7 संभाग मुख्यालयों पर क्तपअपदह ज्तंपदपदह ब्मदजतमे स्थापित किए जायेंगे।
ऽ भ्मतपजंहम कौशल प्रशिक्षण की नई योजना भी प्रारंभ की गई है।
ऽ 160 से भी अधिक बवउचंदपमे ने राज्य की प्ज्प् प्रशिक्षित युवाओं के बंउचने चयन में भाग लिया है।
ऽ प्रदेश मे अगस्त के दौरान कौशल प्रशिक्षण पाठ्यक्रमों में 20 हजार 800 प्रशिक्षणार्थी नामांकित थे, जो कि एक तमबवतक है।
ऽ लोग आश्चर्य करते थे जब हमने सुराज संकल्प पत्र में घोषणा की कि 15 लाख युवाओं के लिए रोजगार के अवसर सृजित हम करेंगे। पिछले ढाई साल में हमने आधे से कहीं ज्यादा लक्ष्य हासिल कर लिया है। हमने जो वायदा किया है उसे हम पूरा करेंगे।
ऽ सरकारी क्षेत्र में करीब 1 लाख नियमित नियुक्तियां एवं गैर-सरकारी क्षेत्र में 8 लाख 90 हजार रोजगार अर्थात इन ढाई सालों में युवाओं को 9 लाख 90 हजार रोजगार के अवसर उपलब्ध करवाये गए हैं।
ऽ राज्य में युवाओं के कौशल विकास पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। हमने 1 लाख 48 हजार युवाओं को कौशल विकास से जोड़ा है। गांवों के युवाओं को भी ‘दीनदयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल योजना‘ के माध्यम से प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
ऽ युवा आगे बढ़ेंगे तो हमारा प्रदेश आगे बढ़ेगा। युवा अपना अभिनव उद्योग शुरू कर सके इसके लिए प्रदेश में नई ैजंतज न्च च्वसपबल लाई गई है। इसके तहत जयपुर, उदयपुर, कोटा एवं अजमेर को ैजंतज न्च क्मेजपदंजपवद के रूप में विकसित करने के लिए प्दबनइंजवते स्थापित किए गए हैं और एक ैजंतज न्च थ्नदक भी स्थापित किया गया है।
ऽ शिक्षित बेरोजगार युवाओं, महिलाओं, अनुसूचित जाति एवं जनजाति एवं विशेष योग्यजनों का स्वयं का उद्यम प्रारम्भ करने के लिए 6-7 प्रतिशत की दर पर बैंकों से ऋण उपलब्ध कराने हेतु भामाशाह रोजगार सृजन योजना लागू की गई है।
ऽ प्रदेश में महिला स्वयं सहायता समूह गठित हैं परन्तु ऐसे स्वयं सहायता समूह अपने पैरों पर तभी खड़े हो सकेंगे जब उन्हें आजीविका से जोड़ा जा सकेगा। इस वर्ष इन स्वयं सहायता समूह से जुड़ी 40 हजार महिलाओं को राजस्थान आजीविका परियोजना तथा महात्मा गांधी नरेगा योजना के साथ संयुक्त रूप से जोड़ा जायेगा। इस योजना से जुड़ने वाली महिलाएं न केवल अपने खेतों में खेत-तलाई, भूमि समतलीकरण और मेड़बंदी का कार्य करा सकेंगी बल्कि अमतउप.बवउचवेज के उत्पादन के साथ-साथ बकरी और पषु के लिए ेीमक का निर्माण भी कर सकेंगी।
कर्मचारी कल्याण
ऽ राज्य में मंत्रालयिक सेवा संबंधी तीनों नियमों जैसे राजस्थान सचिवालय, राजस्थान लोक सेवा आयोग एवं राजस्थान अधीनस्थ कार्यालय लिपिकवर्गीय सेवा नियम, 1999 में नया प्रावधान किया जाएगा।
इन सेवाओं की सीधी भर्ती के पदों पर अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के अभ्यर्थियों को प्रथम चरण व द्वितीय चरण की परीक्षा में डपदपउनउ फनंसपलिपदह डंतो में 5 प्रतिशत तक की छूट देय होगी। इससे और अधिक लोगों को आरक्षित पदों पर चयन का लाभ प्राप्त हो सकेगा।
ऽ सेवानिवृŸा कर्मचारियों की सुविधा हेतु वदसपदम चमदेपवद ेवजिूंतम तैयार किया गया है जिसे शीघ्र ही लागू किया जाएगा।
ऽ लम्बे समय से विद्यार्थी मित्र की समस्या के समाधान करने की मांग की जा रही है। हमने इसके समाधान का प्रयास भी किया परन्तु समस्त प्रक्रिया न्यायालय में विचाराधीन होने से लंबित है। अब नए सिरे से इसके समाधान का प्रयास किया जा रहा है। मैं आशा करती हूं कि आगामी एक-दो माह में हम इस दिशा में सार्थक पहल कर सकेंगे।
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य
ऽ किसी भी गरीब परिवार के लिए चिकित्सा का खर्च उठाना अपने आप में एक चुनौती है। हमने दोनों यात्राओं में इस पीड़ा को महसूस किया। पिछली सरकार ने निःशुल्क दवा योजना लागू की। उनकी सोच बीमारी को ठीक करने की थी और हमारी सोच एक स्वस्थ, आरोग्य राजस्थान बनाने की है। इसीलिए हमने जहां एक ओर उस योजना को आगे बढ़ाया है वहीं दूसरी ओर हमने योग और स्वास्थ्य बीमा पर भी जोर दिया। जहां वर्ष 2013-14 में निःशुल्क दवा योजना पर 324 करोड़ 34 लाख रूपये खर्च होते थे वहीं वर्ष 2016-17 में इसे बढ़ा कर 465 करोड़ 86 लाख रूपये का प्रावधान किया गया। इसके अलावा हमने भामाशाह स्वास्थ्य बीमा योजना के लिए अलग से 431 करोड़ रूपये का प्रावधान किया। नवम्बर 2013 में जहां 461 दवाइयां अनुमत थी वहीं उसकी संख्या बढ़कर 489 हो गई और ेनतहपबंस ंदक ेनजनतमे की संख्या 145 से बढ़कर 159 हो गई।
ऽ सुराज संकल्प यात्रा में जहां भी गई वहां चिकित्सकों की कमी के साथ-साथ त्वरित चिकित्सा सुविधाओं के अभाव की भी शिकायत मिली थी।
ऽ त्वरित चिकित्सा सेवा उपलब्ध कराने में ंउइनसंदबम सेवा का महत्वपूर्ण योगदान है।
ऽ वर्तमान में 108 ।उइनसंदबम सेवा, 104 जननी म्गचतमेे सेवा, ठंेम ।उइनसंदबम सेवा तथा 104 चिकित्सा परामर्ष सेवा पृथक्-पृथक् संचालित की जा रही हैं और इनकी सेवाएं प्राप्त करने के लिए बंससमत को अलग-अलग दनउइमत कपंस करने पड़ते हैं। इस समस्या के समाधान के लिए छभ्ड के तहत संचालित चार एम्बूलेंस सेवाओं को एकीकृत कर ’’जीवनवाहिनी प्दजमहतंजमक ।उइनसंदबम योजना’’ अब प्रारंभ की जायेगी।
प्दजमहतंजमक ।उइनसंदबम योजना प्रारंभ होने के उपरान्त किसी भी नम्बर 104 या 108 कपंस करने पर बंससमत को ंउइनसंदबम सेवाएं उपलब्ध कराई जा सकेंगी।
इस ंउइनसंदबम सेवा के प्रभावी होने से तमेचवदेम जपउम में कमी आने से मरीज तक जल्दी पंहुचा जा सकेगा। इस प्रणाली को आज से ही लागू किया जा रहा है।
ऽ बेहतर चिकित्सा सुविधा मुहैया कराने के साथ-साथ हमने चिकित्सकों की कमी को दूर करने के लिए ठोस कदम उठाए है। अब तक 4162 चिकित्सकों की नियुक्ति की जा चुकी है। प्रदेष में 8 नये डमकपबंस ब्वससमहम स्थापित किये जा रहे हैं जिसके माध्यम से उपचार की आधुनिक सुविधाएं आसानी से उपलब्ध हो सकेंगी।
ऽ जहां एक ओर चिकित्सकों की कमी को दूर करने का प्रयास किया जा रहा है वहीं प्रदेश में भी उमकपबंस की पढ़ाई के लिए सीटों की संख्यों में बढोतरी की गई है। पिछले 2 सालों में राजकीय डमकपबंस ब्वससमहमे की न्ळ ैमंजे में 450 तथा च्ळ मंे 66 ैमंजे की बढ़ोतरी की है।
ऽ डठठै योग्यताधारी चिकित्सकों की सेवानिवृत्ति आयु 60 वर्ष से अब बढ़ाकर 62 वर्ष की है।
ऽ ग्रामीण क्षेत्रों में गुणवत्तापूर्ण एवं निरन्तर स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराये जाने के उद्देश्य से आदर्श प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र योजना प्रारम्भ की गई है।
ऽ आदर्श प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र योजना के अन्तर्गत ऐसे प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों में ।ससवचंजीपबए ।लनतअमकं एवं योगा की सुविधाऐं एक ही छत के नीचे प्रदान की जायेगी और ऐसे आदर्श प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों के मानक मापदण्ड बनाये गये हैं।
ऽ आज से प्रथम चरण में 295 आदर्श प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों की शुरूआत की जा रही है। इसके सफल क्रियान्वयन के पश्चात् वर्ष 2017 तक हम ऐसे 900 प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों को भी आदर्श प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में परिवर्तित करेगें।
ऽ राज्य में योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा को बढ़ावा देने के उद्देश्य से 20 योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा केन्द्रों के भवन निर्माण कर उन्हे प्रारंभ कर दिया गया है। आयुर्वेद चिकित्सालय में जटिल व असाध्य बीमारियों के उपचार के लिए 24 पंचकर्म केन्द्र प्रारंभ किये गये हैं।
ऽ मैं आपका ध्यान एक और महत्वपूर्ण बिन्दु की ओर आकृष्ट करना चाहूंगी। और वो है चिकित्सालयों में अनुपयोगी पड़े चिकित्सा उपकरणों की। हम सबने देखा है कि किस प्रकार से कीमती उपकरण खराब पड़े रहते हैं और कई बार बिना उपयोग में लाए ही अनुपयोगी घोषित कर दिये जाते हैं। इसकी ओर कभी किसी ने ध्यान नहीं दिया। प्रयोग में नही आ रहे ऐसे उपकरणों के उपयोग तथा मांग केे अनुसार इनकी उपलब्धता सुनिष्चित करने और खराब उपकरणों की शीघ्र मरम्मत करने के लिए राज्य के प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों से जिला अस्पताल तक अब म्ुनपचउमदजे डंदंहमउमदज ंदक डंपदजमदंदबम ैलेजमउ की स्थापना की जा रही है।
ऽ इसके तहत राज्य के चिकित्सालयों के लगभग 41,604 उपकरणों की मरम्मत एवं रखरखाव की व्यवस्था 24ग्7 होगी। इस तरह के उपकरणों के प्रबंधन एवं रखरखाव के तंत्र की स्थापना से आमजन को लाभ मिलेगा।
बिजली
ऽ जिस तरह से किसी भी परिवार के लिए बिजली, पानी और सड़क की सुविधा उसकी मूलभूत जरूरतों के लिए आवश्यक है उसी प्रकार से प्रदेश की अर्थव्यवस्था के लिए भी इन तीनों का विकास अत्यन्त अनिवार्य है।
ऽ हमने इन तीनों ही क्षेत्रों पर विशेष ध्यान दिया है। बिजली के वार्षिक औसत बजट आवंटन में 192 प्रतिशत, पेयजल में 87.55 प्रतिशत और सार्वजनिक निर्माण विभाग में 140.87 प्रतिशत की वृद्धि की गई है।
ऽ सुराज संकल्प यात्रा के दौरान मैंने कहा था प्रदेशवासियों को घरेलू बिजली अच्छे तरीके से उपलब्ध करवायेंगे। इस दिशा में पहल करते हुए हमने ढीले तारों को ठीक कराना, आड़े-टेड़े खम्भोें को सीधा करना, खम्भो की कमी को दूर करना, बपतबनपज इतंामत लगना, मीटर लगाना, मिमकमत उंदंहमत नियुक्त करना जैसे ठोस कदम उठाए हैं, जिससे कि विद्युत तंत्र में सुधार हो और विद्युत की छीजत में कमी आ सके क्योंकि जब तक विद्युत तंत्र में सुधार नहीं आएगा तब तक गुणवत्तापूर्ण विद्युत उपलब्ध नहीं हो सकेगी। आज तकनीकी खराबी को छोड़कर शहरों में ही नहीं गांवों में भी घरेलू बिजली अच्छी मिलने लगी है।
ऽ हमने कहा था राजस्थान को बिजली के क्षेत्र में आत्म निर्भर बनायेंगे।
ऽ अपने वचन पर कायम रहते हुए 17 हजार 445 डॅ बिजली उत्पादन क्षमता के साथ हम आज विद्युत उत्पादन में आत्मनिर्भर हो गये हैं।
ऽ पारम्परिक ऊर्जा पर निर्भरता कम हो इस उद्देश्य से हमारी सरकार ने पवन एवं सौर ऊर्जा को बढ़ावा दिया है। इसका नतीजा रहा कि राजस्थान सौर ऊर्जा के क्षेत्र में देश में पहले नम्बर पर है।
ऽ अब समय आ गया है कि हम सौर ऊर्जा का भरपूर उपयोग करें, बसमंद ंदक हतममद मदमतहल को बढ़ावा दें। तवव िजवच ेवसंत चवूमत चसंदज के साथ-साथ पेयजल और कृषि के लिए सोलर पम्प का अधिक से अधिक उपयोग होना चाहिए। आने वाले समय में दुनिया ळतपक च्वूमत से हटकर ैवसंत च्वूमत पर आने वाली है। एक बार ैवसंत च्वूमत लगाने पर हमें फायदा ही फायदा है क्योंकि हमें प्रति यूनिट बिजली बिल का भुगतान नहीं करना होगा।
पेयजल
ऽ हर गांव – हर ढाणी के लोगों को पीने के लिए शुद्ध जल मिले, इसके लिए हमारी सरकार ने ढाई वर्ष में पेयजल योजनाओं पर 12 हजार करोड़ रूपये खर्च किए हैं।
ऽ हमने अब तक 24 बड़ी पेयजल परियोजनाओं को पूरा करने का जो लक्ष्य तय किया था उसमें से 19 परियोजनाओं का कार्य पूरा कर लिया है। बाकी बची 5 परियोजनाओं को भी इसी साल पूरा करने का प्रयास है।
ऽ उपलब्ध जल के बेहतर प्रबन्धन के लिए 671 नये कनिष्ठ अभियन्ताओं की नियुक्ति की प्रक्रिया प्रारम्भ कर दी गयी है। आगामी दिसम्बर तक इनकी नियुक्ति कर दी जाएगी।
ऽ जिस प्रकार से हमने कोटा के लिए ैमूमतंहम ैलेजमउ स्वीकृत किया था, उसी प्रकार से जयपुर शहर की घनी आबादी वाले क्षेत्र में ैमूमतंहम लाइनंे डालने के लिए 500 करोड़ रूपये के कार्य आगामी ढाई वर्ष की अवधि में हाथ में लिये जाएगे।
मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन अभियान
ऽ हम सभी को मालूम है कि पूरे देश का मात्र एक प्रतिशत जल ही हमारे पास है और भूजल के अत्यधिक दोहन से कुल 295 ब्लॉक में से 251 ब्लॉक डार्क जोन में आते हैं। ऐसी स्थिति में हमें बूंद-बंूद जल का संग्रहण करना होगा और उसका किफायती ढंग से उपयोग करना होगा।
ऽ इसी उद्देश्य से हमने 27 जनवरी, 2016 से पूरे प्रदेश में मुख्यमंत्री जल स्वावलंबन अभियान की शुरूआत एक आंदोलन के रूप में की।
ऽ इस जन आंदोलन में न केवल हमारा सरकारी तंत्र बल्कि आम जनता, किसान, महिलाएं, गैर सरकारी संगठन, धार्मिक ट्रस्ट और बवतचवतंजम भ्वनेमे ने बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया बल्कि इस पवित्र अभियान में संत महात्माओं और धार्मिक गुरूओं का भी पूरा आशीर्वाद प्राप्त हुआ।
ऽ इसी का परिणाम है कि मात्र 6 माह में 3 हजार 529 गांवों में 1192 करोड़ रूपये की लागत से 92 हजार 552 कार्य पूर्ण कराये जा सके।
ऽ यानि की प्रतिदिन लगभग 514 कार्य पूर्ण कराये गये। और अभी-अभी जब मैं डूंगरपुर के दौरे पर गई थी तो वहां के लोगों ने इन कार्यों की खूब सराहना की। उनका मानना था कि जल संग्रहण और वृक्षारोपण का ऐसा काम हुआ है जिससे उनको फायदा ही फायदा मिला है।
ऽ इस योजना की सराहना स्वयं माननीय प्रधानमंत्री जी के अलावा अन्य प्रतिष्ठित व्यक्तियों ने भी की है।
ऽ और इस पुनीत कार्य में हमें बड़े बुजुर्गों के आशीर्वाद के साथ-साथ परम पिता परमेश्वर का भी आशीर्वाद मिला है। प्रदेश के जिलों में इस योजना के अन्तर्गत निर्मित तालाब, ंदपबनज लबालब भर गए हैं।
ऽ मैं आप सब से आग्रह करती हूं, प्रार्थना करती हूं कि इन जल संग्रहण के कार्यों के इर्द-गिर्द सघन वृक्षारोपण करें ताकि जल संरक्षण के साथ-साथ हमारा पर्यावरण भी स्वच्छ हो सके।
ऽ हम इस अभियान को आगामी वर्षों में भी लागू रखेंगे। मैं आप सब से अनुरोध करती हूं कि आप सब इसमें और अधिक जोश और तन मन धन से सहयोग प्रदान करें।
ऽ इस वर्ष 2100 ब्तवतम रूपये की लागत से 4 हजार 200 नए गांवों में 16 छवअमउइमत से मुख्यमंत्री जल स्वावलंबन अभियान के द्वितीय चरण प्रारंभ हो जाएगा।
ऽ इस बार इस योजना को न केवल ग्रामीण क्षेत्रों में बल्कि शहरी क्षेत्रों में भी संचालित किया जायेगा।
ऽ शहरी क्षेत्रों में पूर्व में निर्मित बावड़ियों, तालाबों, जोहडों़ और चवदके आदि का जीर्णोद्धार कराया जाएगा। इसके अलावा त्वव िज्वच ॅंजमत भ्ंतअमेजपदह ैलेजमउ के निर्माण को भी प्रोत्साहित किया जायेगा, चमतबवसंजपवद जंदो भी निर्मित किये जाएंगे।
सड़क
ऽ सुचारू आवागमन के लिए सड़कों की महती आवश्यकता है। मजबूत सड़क तंत्र ग्रामीण तथा शहरी अर्थव्यवस्था का आधार स्तम्भ है। इसी को ध्यान में रखकर च्डळैल् के अन्तर्गत इस वर्ष शेष रही 1 हजार 480 आबाद ढाणी/मजरों को जोड़ने के लिए 1 हजार 612 करोड़ रूपये की लागत से 4 हजार 293 किलोमीटर लम्बाई में डामर सड़कों का निर्माण कराया जायेगा।
ऽ राज्य में बेहतर आवागमन के लिए अजमेर, डूंगरपुर, प्रतापगढ़, करौली, कोटा, झालावाड़, जोधपुर, नागौर, अलवर, हनुमानगढ़ और बीकानेर जिले की 500 किलो मीटर की ग्रामीण सड़कों को न्चहतंकम कर मुख्य जिला सड़क बनाया जाएगा।
ऽ इसके अलावा ग्रामीण क्षेत्रों में गांवों के अंदर की सड़कों को सुदृढ़ करने की हमेशा से मांग रही है, विशेषकर महिलाओं की जिन्हें कीचड़ भरे रास्तों से होकर जाना पड़ता था।
ऽ इस समस्या के समाधान के लिए ‘ग्रामीण गौरव पथ योजना‘ शुरू की, जिसके पहले चरण में 1963 ग्राम पंचायतों में 1720 किलोमीटर की ब्ब् त्वंक 748 करोड़ रूपये की लागत से बनाई है। दूसरे चरण में 2 हजार ग्राम पंचायतों में ग्रामीण गौरव पथ बनाए जाएंगे।
ऽ ग्रामीण गौरव पथ योजना की तर्ज पर गौरव पथ की सौगात अब शहरों को भी मिलेगी।
कृषि एवं पशुपालन
ऽ कृषि और पशुपालन राजस्थान की ग्रामीण अर्थव्यवस्था के प्रमुख आधार स्तंभ हैं। किसान की खुशहाली में ही प्रदेश की खुशहाली है।
ऽ अगर ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करना है तो हमें कृषि और पशुपालन में उन्नत तकनीक और नवाचार को अपनाना होगा तथा किसानों और पशुपालकों को ऋण सुविधा भी आसानी से उपलब्ध करानी होगी।
ऽ हमारी सरकार जयपुर में 9 से 11 नवम्बर तक ळसवइंस त्ंरंेजींद ।हतप.जमबी डममज . 2016 ;ळत्।डद्ध का आयोजन कर रही है।
ऽ ळत्।ड में देशभर से आने वाले 40,000 से अधिक किसान, पशुपालक और तकनीकी विशेषज्ञ अपने नवाचारों और अनुभवों का आपस में आदान-प्रदान करेंगे, उन्नत तकनीक से रूबरू होंगे जिससे उनकी आमदनी बढ़ सके। इस सम्मेलन में भाग लेने वाले बैंकों के माध्यम से उन्हें ऋण सुविधाओं की जानकारी भी मिल सकेगी।
ऽ आज हम किसानों को फसली ऋण योजना के तहत सहकारी बैंकों के माध्यम से ब्याज मुक्त ऋण उपलब्ध करवा रहे हैं। इस योजना को हमारे किसान भाइयों ने सराहा है। योजना की व्यापक सफलता और मांग को ध्यान में रखते हुए इस योजनान्तर्गत 1500 करोड़ रूपये के अतिरिक्त फसली ऋण उपलब्ध कराये जाने की मैं घोषणा करती हूं।
ऽ राज्य में च्।ब्ैध्स्।डच्ै ;च्तपउंतल ।हतपबनसजनतम ब्तमकपज ैवबपमजपमे ध् स्ंतहम ।तमं डनसजप च्नतचवेम ैवबपमजपमे द्ध का बवउचनजमतपेंजपवद किया जावेगा। इससे अल्पकालीन फसली ऋण एवं राजकीय योजनाओं के लाभ को लाभार्थियों के खाते में सीधे हस्तांतरण किया जा सकेगा और उन्हें घर बैठे डपबतव ।ज्डध्।ज्ड के माध्यम से 24ग7 ठंदापदह सुविधा उपलब्ध कराई जा सकेगी।
ऽ खेती में महिलाओं का योगदान कम नहीं है। महिला किसानों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से 7 जिलों की 19 पंचायत समितियों में राजस्थान आजीविका विकास परियोजना के माध्यम से योजना क्रियान्वित की जा रही है। इस योजना के अगले चरण में 42 करोड़ 33 लाख रूपये की लागत से एक और परियोजना स्वीकृत गई है, जिसके तहत राज्य के 13 जिलों की 18 पंचायत समितियों में 55 हजार 840 महिला किसानों को आगामी 3 सालों में लाभान्वित किया जाएगा।
यह परियोजना राज्य की ग्रामीण महिला किसानों को पहचान देने के साथ गरीबी उन्मूलन की दिषा में मील का पत्थर साबित होगी।
ऽ राज्य में पशुपालकों को पशु बीमा का लाभ पहुंचाने के लिए दुधारू, मालवाहक और अन्य चयनित पशुओं के लिए राजकीय अनुदानित भामाशाह पशुधन बीमा योजना 23 जुलाई 2016 से प्रारम्भ की गई है। इसके तहत अनुसूचित जाति एवं जनजाति तथा ठच्स् श्रेणी के पशुपालकों को चतमउपनउ राशि का 70 प्रतिशत तथा अन्य पशुपालकों को 50 प्रतिशत अनुदान दिया जायेगा।
ऽ राजस्थान दूध उत्पादन में अग्रणी राज्य है। दुग्ध संघों में दूध के संकलन व प्रसंस्करण क्षमता के विकास के लिए उदयपुर में 10.73 करोड़रुरूपये तथा पाली में 8.18 करोड़ रूपये की लागत से डेयरी सुदृढ़ीकरण के कार्य किये जाएंगे जिससे कि किसानों की आमदनी बढ़ सके।
ऽ सुराज संकल्प यात्रा के दौरान पश्चिमी राजस्थान के किसानों ने यह शिकायत की थी कि उनकी जमीन पर ळलचेनउ की परत होने से वो खेती नहीं कर पा रहे हैं।
ऽ हमने कुछ हद तक इस समस्या का समाधान भी किया और जुलाई 2014 में एक अधिसूचना भी जारी की परन्तु समस्या का आंशिक हल ही निकल पाया है। अब हमने किसानों की खातेदारी भूमि से ळलचेनउ की ऊपरी परत हटाने के लिए परमिट जारी करने के नियम बना दिये हैं। इसके अन्तर्गत किसानों को अधिकतम 5 हैक्टेयर क्षेत्रफल तक के परमिट जिला कलक्टर के स्तर पर ही अधिकतम 5 वर्षों के लिए जारी कर दिये जाएंगे। मैं आशा करती हूं कि इससे हमारे किसान भाइयों की भूमि की उत्पादकता बढ़ेगी और बाढ़ से भी निजात मिल सकेगी।
ग्रामीण विकास
ऽ मुझे खुशी है कि प्रदेश में स्वच्छ भारत मिशन के तहत एक अभियान के रूप में शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में निजी शौचालयों का निर्माण कराया जा रहा है।
ऽ बीकानेर जिला पूर्व में ही प्रदेश में पहला खुले में शौच मुक्त जिला ;व्क्थ्द्ध घोषित किया जा चुका है।
ऽ प्रदेश की 2 हजार 329 ग्राम पंचायतें भी व्क्थ् घोषित की जा चुकी हैं।
ऽ इसी क्रम में इसी वर्ष अजमेर जिले को व्क्थ् घोषित किया जा रहा है। आने वाले समय में पाली, चूरू, झुन्झुनूं और गंगानगर जिले के ग्रामीण क्षेत्र खुले में शौच से मुक्त ;व्क्थ्द्ध जिले घोषित कर दिये जायेंगे और साथ ही डूगंरपुर शहर को खुले में शौच से मुक्त ;व्क्थ्द्ध बना दिया जायेगा।
ऽ मुख्यमंत्री जल स्वावलंबन अभियान और न्याय आपके द्वार कार्यक्रम के साथ-साथ हम प्रदेश में पहली बार पंचायत से जुड़ी समस्याओं के निराकरण के लिए पूरे प्रदेश में 2 अक्टूबर 2016 से पंचायत शिविर आयोजित करेंगे।
पर्यटन
ऽ पवित्र तीर्थ पुष्करराज और हजरत ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह के कारण दुनियाभर में अजमेर का नाम है।
ऽ कहा जाता है कि ब्रह्मा जी जब सृष्टि की रचना के लिए निकले थे तब उनके हाथ से कमल के फूल की तीन पंखुड़ियां पुष्कर में तीन स्थानों पर गिरीं।
ऽ जिन्हें हम आज बूढ़ा पुष्कर, मध्यम पुष्कर और कनिष्ठ पुष्कर के नाम से जानते हैं।
ऽ यहां हजरत ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह में देश और दुनिया से जायरीन आकर ख्वाजा साहब की चौखट को चूमकर दुआएं मांगते हैं।
ऽ हमारे सिंधी भाईयों का दाहरसेन स्मारक, डवजीमत डंतल को समर्पित चर्च, अजमेर के गुरूद्वारे, देश के गिने-चुने मंदिरों में शामिल पारसियों का मंदिर, श्वेताम्बर जैन समाज की दादाबाड़ी, दिगम्बर जैन समाज की नसियां और नारेली में अतिशय क्षेत्र अजमेर की खास पहचान है।
ऽ सूफी संत हसन निजामी ने अपनी पुस्तक ‘ताज-उल-मासिर’ में अजमेर नगर का जिक्र करते हुए लिखा है –
’’अजमेर के बगीचे सात रंगों से सजे हुए हैं। इसके बगीचों के पुष्प इतनी सुगंध देते हैं जैसे कि उन्हें स्वर्ग से धरती पर भेजा गया हो। प्रातःकाल की सुगंधित वायु, बगीचों में इत्र छिड़क देती है और पूरब से आने वाली लहरियां ऐसी लगती है जैसे सुगन्धित लकड़ी जलाई गई हो।’’
ऽ इतिहास के पन्नों पर गौर करें तो अजमेर शहर की सुन्दर सी तस्वीर हमारे सामने आती है। ऐसा अजमेर जहां सभी मजहब फूलों की तरह एक गुलदस्ते में सजे हैं।
ऽ पर्यटन के लिहाज से अजमेर पूरी दुनिया में प्रसिद्ध है। यहां का दौलत बाग, आनासागर, फाय सागर, ढाई दिन का झौपड़ा, पृथ्वीराज स्मारक और पहाड़ी पर निर्मित ऐतिहासिक तारागढ़ किला अजमेर की सुन्दरता में चार-चांद लगाता है।
ऽ जहां एक ओर हमें अजमेर के प्राकृतिक सौंदर्य और पर्यटक स्थलों के मौलिक स्वरूप को बचाए रखना है वहीं हमें साथ मिलकर इस ऐतिहासिक नगरी को न केवल स्वच्छ एवं प्रदूषण मुक्त रखना है बल्कि इन सब के साथ-साथ ेउंतज बपजल के रूप में विकसित भी करना है।
ऽ हम 180 करोड़ रूपये खर्च कर पर्यटक स्थलों के स्वरूप को निखार रहे हैं। राजस्थान का पर्यटन पूरी दुनिया में अपनी खास पहचान रखता है। देश में कोई पर्यटक आता है तो वह हर हाल में राजस्थान की रंग-रंगीली संस्कृति और ऐतिहासिक वैभव को जरूर देखना चाहता है।
ऽ पर्यटन को बढ़ावा देने का ही परिणाम है कि हर वर्ष हमारे यहां देशी और विदेशी पर्यटकों की आवक का प्रतिशत लगातार बढ़ता जा रहा है।
ऽ हमारी सरकार सरकारी योजनाओं के माध्यम से हर व्यक्ति के जीवन में खुशहाली लाने का निरन्तर प्रयास कर रही है।
ऽ प्रदेश दिन-प्रतिदिन विकास की नई ऊंचाइयों को छू रहा है। और आपको जानकर खुशी होगी कि:-
 प्रतिदिन नई पेयजल परियोजनाओं पर लगभग 13 करोड़ रूपये खर्च किए जा रहे हैं।
 प्रतिदिन 125 हेक्टेयर से भी अधिक भूमि को बूंद-बूंद और फव्वारा सिंचाई योजनाओं से जोड़ा जा रहा है।
 प्रतिदिन 155 युवाओं को कौशल विकास परियोजनाओं में प्रशिक्षित किया जा रहा है।
 प्रतिदिन 1 हजार 65 युवाओं को सरकारी अथवा गैर-सरकारी रोजगार मिल रहा है।
 प्रतिदिन 2 हजार 940 युवा, मुद्रा योजना से लाभान्वित हो रहे हैं।
 प्रतिदिन 90 सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योगों का पंजीयन कराया जा रहा है।
 प्रतिदिन
 4 करोड़ 54 लाख रूपये सड़क निर्माण पर खर्च हो रहे हैं तथा
 साढ़े 14 किलोमीटर सड़क का निर्माण हो रहा है और
 तीन गांव/ढाणी सड़क से जोड़े जा रहे हैं।
 ये तो सिर्फ कुछ ही उदाहरण हैं। हमने पहले भी कहा था और आज भी कह रही हूं कि पूरा प्रदेश हमारे लिए एक परिवार है और इस परिवार से मिले स्नेह और विश्वास को मैं कभी भी व्यर्थ नहीं जाने दूंगी।
 हमारी सरकार आपकी अपनी सरकार है और इस सरकार में इस परिवार का एक-एक सदस्य भागीदार है।
ऽ बहनो और भाइयो!
ऽ समय तेजी के साथ करवट ले रहा है। हर पल नये बदलाव और नवाचार हो रहे हैं और राजस्थान अब पीछे नहीं रह सकता।
ऽ समय की इस तेज गति के साथ हमें भी अपने कदम आगे बढ़ाने होंगे क्योंकि मंजिल अभी दूर है।
ऽ टीम राजस्थान को कदम से कदम मिलाकर साथ चलना होगा तभी राजस्थान के नवनिर्माण की परिकल्पना को हम साकार कर सकेंगे।
ऽ और तभी हम हमारे सपनों के नये राजस्थान के मुकाम तक पहुंच पायेंगे।
ऽ तो आओ साथ चलें, मिलकर एक नया राजस्थान बनाएं।

!! भारत माता की जय!!

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