अजमेर में पाँच दिवसीय आॅक्टेव का आयोजन 21 से

एमडीएस विश्वविद्यालय में पूर्वोत्तर के आठ राज्यों की कलाओं का संगम
mds 450अजमेर, 19 सितम्बर। पश्चिम क्षेत्रा सांस्कृतिक केन्द्र उदयपुर तथा महर्षि दयानन्द सरस्वती विश्वविद्यालय अजमेर के संयुक्त तत्वावधान में विश्वविद्यालय परिसर मे भारत के उत्तर पूर्वी राज्यों का सांस्कृतिक उत्सव ‘‘आॅक्टेव/अजमेर’’ का आयोजन 21 से 25 सितम्बर 2016 तक किया जायेगा जिसमें आठ राज्यों के पौने तीन सौ कलाकार व शिल्पकार, साहित्यकार आदि भाग लेंगे।
पश्चिम क्षेत्रा सांस्कृतिक केन्द्र उदयपुर के निदेशक श्री फुरकान खान तथा महर्षि दयानन्द सरस्वती विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. कैलाश सोडाणी ने यह जानकारी देते हुए बताया कि भारत के उत्तरपूर्व के राज्यों की कला एवं संस्कृति का प्रसार देश के अन्य हिस्सों में करने तथा वहां के कलाकारों को कला प्रस्तुति देने का अवसर प्रदान करने एवं शिल्पकारों को उनकी बनाई कलात्मक वस्तुओं के लिये बाजार उपलब्ध करवाने के ध्येय से भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय ने ‘‘आॅक्टेव’’ के आयोजन की शुरूआत वर्ष 2006 में की। पश्चिम क्षेत्रा सांस्कृतिक केन्द्र द्वारा इस आयोजन की शुरूआत 2008 में गोवा से की गई तथा केन्द्र द्वारा गोवा में मडगांव, पणजी, महाराष्ट्र में औरंगाबाद व मुंबई, गुजरात में सूरत व वडोदरा तथा राजस्थान में जोधपुर में आॅक्टेव का आयोजन किया गया। राजस्थान प्रदेश के अजमेर में इस आयोजन का दूसरा पडाव है।
उन्होंने बताया कि केन्द्र की पहल पर अजमेर के महर्षि दयानन्द सरस्वती विश्वविद्यालय ने इस उत्सव की मेजबानी करने पर सहमति प्रकट की। उन्होंने बताया विश्वविद्यालय परिसर में इस आयोजन के पीछे प्रमुख ध्येय यही रहा है कि युवा व भावी पीढ़ी हमारे देश की कला एवं संस्कृति से रूबरू हो सके।
आगामी 21 से 25 सितम्बर के आयोजन की चर्चा करते हुए केन्द ्रनिदेशक श्री फुरकान ख़ान ने बताया कि पांच दिवसीय समारोह का उद्घाटन राज्यपाल श्री कल्याण सिंह द्वारा 21 सितम्बरको शाम 6.30 बजे किया जायेगा। उद्घाटन समारोह में सामाजिक न्याय व अधिकारिता मंत्राी श्री अरूण चतुर्वेदी तथा इ.टी.वी. के मुख्य कार्यकारी श्री जगदीश चन्द्र विशिष्ट अतिथि होंगे तथा अध्यक्षता महर्षि दयानन्द सरस्वती विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. कैलाश सोडाणी करेंगे।
उत्सव में अरूणाचल प्रदेश, आसाम, मेघालय, मणिपुर, मिजोरम, नागालैण्ड, सिक्किम व त्रिपुरा के कलाकार व शिल्पकार भागलेंगे।
उन्होंनेे बताया कि उत्सव के पहले दिन उद्घाटन के उपरान्त लोककला प्रस्तुतियों पर आधारित कोरियोग्राफ कार्यक्रम होगा। 22 सितम्बर को दूसरे दिन आसाम का शास्त्राीय नृत्य सत्तरीया का प्रदर्शन आसाम की सुश्री अनितातामुली व उनके दल द्वारा किया जायेगा। इसके बाद लोककला प्रस्तुतियाँ दर्शाई जाएंगी। उत्सव के तीसरे दिन 23 सितम्बर को सुबह साहित्य अकादमी नईदिल्ली के सहयोग से उत्तर पूर्वी राज्यों के कवियों से अलंकृत काव्य गोष्ठी का आयोजन होगा। इसी दिन दोपहर में साहित्य संगोष्ठी व परिसंवाद का आयोजन किया जायेगा।
उत्सव के चैथे दिन 24 सितम्बर को मणिपुर के श्री उपेन्द्रो शर्मा व उनके दल द्वारा प्रसिद्ध मणिपुरी रास का प्रदर्शन किया जायेगा। इसके पश्चात् लोककला प्रस्तुतियाँ होंगी। पांच दिवसीय उत्सव के अंतिम दिन नागालैण्ड के ‘‘हारमोनिकवाॅइस’’ दल द्वारा कोरलगायन प्रस्तुत किया जायेगा। इसके बाद अजमेरवासी मिजोरम के प्रसिद्ध राॅकबैण्ड ‘‘दीप्राॅफेट’’ से विभिन्न सांगीतीय प्रस्तुतियों का आनन्द उठा सकेंगे।
उत्सव के दौरान रोजाना दोपहर 2.00 बजे से महर्षि दयानन्द सरस्वती विश्वविद्यालय परिसर में आयोजित शिल्पबाजार में उत्तर पूर्वी भारत के शिल्पकारों द्वारा सृजित विभिन्न कलात्मक वस्तुओं को खरीदने का अवसर अजमेरवासियों को मिल सकेगा। इसके साथ ही ललितकला अकादेमी नईदिल्ली द्वारा पूर्वोत्तरराज्यों के चित्राकारों द्वारा सृजित चित्रों की कलाप्रदर्शनी का आयोजन किया जायेगा।
उन्होंने बताया किइस ‘‘आॅक्टेव’’ के आयोजन से युवावर्ग को जोड़ने तथा युवाओं को वहां के कलाकारों से साक्षात्कार करवाने के लिये कलाकार दलों द्वारा अजमेर के विभिन्न काॅलेज में कार्यक्रम प्रस्तुत किये गये तथा छात्रों से विभिन्न विषयों पर चर्चाएं की गई। इस मौके पर डीन छात्रा कल्याण डाॅ. प्रवीण माथुर भी उपस्थित थे।

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