पदनाम परिवर्तन की मांग को लेकर सड़क पर उतरेंगे

ructaराज्य की उच्च शिक्षा में कार्यरत हजारों शिक्षक रुक्टा (राष्ट्रीय) के बैनर तले दिनांक 7 नवम्बर 2016 को पदनाम परिवर्तन की मांग को लेकर सड़क पर उतरेंगे। इस संबंध में निम्न तथ्य ध्यात्व्य है –
1. एम. एच.आर.डी. ने 31 दिसम्बर 2008 को महाविद्यालय शिक्षकों के लिए छठे वेतनमान के आदेश प्रसारित किए इन आदेशों एवं इनके अनुरूप 30 जून 2010 को यू.जी.सी. द्वारा जारी रेग्यूलेशन के अनुसार महाविद्यालयों में व्याख्याता पदनाम असिस्टेंट प्रोफेसर/एसोसिएट प्रोफेसर/प्रोफेसर में बदल दिये एवं व्याख्याता पदनाम स्थाई रूप से विलोपित कर दिया। उक्त आदेशों के अनुरूप देश के लगभग सभी राज्यों ने महाविद्यालयों शिक्षकों का पदनाम परिवर्तित कर दिया है किन्तु राज्य के महाविद्यालय शिक्षकों का पदनाम परिवर्तन अभी तक नहीं हुआ है।
2. जनवरी 2014 में अजमेर में आयोजित रुक्टा (राष्ट्रीय) के प्रांतीय अधिवेशन में केबिनेट मंत्री श्री कालीचरणजी सराफ ने महाविद्यालय शिक्षकों का पदनाम परिवर्तन करने की घोषणा कर शिक्षक वर्ग में विश्वास जागृत किया। खेद का विषय है कि सरकार के एक केबिनेट मंत्री की घोषणा, जो कि सरकार की घोषणा होती है, के 34 माह बीतने के पश्चात भी उक्त घोषणा का क्रियान्वयन नहीं हो सका है।
3. इस संदर्भ में अप्रेल 2014 में मुख्यमंत्री श्रीमती वसुंधराराजे जी के साथ सम्पन्न संगठन की बैठक में भी पदनाम परिवर्तन के संबंध में मुख्यमंत्री द्वारा सकारात्मक रूख दिखाया। सितम्बर 2014 में अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ द्वारा राजस्थान विश्वविद्यालय में आयोजित राष्ट्रीय संगोष्ठी में संगठन महामंत्री द्वारा मुख्यमंत्री के समक्ष यह विषय रखा गया जिस पर भी मुख्यमंत्री ने अपनी मौखिक सहमति दर्शायी थी। इसके बाद निरन्तर उच्च शिक्षा मंत्री एवं अधिकारियों से हुई भेंट वार्ताओं में समस्त साक्ष्यों एवं तथ्यों के साथ विषय की गंभीरता बताई गयी। मुख्यमंत्रीजी के समक्ष भी विस्तार से तथ्यात्मक पत्र प्रेषित किये गये और उनसे सम्पर्क करने का लगातार प्रयास भी किया। गत 12 अप्रेल 2016 को मुख्यमंत्री निवास पर वसुंधरा राजे जी से इस विषय में विस्तृत भेंट वार्ता हुई। इस भेंट में मुख्यमंत्री के समक्ष संगठन महामंत्री द्वारा विस्तृत तथ्य रखकर शिक्षकों के मध्य पदनाम परिवर्तन को लेकर फैले गंभीर असंतोष की जानकारी दी गई।
4. मुख्यमंत्री के निर्देशानुसार मुख्यमंत्री कार्यालय में भाजपा अध्यक्ष श्री अशोक परनामी, उच्च शिक्षा मंत्री श्री कालीचरण सराफ, अतिरिक्त मुख्यसचिव शिक्षा श्री राजहंस उपाध्याय, प्रमुखशासन सचिव (वित्त) श्री प्रेमसिंह मेहरा, निजी सचिव (मुख्यमंत्री) श्री तन्मय कुमार के साथ संगठन महामंत्री की बैठक भी सम्पन्न हुई। जिसमें महामंत्री द्वारा यू.जी.सी. एवं विभिन्न राज्यों के पदनाम परिवर्तन संबंधी आदेश एवं पदनाम परिवर्तन न होने से राज्य की उच्च शिक्षा पर पडऩे वाले दूरगामी दुष्प्रभावों को रखा। किन्तु दुर्भाग्य से इस बैठक का भी कोई सकारात्मक परिणाम अभी तक नहीं आया है।
5. मुख्यमंत्री से हुई वार्ता से शिक्षकों में पुन: विश्वास जागृत हुआ था किन्तु गत 6 माह में उक्त प्रकरण में किसी भी प्रकार की प्रगति होती हुई परिलक्षित नहीं हुई है। इससे राज्य के शिक्षकों का निरन्तर अकादमिक नुकसान होने तथा कोई विशेष वित्तीय भार नहीं होने के बावजूद सरकार के उदासीन रुख से शिक्षकों के आक्रोश में लगातार वृद्धि हुई है।
6. रुक्टा (राष्ट्रीय) की हाल ही में सम्पन्न प्रदेश कार्यकारिणी बैठक में शिक्षकों ने अपने रोष एवं भावनाओं को व्यक्त किया जिसके चलते सर्वसम्मति से यह निर्णय लिया गया कि यदि दीपावली तक इस विषय में सरकार द्वारा कोई निर्णय नहीं लिया जाता है तो दीपावली पश्चात अकादमिक प्रोन्नति एवं राज्य की उच्च शिक्षा को अपूरणीय दुष्प्रभाव से बचाने के लिए राज्य की उच्च शिक्षा में कार्यरत हजारों शिक्षक सड़क पर उतरेंगे।
7. पदनाम परिवर्तन के संदर्भ में राज्य के विभिन्न स्थानीय जन प्रतिनिधियों भी भेंट कर संगठन ने अपना पक्ष रखा जिस पर राज्य के शताधिक जन प्रतिनिधियों ने भी पदनाम परिवर्तन की अनुशंसा की। जनप्रतिनिधियों की अनुशंसा पत्र एवं राज्य की 4200 शिक्षकों का हस्ताक्षरित ज्ञापन मुख्यमंत्री को प्रस्तुत कर दिया गया।
इन सब तथ्यों एवं संगठन के समुचित प्रयासों के बावजूद सरकार द्वारा पदनाम परिवर्तन के संबंध में कोई निर्णय नहीं लिये जाने के कारण राजस्थान की उच्च शिक्षा में कार्यरत हजारों शिक्षकों को मजबूर होकर अपनी भावनाओं की अभिव्यक्ति के लिए 7 नवम्बर 2016 को जयपुर में मुख्यमंत्री आवास के समक्ष प्रदर्शन करना पड़ रहा है।
(डॉ. नारायण लाल गुप्ता)

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