वर्तमान शिक्षा प्रणाली अपनी व्यवहारिकता खो रही है-चौधरी

dsc_0201अजमेर। अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ एवं वाणिज्य संकाय, महर्षि दयानन्द सरस्वती विश्वविद्यालय, अजमेर के संयुक्त तत्वावधान में उच्च शिक्षा में परीक्षा सुधार विषय पर आयोजित दो दिवसीय संगोष्ठी का समापन समारोह माध्यमिक शिक्षा बोर्ड, राजस्थान के अध्यक्ष प्रो. बी.एल.चौधरी के सानिध्य में सम्पन्न हुआ। प्रो. चौधरी ने कहा कि वर्तमान शिक्षा प्रणाली अपनी व्यवहारिकता खो रही है इस कारण समाज में लगातार संकुचित मानसिकता का विस्तार हो रहा है। यह समय की आवश्यकता है कि नई शिक्षा प्रणाली बनाई जाये जो कि आत्मिक, मानसिक, सामाजिक एवं राष्ट्रीय व्यवहार की पोषक हो। उन्होंने कहा कि उच्च उपाधि का मूल्यांकन का स्तर भी उपाधि के अनुरूप होना चाहिए। कार्यक्रम की अध्यक्षता महर्षि दयानन्द सरस्वती विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. कैलाश सोडाणी ने की उन्होंने अपने उद्बोधन में उच्च शिक्षा केन्द्रों को स्वायत्तता एवं रिक्त पदों को भरने की आवश्यकता बताई। कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ के राष्ट्रीय संगठन मंत्री महेन्द्र कपूर ने संगठन की गतिविधियों की जानकारी देते हुए बताया कि वर्तमान सत्र में महासंघ देश के विभिन्न कोनों में आठ संगोष्ठियां आयोजित कर रहा है। उन्होंने कहा कि शैक्षिक परिवार की परिकल्पना एवं शिक्षा को समाज में पूर्ण महत्तता दिलाना महासंघ का मुख्य ध्येय है। कार्यक्रम में संगोष्ठी निदेशक प्रो. बी.पी.सारस्वत ने सभी अतिथियों एवं प्रतिभागियों का धन्यवाद ज्ञापित किया।
समापन सत्र से पूर्व आज ही तृतीय तकनीकी सत्र में कोटा विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. पी.के. दशोरा तथा महर्षि दयानन्द सरस्वती विश्वविद्यालय की प्रो. ऋतु माथुर मुख्य वक्ता रहे। इस सत्र में प्रतिभागियों ने परीक्षा में नवाचार एवं उनमें गुणात्मक सुधार पर चर्चा की। डॉ. पी.के. दशोरा ने अपने वक्तव्य में कहा कि मूल्यांकन ऐसा होना चाहिए कि जिससे यह पता चले कि विद्यार्थी ने कितना ज्ञान अर्जन किया है।
संगोष्ठी के आयोजन सचिव डॉ. एस.के. बिस्सु ने बताया कि दो दिवस में देश भर से पधारे कुल 38 प्रतिभागियों ने पत्र वाचन किया एवं 113 प्रतिभागियों ने इस संगोष्ठी में हिस्सा लिया। डॉ. बिस्सु ने कहा कि दो दिवसीय संगोष्ठी में हुए मंथन से जो निष्कर्ष प्राप्त हुए हैं वे राजस्थान सरकार एवं केन्द्र सरकार के उच्च शिक्षा विभाग को भिजवाए जाएंगे।
प्रो. बी.पी.सारस्वत
आयोजन निदेशक

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