ग्लोबल राउंड स्कवॉयर कांफ्रेस 8 से 14 तक

mayoअजमेर। मेयो कॉलेज और मेयो कॉलेज गर्ल्स स्कूल मिलकर 08 जनवरी 2017 से 14 जनवरी 2017 तक ग्लोबल राउंड स्कवॉयर कांफ्रेस की मेजबानी कर रहे हैं । यह कांफ्रेस ‘मेकिंग ऐवरी ड्राप काउंट’ (जल की हर बूंद कीमती है) विषय पर केंद्रित होगी । इस कांफ्रेस में चीन, कनाडा, दुबई, कीनिया के साथ देश व दुनिया के 41 (34 भारतीय व 7 विदेशी) स्कूल भागीदारी कर रहे हैं । मेयो में आयोजित हो रही इस कांफ्रेस में कुल 353 डेलीगेट्स भाग लेंगे जिनमें छात्रों की प्रतिभागिता 295 है ।

राउंड स्कवॉयर से दुनिया के पाँच महाद्वीप के 40 देशों के 166 स्कूल जुड़ें हुए हैं । हर वर्ष देश और दुनिया के 7000 से अधिक छात्रों को विभिन्न स्तरीय कांफ्रेस में भाग लेने का मौका मिलता है । राउंड स्कवॉयर के सभी कार्यक्रमों का आधार इसके छः सिद्धांत – अंतर्राष्ट्रीयता, लोकतंत्र, पर्यावरण, साहस, नेतृत्व की क्षमता और सेवा होते हैं । राउंड स्कवॉयर में छात्र अपने योग्यताओं में स्वयं रंग भरते हैं और सीमाओं को तोड़ने के लिए स्वयं प्रयास करते हैं ।

मेयो ग्लोबल राउंड स्कवॉयर कांफ्रेस का उद्घाटन 9 जनवरी 2017 को होगा । उदघाटन समारोह मे मुख्य अतिथि राड फ्रे़ज़र (चेयरमैन, राउंड स्क्वॉयर) होंगे । इसके अतिरिक्त रचेल वेस्टबर्ग (सी ई ओ राउंड स्क्वॉयर), पापरी घोष ( रीजनल डायरेक्टर राउंड स्कवॉयर), मेयो कॉलेज गवर्निंग कॉंसिल के सम्मानित सदस्य व अन्य स्कूलों के गणमान्य प्रतिनिधि भी उपस्थित रहेंगे ।

इस वर्ष कांफ्रेस का उद्देश्य छात्रों में जल के बारे में जागरुकता पैदा करना है । सभी कार्यक्रम राउंड स्कवॉयर की थीम से जुड़े हैं । साप्ताहिक कांफ्रेस के दौरान मेजबान स्कूल अनेक गतिविधियों का संचालन करेगा । बराज़ा सत्र के दौरान छात्र जल से संबद्ध विविध पहलुओं पर विचार करेंगे, विविध सांस्कृतिक कार्यक्रमों के दौरान सभी देशों से आए हुए स्कूल प्रस्तुति देंगे । कार्निवल मेले के अतिरिक्त ऐडवेंचर व सेवापरक गतिविधियों का भी आयोजन भी होगा ।

मेयो में आयोजित इस कांफ्रेस में डेलीगेट्स को राजस्थान की समृद्ध सांस्कृतिक परंपरा से परिचित कराने के लिए ऐडवंेचर डेटिस्नेशन पर ले जाया जाएगा । उन्हें सामोद पैलेस, उमेद हवेली, देवगढ़ पैलेस और हादोती पैलेस बूंदी जाकर हमारे पूर्वजों के अद्भुत योगदान को देखने का अवसर प्राप्त होगा तथा वे जान सकेंगे कि पूर्वजांे ने पर्यावरण को समृद्ध बनाने के लिए कितना अप्रतिम योगदान दिया है ।

डेलीगेट्स में सेवा की भावना का विकास करना कांफ्रेस का महत्वपूर्ण लक्ष्य है । इस हेेतु छात्र उन स्थलों पर जाकर अपनी सेवाएँ देंगे, जिन्हंे वास्तव में इनकी आवश्यकता है । संसाधनों की कमी से संघर्ष कर रहे छात्रों के बीच जाकर डेलीगेट्स अपनी सेवाएँ प्रदान करेंगे । सेवा कार्य के लिए डेलीगेट्स मीनू मानो विकास मंदिर, बाल सदन आश्रम, दयानंद बाल सदन और मूक-बधिर विद्यालय में जाकर वंचितों व उपेक्षितों के लिए कार्य करेंगे ।

इस अवसर पर अनेक महत्वपूर्ण वक्ता और व्यक्तित्व डेलीगेट्स को कांफ्रेस की विषय-वस्तु का मर्म समझने के लिए प्रेरित करेंगे । इस कांफ्रेस का ध्यान भावी नागरिकों को जल के महत्व से अवगत कराने पर रहेगा । छात्र जल के महत्व को जानकर ही उसका कुशलतम उपयोग कर सकेंगे और जल संरक्षण के लिए प्रेरित होंगे । दादी पदुमजी, गीता रामानुजम, लक्ष्मी धौल, मीरा दास, मेघना इरेड और सिद्धार्थ चक्रयवर्ती जैसे प्रमुख वक्ता और व्यक्तित्व अपने-अपने कौशल से छात्रों में जल संरक्षण के प्रति चेतना के बीजवपन का प्रयास करेंगे । दादी पदुमजी कठपुतली विज्ञान में सिद्धस्त हैं । उन्हें संस्कृति प्रतिष्ठान पुरस्कार, दिल्ली नाट्य संघ पुरस्कार, संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है । सन् 2011 में राष्ट्रपति ने उन्हे पद्मश्री से भी सम्मानित किया है ।एक कुशल शिक्षक, आकदमीशियन और प्रशासक गीता रामानुजम कहानी कहने की कला में अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रख्यात हैं । लक्ष्मी धौल की रुचिगत विविधता ही इनकी विशेषता है । मीरा दास ओड़ीसी नृत्य में अपना अधिकार रखती है और इस क्षेत्र में अपनी विशिष्ट पहचान बनाए हुए हैं । आप दर्शन विज्ञान में स्नातक हैं और बचपन से ही इस कला में आपकी अभिरुचि रही है । ऐनीमेशन के क्षेत्र में अपनी पहचान बनाने वाली भारतीय वायस आर्टिस्ट मेघना इरेंड अनेक विदेशी विषयों को हिन्दी और मराठी भाषा मंे डब कर चुकी हैं । उन्होंने डोरेमॉन, शिन चैन जैसे प्रसिद्ध कार्टून चरित्रों को आवाज दी है । समुद्र संरक्षणवादी हैं और सी शेफ़र्ड ग्लोबल के लिए कार्यरत सिद्धार्थ चक्रवर्ती ने अपने जीवन के दस वर्ष समुद्री जीवन के संरक्षण में समर्पित कर दिए हैं ।

मेयो ग्लोबल राउंड स्कवॉयर कांफ्रेंस युवा मानस में जिज्ञासा व विचारान्वेषण को बढ़ाने के लिए आदर्श बिंदु है । सर्वांगीण विकास के लिए सामंजस्य की भावना व दायित्वबोध को विकसित करने के लिए भी यह आदर्श वातावरण की नींव रखता है । इसमें छात्रों केा अपनी सीमाओं और सुविधा क्षेत्र से बाहर निकल कर सीखने का अवसर मिलता है । यह एक ऐसा मंच है, जो छात्रों केा सफ़लता के निश्चित मार्ग तक पहँुचने का अवसर देता है ।

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