मोदी पर आरोपों की बौछार करते हुऐ जिला कलेक्टर को आरोप पत्र सौंपा

congress logoअजमेर 7 जनवरी। नोटबंदी के कारण आमजन को हो रही परेशानियों के मद्देनजर अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी द्वारा विमुद्रीकरण के खिलाफ देष व्यापि आव्हान के तहत संगठन की शहर व देहात ईकाई ने प्रर्दषन कर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर आरोपों की बौछार करते हुऐ जिला कलेक्टर को आरोप पत्र सौंपा।
निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार शहर व देहात के वरिष्ठ नेतागण व कार्यकर्ता सुबह से ही डाक बंगले पर जमा होना शुरू हो गऐ और दोनों जिलाध्यक्षों की अगुवाई में सरकार द्वारा किऐ गऐ नोटबंदी के निर्णय के खिलाफ नारे लगाते हुऐ जुलूस के रूप में रवाना हुऐ कांग्रेसी कार्यकर्ता हाथों मे सरकार विरोधी नारे लिखी तख्तीयां लेकर चल रहे थे। कांग्रेसियों का जुलूस जिला कलक्ट्रेट पर पंहुचते ही कांग्रेसजन कलक्ट्रेट के मुख्य दरवाजे पर चढ़ कर सरकार कंे खिलाफ नारेबाजी करने लगे। कार्यकर्ता बंद गेट को खोलने को लेकर वहां तैनात भारी पुलिस बल उलझे और धक्का मुक्की के बीच नारे लगाते हुऐ प्रर्दषन किया। इस अवसर पर कांग्रेसी नेताओं ने कार्यकर्ताओं को सम्बोधित किया।
प्रदेष कांग्रेस के उपाध्यक्ष एवं पूर्व विधायक रघू शर्मा ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने भाषणों में आज तक इस बात का कोई जिक्र नहीं किया कि नोटबंदी के 50 किन बाद लोगों की समस्याएं कब और कैसे दूर होंगीं। आज भी एटीएम से लोग तय सीमा के 4500 रुपए ही नहीं निकाल पा रहे, न ही स्थिति सुधर जाने का दावा करने वाली सरकार खाते से निकासी की सीमा को 24000 से बढ़ा सकी है। न ही कतार में हुई मौतों पर कोई मुआवजा देने की घोषणा की गई।
शहर कांग्रेस अध्यक्ष विजय जैन कहा कि प्रधानमंत्री मोदी यह तो बताते हैं कि देश में महज 24 लाख लोगों ने अपनी आय 10 लाख बताई है, लेकिन उन्होंने यह नहीं बताया कि तथाकथित धनी-मानी लोगों को सही आय बताने के लिए क्या तरीका अपनाया जाएगा। खुद को देश के किसानों का शुभचिंतक होने का दावा करने वाले प्रधानमंत्री यह नहीं बताते कि सोसायटियों को धान बेचने वाले किसानों को उनका खुद का पैसा कब मिलेगा। जब उन्हें पैसा ही नहीं मिल रहा तो आप किस मुंह से 60 दिन ब्याजमाफी का वादा उनसे पूरा करेंगे। उन्होंने यह भी नहीं बताया कि नोटबंदी से देशभर में जिन लोगों का रोजगार छिन गया, उनके लिए वे क्या करेंगे, उन्हें नौकरी देंगे या भत्ता। क्या उन्हें अपने शब्दजाल में फंसा कर उनकी तारीफ से ही पेट भर देंगे।
नसीराबाद विधायक राम नारायण गुर्जर एवं पूर्व विधायक नाथुराम सिनोदिया ने कहा कि प्रधानमंत्री ने कर्ज लेने में छूट की घोषणा तो कर दी लेकिन, वे यह भूल गए कि जिस वर्ग के लिए कर्ज पर छूट की घोषणा उन्होंने की है वह कर्ज लेने लायक आवश्यक मूल रकम कहां से लाएगा, वह तो रोज कमाता, रोज खाता है उन्होने कहा कि नोटबंदी के 58 दिनों बाद भी राजस्थान के उद्योगों में उत्पादन 35 फीसदी कम हो रहा है। रोज कमाने-खाने वाले मजदूरों के साथ अब किसानों को भी भूखे मरने की नौबत आ गई है। सब्जियां उगाने वाले किसानों को उनकी फसल की लागत नहीं निकल रही।
पूर्व मंत्री ललित भाटी ने कहा कि नोटबंदी की मियाद खत्म होने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्र के नाम अपने संदेश में गोलमोल बात की है और काम की सूचनाएं नहीं दी हैं। मोदी ने कहा था कि 50 दिनों में स्थिति नहीं सुधरी तो उन्हें जो भी सजा दी जाएगी वह उसे स्वीकार करेंगे अब उन्हें बताना चाहिए कि किस चैराहे पर उनको सजा दी जानी चाहिए।
प्रदेष कांग्रेस सचिव महेन्द्र रलावता, सुरज्ञान सिंह गौसल्या, सुरेष मिश्रा, पूर्व मंत्री नसीम अख्तर एवं गंगा देवी ने अपने संबोधन मे कहा कि मरहम लगाने की बजाय प्रधानमंत्री समेत समूची भाजपा लोगों के घाव कुरेद रही है। मजदूरों को खाने के लाले पड़े हुए हैं। उन्हें कैशलेस होने की सीख दी जा रही है, लेकिन अपनी ही पार्टी के नेताओं को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सुधार नहीं पा रहे हैं। उन्होंने इस तरह से देश को संबोधित किया मानों बैंकों में नोट जमा करने भर से सब ठीक हो गया जबकि नोटबंदी के 58 दिन बाद भी देश और प्रदेश में हालात सुधरे नहीं बल्कि जस के तस हैं।
प्रर्दषन में शामिल होने वाले वरिष्ठ कांग्रेजनों में पूर्व विधायक डा. राजकुमार जयपाल, ब्रह्यदेव कुमावत, हाजी कय्यूम खान, राम रूवरूप चैधरी, कमल बाकोलिया, हेमंत भाटी थे। अंत में धन्यवाद देहात अध्यक्ष भूपेन्द्र सिंह राठौड़ ने ज्ञापित किया।
प्रर्दषन में प्रमिला कौषिक, कुलदीप कपूर, फकरे मोईन, विषणु माथुर, कैलाष झालीवाल, सुकेष कांकरिया, अषोक शर्मा, ललित भटनागर, दिनेष शर्मा, श्याम प्रजापति, एमडीएस युनिर्वसिटी के अध्यक्ष दीनाराम दौलिया, कन्या महाविद्यालय की अध्यक्ष कल्पना रावत, प्रताप यादव, राजकुमार पाण्डया, आरिफ हुसैन, अषोक बिंदल, विजय नागौरा, महेष हांकला, मुजफ्फर भारती, हमीद चीता, शैलेन्द्र अग्रवाल, मुख्तार अहमद नवाब, बलराम शर्मा, सबा खान, लोकेष शर्मा, अब्दुल रषीद, बषीर मोहम्मद, महेष चैहान, मजू बलाई, हिमांयु, शमषुद्दीन, शैलेष गुप्ता, कामना मिश्रा, कमल गंगवाल, वैभव जैन, गंगा गुर्जर, महेन्द्र काटरिया, उर्मिला नायक, रागीनी चर्तुवेदी, मंजू सोनी, सुषमा राठौड़, कैलाष कौमल, चन्दन सिंह, निर्मल बैरवाल, आषा तुनवाल, सुनिल कैन, श्रवण टोनी, भरत धोलखेड़िया, रष्मि हिंगोरानी, गीता गुर्जर, नोरत गुर्जर, सर्वेष पारिक, मनोज कंजर, बाबर खान, मनीष शर्मा, पुनीत सांखला, सईद खान, विजय असरवा, सिराज खान, सदाकत अली, दिनेष वासन, रवि शर्मा, सागर मीणा, दीपक धानका, मनीष सेठी, महेन्द्र जोधा, दीन दयाल शर्मा, सुनील मोतियानी, नवीन भाटी, बालमुंकूद टांक, राजेन्द्र नरचल, फिरोज खान, राजकुमार टांक, सिराज खान, पोली चीता, मुबारक अली चीता, अनुपम शर्मा सुरेष राठौड़ चन्द्र प्रकाष बोहरा, गोपाल चैहान, अरूणा कच्छावा सहित शहर देहात के सैंकड़ों कार्यकर्ता मौजूद थे।

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