शहर जिला भाजपा ने पं. दीनदयाल उपाध्याय की जयन्ती मनाई

अजमेर। भारतीय जनता पार्टी के प्रेरणा पुरूष भारतीय जनसंघ के संस्थापक राष्ट्रीय महामंत्री तथा भा.ज.पा. के मूल दर्शन ‘‘एकात्म मानववाद’’ के प्रणेता पं. दीनदयाल उपाघ्याय की 96वीं जयन्ती के अवसर पर आज शहर भा.ज.पा. ने जिलाध्यक्ष रासासिंह रावत की अध्यक्षता में आयोजित कार्यक्रम में उन्हे श्रद्धाजंलि की।
इस अवसर पर कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में बोलते हुये वरिष्ठ नेेता तथा पूर्व प्रदेश महामंत्री श्रीकिशन सोनगरा ने कहा कि देश की आज़ादी के पश्चात सत्तारूढ़ कांग्रेस में राष्ट्रीयता का हृास होने लगा था तथा द्विराष्ट्रवाद के आधार पर देश का बटवारा हो गया। कांग्रेस पार्टी से ही देश की एकता एवं अखंडता को खतरा उत्पन्न हो रहा था। ऐसी विषम परिस्थिति में उस समय के केन्द्रीय मंत्री डॉ श्यामा प्रसाद मुर्खीज ने मंत्री पद का त्याग कर देश में राष्ट्रवाद का भाव जागृत कर तथा कांग्रेस का विकल्प बनाने के संकल्प के साथ 1951 में जनसंघ की स्थापना की। कश्मीर की अखंडता के लिए 1953 में डॉ मुखर्जी के बलिदान के पश्चात उनके इस सपने को सांस्कृतिक राष्ट्रवाद तथा विचारधारा के आधार पर कर्तव्य परायणता के साथ पं. दीनदयाल उपाध्याय ने पूरा किया। सोनगरा ने कहा कि वर्ष 1965 में कच्छ के रण को पाकिस्तान को देने की तत्कालीन शासकीय योजना के विरोध में पं. दीनदयाल उपाध्याय ने देशभर में जनजागरण किया तथा उस समय जनसंघ के नेतृत्व में 5 लाख लोगों ने संसद पर विशाल प्रदर्शन किया। इस आन्दोलन के बाद जनसंघ की स्वीकार्यता बढी तथा इसके बाद गोवा दमन दीप मुक्ति के लिये भी आन्दोलन चलाया। सोनगरा ने कहा कि पंडित दीनदयाल जी का आर्थिक चिन्तन भी महत्वपूर्ण था। पाश्चात्य सोच पर आधारित पूंजीवाद व साम्यवाद व्यक्ति व समाज को अलग अलग कर वर्ग संघर्ष को बढावा दे रहे थे। ऐसे में पं. दीनदयाल जी ने व्यक्ति व विश्व के समग्र विकास के लिये ‘‘एकात्म मानववाद’’ का दर्शन प्रस्तुत किया। जिस पर आज विश्व के अनेक देश शोध कर रहे है। पं. दीनदयाल जी कहते थे कि संस्कृति के आधार पर ही देश एक रह सकता है इसीलिये उन्होने एक देश, एक जन एवं एक सस्ंकृति का नारा दिया। सोनगरा ने कहा कि देश में वर्तमान में उत्पन्न चुनौतियों से निपटने के लिये आज भी दीनदयाल जी की नीतियाँ प्रासंगिक है।
जिलाध्यक्ष रासासिंह रावत ने कहा कि दीनदयाल जी ने संस्कृति को राजनीति से जोडने तथा सम्पूर्ण राष्ट्र को एकता के सूत्र में बाधने का कार्य किया। अपने परिवार में इकलौता बेटा होते हुऐ भी उन्होने परिवार की इच्छा के विपरीत लौकिक सुखों का त्याग कर राष्ट्र के लिये अपना जीवन समर्पित कर दिया। रावत ने दीनदयाल जी को राष्ट्र के लिये समर्पित चाणक्य बताते हुऐ कहा कि उन्होने मैट्रिक से लेकर उच्च शिक्षा में सदैव प्रथम स्थान प्राप्त किये तथा उनकी कुशाग्र बृद्धि के कारण उन्हें अनेक गोल्ड मेडल मिले तथा उन्होने सरकारी सेवा में उच्च अधिकारी की नौकरी के निमन्त्रण को भी त्याग कर राष्ट्र सेवा का व्रत लिया। देश में संविद सरकारो का प्रयोग उन्हीं ने प्रारम्भ किया तथा अंतिम व्यक्ति के विकास के लिये अन्त्योदय योजना भी उनकी देन है कि जिसे कई सरकारों ने क्रियान्वित किया। विधायक श्रीमती अनिता भदेल ने पं. दीनदयाल उपाध्याय को श्रद्धांजली देते हुऐ कहा कि उन्होने पूरा जीवन जनसंघ के विस्तार श्रेष्ठ कार्यकर्त्ताओं के निर्माण तथा सांस्कृतिक राष्ट्रवाद की धारणा को स्थापित करने में लगा दिया यह उनकी ही विचारधारा, नीतियों व कर्तव्य का परिणाम है कि आज भा.ज.पा. देश की बडी पार्टी के रूप में कार्यरत है। एकात्म मानवाद तथा अन्त्योदय के उनके विचार को सम्पूर्ण विश्व में सम्मान के साथ देखा जा रहा है। भदेल ने कहा कि उनकी जयन्ती पर हम संगठन को मजबूत बनाने के साथ ही उनकी विचारधारा व सिद्धान्तों को बूथ स्तर तक पहुँचाने का संकल्प ले।
विधायक वासुदेव देवनानी ने कहा कि पं. दीनदयाल जी ने सांसारिक सुखों का त्याग करके संघ के प्रचारक के रूप में राष्ट्र की सेवा का संकल्प लिया। दीनदयाल जी का व्यक्तित्व व व्यवहार अनुकरणीय था। जिससे प्रभावित होकर लाखों लोगों ने निस्वार्थ भाव से जनसंघ के कार्य में सहयोग किया। देवनानी ने कहा कि वर्तमान परिस्थितिया अत्यन्त विकट है तथा इनका निराकरण दीनदयाल जी के चिन्तन के आधार पर हो सकता है। देवनानी ने कहा कि वह प्राचीन ऋषियों की बुद्धिमता के सहारे आधुनिक समस्याओं का हल हमारें लिये निकाल देते थे तथा उन्होने भविष्य में आने वाली समस्याओं के निदान हेतु सनातन धर्म के आधार पर अचूक उपचार बताये।
वरिष्ठ उपाध्यक्ष एवं प्रवक्ता अरविन्द यादव ने कहा कि दीनदयाल जी अद्भुत प्रतिभा के धनी तथा कुशल संगठन कर्ता थे उनका मस्तिष्क अतीत से जुडा हुआ था, वर्तमान में सक्रिय रहता था तथा भविष्य की चिन्ता करता रहता था। उन्होने हमारे कृषि क्षेत्र को पुर्नजीवित करने के लिये एक व्यापक योजना तैयार की तथा नियोजन में पहले कृषि, फिर छोटे उद्योग तब बडे उद्योग यह वरीयता का क्रम निर्धारित किया यादव ने कहा कि आज देश को पं. दीनदयाल उपाध्याय जैसे सर्व सम्पन्न राष्ट्रवादी नेतृत्व की आवश्यकता है।
जिला महामंत्री धर्मेन्द्र गहलोत ने पं. दीनदयाल जी को श्रद्धांजली देते हुऐ कहा कि पं. दीनदयाल जी यह भली भंाति जानते थे कि मानवता के दोष विशेषकर सम्पूर्ण जगत के दोष भारतीय संस्कृति के आधार पर ही दूर किये जा सकते है। गहलोत ने दीनदयाल जी की नीतियों के अनुसार पूर्ण एकजुटता के साथ सगंठन के माध्यम से देश सेवा का आहवान किया।
जिला महामंत्री कैलाश चन्द कच्छावा ने कहा कि दीनदयाल जी की जयन्ति का यह दिवस हमें हमारे कार्यो व प्रगति की समीक्षा करते हुऐ हमें सगंठन दिवस के रूप में मनाना चाहिए। कच्छावा ने कहा कि वर्तमान में राष्ट्र भीतर व बाहर से राष्ट्रीय खतरों से जूंझ रहा है। ऐसे में राष्ट्र की एकजुटता के लिये सांस्कृतिक राष्ट्रवाद का भाव जाग्रत करना आवश्यक है।
उप महापौर अजीत सिंह राठौड ने कहा कि दीनदयाल जी की अध्यक्षता में जनसंघ का जनाधार तेजी से बढा बडे से बडे विरोधी भी मानने लगें कि आने वाले समय में वह देश की बागडोर सम्भाल लेगें लेकिन इसके पूर्व अत्यन्त र्दुभाग्यपूर्ण परिस्थितियों में 11 फरवरी 1968 को उनकी हत्या हो गयी।
भा.ज.पा. शैक्षिक प्रकोष्ठ के प्रदेशाध्यक्ष तथा सदस्यता अभियान के प्रभारी प्रो. बी.पी. सारस्वत ने कहा कि पं. दीनदयाल उपाध्याय ने छात्र जीवन में ही अपने कर्तव्य बोध को प्राप्त किया भारतीय जनसंघ का जिस प्रकार से प्रभावी रूप से विस्तार हुआ। वह पं. दीनदयाल जी की योजनाबद्ध परिश्रम शीलता का ही परिणाम है। सारस्वत ने कहा कि वर्तमान यू.पी.ए. सरकार अपना जनाधार खो चुकी है तथा देश की जनता को भा.ज.पा. पर विश्वास एवं अपेक्षाएं है इस कसौटी पर हमें खरा उतरना है।
कार्यक्रम का संचालन जिला महामंत्री सोमरत्न आर्य ने किया। इस अवसर पर जनसंघ के समय से कार्यरत तथा आपातकाल में जेल जाने वाले पूर्व विधायक नवलराय बच्चाणी, हरीश झामनानी तथा तुलसी सोनी का सम्मान किया गया।
कार्यक्रम में युवा वर्ग को भा.ज.पा. की विचारधारा से जोडकर 23 सितम्बर को जवाहर रंगमंच में विशाल युवा सम्मेलन की सफलता पर पार्टी अध्यक्ष रासासिंह रावत ने पार्टी के वरिष्ठ उपाध्यक्ष तथा युवा मोर्चा के प्रभारी अरविन्द यादव का भी सम्मान किया।
कार्यक्रम के अन्त में अल्पसंख्यक मोर्चा के प्रदेश उपाध्यक्ष मो. इब्राहिम फकर ने आभार व्यक्त किया। प्रारम्भ में जगदीश चांवला ने देश भक्ति का गीत तथा भानू चावला ने वन्दे मातरम् से शुरूआत की। इस अवसर पर वरिष्ठ नेता तथा पूर्व न्यास अध्यक्ष धर्मेश जैन, पूर्व सभापति सुरेन्द्र सिंह शेखावत, सरोज जाटव, डॉ. प्रियशील हाडा, सीताराम शर्मा, जयकिशन पारवानी, डॉ. कमला गोखरू, कंवल प्रकाश किशनानी, सम्पत सांखला, देवेन्द्र सिंह शेखावत, गोपाल सिंह चौहान, भारती श्रीवास्तव, बलराम हरलानी, घीसू गढवाल, आनन्द सिंह राजावत, नरपत सिंह, मदन सिंह रावत, सैय्यद सलीम भाई, फरहाद सागर, नरेन्द्र सिंह शेखावत, सी.पी. गुप्ता, विनिता जैमन, लियाकत अली, प्रेम सिंगारिया, उमेश गर्ग, शरद गोयल, घीसू लाल माथुर, वेदप्रकाश जोशी, रमेश मारू, खेमचन्द नारवानी, राजेश घाटे, कमलेश जैन, सुशीला उदावत, विनोद कंवर, वीरेन्द्र वालिया, सूरज भानू यादव, जे.के. शर्मा, जसपाल सिंह, हरि प्रजापति, महेश जोशी, अटल शर्मा, गोपाल शर्मा, बीना सिंगारिया, शंकर नाथ, नवनीत जैन, दीपक लखवानी, राजवीर कुमावत, तारासिंह रावत, मुन्ना मंसूरी, जे.के. गौड, यतेन्द्र शर्मा सहित कार्यकर्ता उपस्थित थे।
प्रवक्ता
अरविन्द यादव
मो. 9414252930
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